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ᴘᴜʟᴋɪᴛ ʏᴀᴅᴀᴠ.
White धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है, लेकिन खुद को बदलना होगा अब समय के अनुसार."🦋 ©ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी. #Romantic #समय के साथ सब कुछ बदल जाता है।🦋
karishma Gujjar motivation quote
कल मैंने सभी लेखकों को प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए एक मैल लिखा नोजोटो टीम को उसे आप नीचे Coptaion में पढ़ें और नोजोटो टीम की उस मैल पर प्रक्रिया बहुत ही सराहनीय रही पुरा लेख पढ़ें। ©karishma Gujjar motivation quote नमस्कार नोजोटो टीम में करिश्मा जो की आपके हमारे प्रिय नोजोटो ऐप पर लिखते https://nojoto.page.link/JfSNv हुये मुझे एक साल से ऊपर का समय कब
Ashutosh Mishra
White ,,,दोस्ती के रंग समय के संग,,, बड़ों की बातों का मुझ पर भी असर है सुना था साहब,,,,,दोस्ती में बड़ा दम है कोई पूछे भुझसे दोस्तों का हाल हुआ करते थे कभी मेरे भी कई दोस्त होती थी खूब मौज मस्ती दोस्तों के संग साथ खेलना खाना जी भर मौज मस्ती रंग बचपन के दिन बीत गए आई अब जवानी अलग हो गई सबकी फिर अपनी अपनी कहानी अब तो सबके जीवन में आ गई जिममेदारी बढने लगी दूरियां जीवन में कौन दोस्त कैसी यारी पहले कभी कभार फोन पर बातें हो जाया करतीं थी अब तो केवल यादों के संग रह गई यारी,,,,,,यादों के संग रह गई यारी।। अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #Dosti बड़ो की बातों का मुझ पर भी है असर सुना था,,,,, दोस्ती में है बड़ा दम। #दोस्त #दोस्ती #दोस्ती_शब्द_नही_एहसास_है #दोस्तीकेरंग-समय क
INDIA CORE NEWS
AJAY NAYAK
“विश्व पुस्तक दिन की हार्दिक बधाई ” “किताबें आपको सिर्फ ज्ञान ही नही देती हैं यह आपको संरक्षित, सुरक्षित भी करती हैं।” समय निकालकर किताबें जरुर पढ़ें। –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ www.nayaksblog.com ©AJAY NAYAK #BooksBestFriends #worldbooksday “विश्व पुस्तक दिन की हार्दिक बधाई ” “किताबें आपको सिर्फ ज्ञान ही नही देती हैं यह आपको संरक्षित, सुरक्षित
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
White इश्क में नहीं रिस्क में समय बर्बाद करें क्योंकि इश्क में बर्बादी है और रिस्क में कामयाबी..!! ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). #City #इश्क में नहीं रिस्क में समय बर्बाद करें क्योंकि इश्क में बर्बादी है और रिस्क में कामयाबी..!!
Devesh Dixit
दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही सुलझी नहीं, बिगड़ गये हालात। खींचा तानी ये करें, देते भी आघात।। मन मुटाव भी कम नहीं, खड़ी हुई दीवार। जंग छिड़ी है देखलो, निकल गये हथियार।। अब सबको ही चाहिए, अपना घर परिवार। एक साथ मिलकर नहीं, रहने को तैयार।। कैसी ये दीवार है, होते सब आघात। बेचैनी भी बढ़ रही, हो दिन या फिर रात।। कलयुग का ये है समय, चुभा रहे हैं शूल। अलग हुए जब से वही, तब से सब अनुकूल।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #दीवार #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry दीवार (दोहे) खड़ी हुई दीवार है, अब अपनों के बीच। रिश्ते ये ऐसे लगें, जैसे कोई कीच।। उलझन ही