Find the Latest Status about बागवान means from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बागवान means.
एस पी "हुड्डन"
इश्क के नाम पर ना उलझ हमसे पगली, इस दिल में इश्क के लिए गुस्से की आग है। क्यों चंद पैसे के लिए मैं किसी की नौकरी करूं, मेरे पास इज़्ज़त की रोटी कमाने को सेब के बाग है। ©एस पी "हुड्डन" #बागवान
jyoti gurjar
आपकी तकलीफ मुझे अपनी लगती है, आपकी दुआओं से कश्ती मेरी चलती है। न जाने कौन सा डर दिल को सता रहा है, आप ठीक नहीं पर,दिल मेरा बैठा जा रहा है। कभी धूप में तप जाऊं ऐसी नौबत ना आपने मुझ तक जाने दी, सिर पर हाथ रखकर कमी ना कभी मुझे किसी चीज की आने दी। आपने हर ख्वाहिशों से मेरी झोली भर दी, हर जख्म पर मेरे मल्हम पट्टी कर दी। आपके अरमान पूरे करने का मौका दीजिए, यू हिम्मत हार कर मुझे कमजोर ना कीजिए। _ज्योति गुर्जर #बागवान
Vivek Kumar Yadav
हमारी भी एक बगिया हैं, जिसमें एक पुष्प और उसकी शोभा बढ़ाती एक मल्लिका है ,ये हर पल उसकी सौंदर्यता में चार चांद लगाने के लिए तात्पर्य हैं बागवान
J P Lodhi.
फूलों-कलियों की कीमत तो सिर्फ बाग का बागवान जानता है। खिल खिलाते फूल-कलियों को देख खुदको धनवान मानता है। अक्सर जमाना ले कर खुशबू,कलियों को भी मसल डालता है। बागवान तो फूलो-कलियों संग कांटों पर भी जान छिड़कता है। JP lodhi 12/06/2023 ©J P Lodhi. #बागवान #phool
Shilpa Modi
यूं ही नहीं हम तुम पर फिदा है तुम से मिलकर तुम्हें देखकर खिल खिल जाता मनका बागवान है ©Shilpa Modi #मन का बागवान
Kamal bhansali
दिल के गुलशन में हजारों फूल उगाता उनहें प्यार की अलग अलग खुश्बुओं से नहलाता क्या करूँ साहब बागवान बना कर भेजा आपको मुस्कराते देख मैं भी मुस्कानों की मजदूरी पाता जीवन का यही दस्तूर मुझे सिर्फ समझ में आता ✍️कमल भंसाली #gif बागवान ***कमल भंसाली
Sachin Ratnaparkhe
"ग़ज़ल-ए-बारिश" आज आगोश-ए-बारिश में भीगता शहर देखा, भीगती जवानियां ओ उन्मादी महशर देखा। रोज तो जल रहे थे हम तपिश-ए-आफताब से, आज उसी आफताब का बादलों में सफर देखा। घोर सुनसान सा रहता था जो बागवान अक्सर, आज उसी बागवान में खिलता गुलमोहर देखा। सूखती टहनियां और खिजां से जो था आतंकित, आज पुनर्जन्म लिए वो हराभरा शज़र देखा। इन ठंडी हवाओं से जो हुआ मौसम खुशनुमा, इन्हीं हवाओं में पैगाम-ए-इश्क का पैगंबर देखा। चाहे फुहार हो या फिर हो मूसलाधार बारिश, हुस्न-ए-जाना का तिश्नगी जिस्म होते तरबतर देखा। महक-ए-बारिश से जितना मदहोश हुआ है राही, इश्किया ज़ाम से तेज मगर आशिकाना ज़हर देखा। #ग़ज़ल_ए_बारिश #आगोश_ए_बारिश बागवान #खिजां #उन्मादी_महशर #हुस्न_ए_जाना #तिश्नगी_जिस्म #महक_ए_बारिश #तपिश_ए_आफ़ताब