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Moksha
Maa जिस्म से ज़ब रूह जुदा होती हैं ना पूछो क्या दुर्दशा होती हैं... कलेज़े पर रखती है पत्थर माँ जब बेटी की (जुदाई) विदाई होती हैं... बिछड़ती है ऊँगली बाबा की माँ के आँचल की छाँव छूटती है... घर की सब दर दीवारे सुन्न सन्नाटे की आह गूंजती है जब बेटी की विदाई होती है.... हर चीज पराई होती हैं.... हंसी ठहाके ठिठोलियाँ लड़कपन, बचपन की वो सब गलियां भूलती हैं चिड़िया सी चहचहाने वाली हर साख पर अपना हक जमाने वाली, आँगन में फिर से वही बगिया ढूंढती हैं जब बेटी की विदाई होती हैं.... हर चीज पराई होती हैं...... बाबा का अभिमान, माँ की सीख समझ और ज्ञान सहेज चलती वो पल्लू में बांधकर जैसे कोई कीमती धरोहर पहला कदम जब नए आशियाने में रखती हैं भाई बहन की नोक-झोंक, लड़ाई-झगड़े, मौज-मस्ती के शोर को चारों और खोजती हैं... जब बेटी की विदाई होती हैं..... हर चीज पराई होती हैं.... माहौल नया लोग नए अंदाज सब नए निराले अवसर नया, सफर नया, संघर्ष नया, परीक्षा नई, देकर साक्षात्कार तब बेटी, बहू का पद संभालती जब भी लड़खड़ाती, डगमगाती, विचलित या भर्मित हो जाती तब खुद में वो माँ को टटोलती हैं जब बेटी की विदाई होती हैं.... ना पूछो क्या दुर्दशा होती कलेज़े पर रखती हैं पत्थर माँ हर चीज पराई होती हैं जब बेटी की विदाई होती हैं.........................! ©Moksha #maa #motherlove #beti #vidai #pain #sad #love #poetry #Shayari #nojotohindi
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read moreKalu Khan
क्यों मेरा दिल तेरा सवाल करता है क्यों तेरा साया मेरे साथ साथ चलता है क्यों तन्हाइयों में तेरा शोर सुनाई आता है तू मेरा है तो क्यों नहीं नजर आता है ©Kalu Khan #WoSadak #Shayari#DilKa #Dard
Sushil Chaudhary
नौ दीन में लाडले भुला दिया, मुझे खरीद कर, रूला दिया, ़़़़़़ं आदि शक्ति भवानी हूं सब देवताओं का अन्तर्यामी हूं मुझ में सब सुष्टि है मेंरी आखे में सब की दिरसटी है नौ््दीन में लाडले ...ll मिट्टी की मां का बोल सुनो मेरी बचन अनमोल सुनो, मुझे खरीद कर लाते हो, प्राण प्रतिष्ठा करवाते हो ््््नौ दीन में लाडले ्््,, ढोल नगाड़े जागरण बाजा क्यों भुल गए बेटा राजा मुझ में भी अब प्राण बसा है बोलो गलती हो क्या सजा है ्््नौ दीन में लाडले ्््, दसवीं में क्या दशा किया मेरे लाडले सब नशा किया प्रवाह में जग ने दशा किया नदी कैसे भसा दिया ््।। नौ्््दीन में लाडले,, कैसे प्रवाह में फैंकते हो क्या मां का दर्द देखते हो कैसी दशा होती है चिखती हू, कलयुग में नहीं बस दिखती हूं नौ दीन में लाडले।््,, मेरे लाडले ऐसे ना फेको उल्टा पुल्टा ना मुझे देखो बस मेरी मन रुठ ना जाए मा का प्यार छुट ना जाए,,, तुम्हारी , मां दुर्गा काली सरस्वती,,, जय माता दी ©Sushil Chaudhary #navratri # ma ka dard@
#navratri # ma ka dard@
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