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Anup Kumar Gopal
जिंदगी की जंग, लड़ते रहेंगे संग । जुदा न होंगे हम- तुमसे ही सुगंध । ©Anup Kumar Gopal #LongRoad तुमसे ही सुगंध
Anup Kumar Gopal
जिंदगी की जंग, लड़ते रहेंगे संग । जुदा न होंगे हम- तुमसे ही सुगंध । ©Anup Kumar Gopal #achievement तुमसे ही सुगंध
Ashok Topno
फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है लेकिन व्यक्ति की अच्छाई हर हर दिशा में फैलती है ©Ashok Topno फूलों की सुगंध 🌹🌹💯💯💯 #nojoto #viral #vichar
ankus bhatt pandit ji
मथुरा की खुशबू, गोकुल का हार वृंदावन की सुगंध, बरसाने की फुहार राधा की उम्मीद, कान्हा का प्यार ©Pramod Kumar #Holi मथुरा की खुशबू, गोकुल का हार वृंदावन की सुगंध, बरसाने की फुहार राधा की उम्मीद, कान्हा का प्यार
Secret Spiritual
White संसार में बहुत दुख हैं, बुरी है निराशा है, परंतु पौधो पर कांटे होने से फूलों की, उनके रंगो की, उन पर मंदरा रही तितलियों की, हवा में फेल रही सुगंध की सुंदरता कम नहीं होती... ©Secret Spiritual संसार में बहुत दुख हैं, बुरी है निराशा है, परंतु पौधो पर कांटे होने से फूलों की, उनके रंगो की, उन पर मंदरा रही तितलियों की, हवा में फेल रही
Bhanu Priya
sunset nature तुम्हारी खिड़की पर आके रुकूंगी पवन बनकर तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी सुगंध बनकर स्पर्श करके तुम्हें उन दीवारों में समा जाऊंगी खुशबू बनकर पट में लिपटकर तुम्हारे खुद को सिलवा कर उन धागों संग खुद को उलझा कर बसेरा अपना बना लूंगी तुम बस महसूस करना तुम्हारे आशियाने में रहकर मैं गीत अपने गाउंगी । ©Bhanu Priya #its_poetry तुम्हारी खिड़की पर आके रुकूंगी पवन बनकर तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी सुगंध बनकर स्पर्श करके तुम्हें उन दीवारों में समा जाऊंगी खु
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- तुम्हें दिल की धड़कन बना लूँ । न देखे कोई मैं छुपा लूँ ।।१ सजा कर तेरी माँग को मैं । तुम्हें दिल की रानी बना लूँ ।।२ दफन कितने अरमान दिल में । ठहर तो जरा मैं मिटा लूँ ।।३ बुरा ही कहेगा जमाना । अगर गोद में जो उठा लूँ ।।४ खिलेंगे सुमन भी चमन में । कदम इश्क़ में जो बढ़ा लूँ ।।५ इजाजत हमें तुम अगर दो । नज़र से नज़र मैं मिला लूँ ।।६ प्रखर हर्ज तुमको नहीं तो । उसे देख कर मुस्कुरा लूँ ।।७ २२/०४/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- तुम्हें दिल की धड़कन बना लूँ । न देखे कोई मैं छुपा लूँ ।।१ सजा कर तेरी माँग को मैं । तुम्हें दिल की रानी बना लूँ ।।२ दफन कितने अरमान द
Sangeeta Kalbhor
श्वासांचा श्वासांना पडता विळखा.. कोणी सांगितले तुला मला काही वाटत नाही मन पेटलेले असल्यावर तन मुळी पेटत नाही हवा असतो मला नित्य सोहळा तनामनाचा थरार अनुभवायचा असतो प्रत्येक क्षणाचा लपेटून घ्यायचे असते तुला उबदार श्वासात नको असतो थोडाही दुरावा प्रणयी सुवासात विळख्यात तुझ्या अखंड डुंबून माळावा सुगंध भिडता नजरेला नजर यौवनाचा भलताच गंध कडाडावी शलाका रे तुझ्या हळुवार स्पर्शाने मी माळावा अवघा वसंत किती किती हर्षाने श्वासांचा श्वासांना पडता विळखा मंत्रमुग्ध व्हावे मला जे जे सांगायचेय ते न सांगता तुला कळावे सरसावून यावास तू मला घेण्या मिठीत सखया सामावता तुझ्या बाहूत क्षणही नको जावा वाया...... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor श्वासांचा श्वासांना पडता विळखा.. कोणी सांगितले तुला मला काही वाटत नाही मन पेटलेले असल्यावर तन मुळी पेटत नाही हवा असतो मला नित्य सोहळा तनाम
AARPANN JAIIN
White फूलों की महक से सजी यह बगिया हर रंग में सिमटी है प्रकृति की सरगम हर कली में छुपी है मुस्कान की चंचलता जीवन में भरती है रंगों का पथ फूलों की खिलखिलाहट है मन को भाती हर सुगंध में बसी है खुशियों की मिठास प्रेम का संदेश देते हैं ये नन्हे फूल दिल को छू जाती है इनकी कोमल प्यास ©AARPANN JAIIN #flowers #Life #Life_experience #Love #Nature फूलों की महक से सजी यह बगिया हर रंग में सिमटी है प्रकृति की सरगम हर कली में छुपी है मुस्कान
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ