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SmileyChait
बस एक नजर का वार था उनके और हम कायल हो गए दिदार ए मोहब्बत में था ज़ख्मी दिल और हम घायल हो गए ©SmileyChait #eternallove दिदारे मोहब्बत SHIVANSH UP WALA Dr Imran Hassan Barbhuiya Satyaprem Upadhyay mirrorsouls_sqsh Natrajan
Jashvant
White ख़िरद-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है कि मैं इस फ़िक्र में रहता हूँ मेरी इंतिहा क्या है ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है मक़ाम-ए-गुफ़्तुगू क्या है अगर मैं कीमिया-गर हूँ यही सोज़-ए-नफ़स है और मेरी कीमिया क्या है नज़र आईं मुझे तक़दीर की गहराइयाँ इस में न पूछ ऐ हम-नशीं मुझ से वो चश्म-ए-सुर्मा-सा क्या है अगर होता वो 'मजज़ूब'-ए-फ़रंगी इस ज़माने में तो 'इक़बाल' उस को समझाता मक़ाम-ए-किबरिया क्या है नवा-ए-सुब्ह-गाही ने जिगर ख़ूँ कर दिया मेरा ख़ुदाया जिस ख़ता की ये सज़ा है वो ख़ता क्या है ©Jashvant मेरी इम्तिहा क्या है PФФJД ЦDΞSHI Geet Sangeet Neema Satyaprem Upadhyay Dr Imran Hassan Barbhuiya
Dilshad Gauhar
Jashvant
वो कैसी औरतें थीं जो गीली लकड़ियों को फूँक कर चूल्हा जलाती थीं जो सिल पर सुर्ख़ मिर्चें पीस कर सालन पकाती थीं सहर से शाम तक मसरूफ़ लेकिन मुस्कुराती थीं भरी दोपहर में सर अपना जो ढक कर मिलने आती थीं जो पंखे हाथ के झलती थीं और बस पान खाती थीं जो दरवाज़े पे रुक कर देर तक रस्में निभाती थीं पलंगों पर नफ़ासत से दरी चादर बिछाती थीं ब-सद इसरार मेहमानों को सिरहाने बिठाती थीं अगर गर्मी ज़ियादा हो तो रूह-अफ़्ज़ा पिलाती थीं जो अपनी बेटियों को स्वेटर बुनना सिखाती थीं सिलाई की मशीनों पर कड़े रोज़े बताती थीं बड़ी प्लेटों में जो इफ़्तार के हिस्से बनाती थीं जो कलिमे काढ़ कर लकड़ी के फ़्रेमों में सजाती थीं दुआएँ फूँक कर बच्चों को बिस्तर पर सुलाती थीं और अपनी जा-नमाज़ें मोड़ कर तकिया लगाती थीं कोई साइल जो दस्तक दे उसे खाना खिलाती थीं पड़ोसन माँग ले कुछ बा-ख़ुशी देती दिलाती थीं जो रिश्तों को बरतने के कई नुस्ख़े बताती थीं मोहल्ले में कोई मर जाए तो आँसू बहाती थीं कोई बीमार पड़ जाए तो उस के पास जाती थीं कोई तेहवार हो तो ख़ूब मिल-जुल कर मनाती थीं वो कैसी औरतें थीं मैं जब घर अपने जाती हूँ तो फ़ुर्सत के ज़मानों में उन्हें ही ढूँढती फिरती हूँ गलियों और मकानों में किसी मीलाद में जुज़दान में तस्बीह दानों में किसी बरामदे के ताक़ पर बावर्ची ख़ानों में मगर अपना ज़माना साथ ले कर खो गई हैं वो किसी इक क़ब्र में सारी की सारी सो गई हैं वो ©Jashvant वो मिलने आती थी Sethi Ji Ek Alfaaz Shayri Puneet Arora Sunny Dr Imran Hassan Barbhuiya Raj Guru
SmileyChait
White दुनिया से बात हम खुद की नहीं अपनी करते हैं तब्बजो देना तो क्या आप हमे सरेआम ठुकराया करते हैं फिर भी ना कभी हम गमजदा होकर आपका एतबार किया करते हैं कि जिल्लत में ही सही आपके खातिर ठोकरे खाते बेखौफ ही जी लिया करते हैं ©SmileyChait #Couple SHIVANSH UP WALA mirrorsouls_sqsh Author Shivam kumar Mishra Dr Imran Hassan Barbhuiya Krishna Soni
Surjit prabh
White हमसफ़र 🥀मेरा मुझे रास्ते में छोड़ कर गया है सारे वादे सारी कसमें 🌹तोड़ कर गया है हमसफ़र मेरा मुझे रास्ते में छोड़ कर गया है ©Surjit prabh #SAD शिवम् सिंह भूमि Jaspal Farmay Kajal jha (kaju) Shahnaz imran Ali
Khusantor Bengali Music
DRx Khan
اپنا لُقمہ بھول کر سب کو کھلانے میں مگن ماؤں کے دم سے ہیں افطار و سَحَر کی رونقیں ♥️🙏😌 ©Heartless #Ammijaanmeri❤ Faiz Iqbal Munni Arshad Siddiqui Missam_____&& sana naaz Dr.Mahira khan Farooq Farooqui Riyashaikh Sabeena IMRAN HUSSAIN
DRx Khan
Assalamalaikum Ramzan ki 9th Sehri Mubarak Ho kabhi socha hai humara deen e islam kitna Khubsoorat hai , jahan sehri Karna Bhi Ibadat Hai... Arsh Se Farsh Tak Rahmaton ka silsila Jari Hai... ©DRx Khan #ramadan Munni naaz NAZAR vineetapanchal Shilpa priya Dash Dr.Mahira khan Riyashaikh Dr Imran Hassan Barbhuiya moody.khushii Bhavana Pande
DRx Khan
भुला देंगे आपको, ज़रा सब्र तो कीजिए, हमें आपकी तरह होने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा। 🤍❤️❤️💔 ©DRx Khan #be💔brøken आलोक जी कुमार रंजीत (मनीषी) Ankitmotivation06 Sameer Mansoory Dr Imran Hassan Barbhuiya