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Shravan Goud

जागी जागी जागी रे, दिवले री जोत जागी रे । म्हारा सूं मत करजे, भवानी रीसणो ॥🌹🌹🙏🙏

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जागी जागी जागी रे,
दिवले री जोत जागी रे ।
म्हारा सूं मत करजे,
भवानी रीसणो ॥ जागी जागी जागी रे,
दिवले री जोत जागी रे ।
म्हारा सूं मत करजे,
भवानी रीसणो ॥🌹🌹🙏🙏

Shravan Goud

माता का भजन पारंपरिक 🙏जागी जागी जागी रे,दिवले री जोत जागी रे । म्हारा सूं मत करजे, भवानी रीसणो ॥

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जागी जागी जागी रे,
दिवले री जोत जागी रे ।
म्हारा सूं मत करजे,
भवानी रीसणो ॥....
माता के भजन — % & माता का भजन पारंपरिक 🙏जागी जागी जागी रे,दिवले री जोत जागी रे । म्हारा सूं मत करजे, भवानी रीसणो ॥

Abhishek Rajhans

सुन री रे सरकार #nojotohindi

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सुन री रे सरकार
लोकतंत्र का कर दिए हो व्यापार
लगेगी हाय गिरेगी तू
आँसुओं का एक एक कतरा मिल कर
अब समंदर बन रहा है
देख तुम्हारे पतन के लिए
अब कोने-कोने से चाणक्य सड़क पर चल पड़ा है
बेटियाँ, बहने अब सजने की जगह
लड़ने निकल पड़ी है
क्या तुम भूल गए हो
तुम्हारा अस्तित्व हमसे है
फिर भी तुमने हमे ही ललकारा है
लाठियों के प्रहार ने जो दर्द दिया है
उसका असर अब तुम्हारे अस्तित्व पर पड़ने वाला है
सुन री रे गूंगी,बहरी सरकार
तुमने घायल नहीं किया है
हमारे बीस-पच्चीस भाई बहनों को
तुमने बूढ़ी होती उस माँ की उम्मीदों को चोट पहुंचाया है
जो खुद अनपढ़ रहकर
अपने बेटे को शिक्षक बनाना चाहती थी
तुमने खेतों में हल चलाते उस बाप के
पसीने को धिक्कारा है
तुमने उस कलम को तोड़ना चाहा है
जो देश के नौनिहाल का भविष्य लिखना चाहता था
अरे! काँपे नही तुम्हारे हाथ
महिला सुरक्षा का दम्भ भरने वाले दंभी
तुमने उन पर आखिर कैसे लाठी चलाया है
आखिर तुम्हारे सुशासन बाबू का नकाब
अब उतर ही आया है
क्या तुम अपनी शक्ल देख सको
ऐसा कोई आईना राजपथ पर लटकाया है
धिक्कार है तुम्हे
ओ री गूंगी, बहरी सरकार
अगर नहीं करे पाये तुम अपेक्षित सुधार
तो तुम्हारा जाना तय है इस बार—-अभिषेक राजहंस सुन री रे सरकार #Nojoto #NojotoHindi

Astha Raj Dhiren

#allalone वाह री दुनिया... ....... .... गजब तेरे रीत रे....

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आज के समय में ये सब जानते हैं कि
 हर कोई अपने मन का मालिक है
लेकिन फ़िर भी....
हर कोई किसी दूसरे व्यक्ती को 
अपना गुलाम बना के रखना चाहता है!! 
............
ना जाने कितने लिबास ओढे हैं इन चेहरों पे... 
हर एक मौके पर नया चेहरा देखाते हैं.... 
अपने काम के लिए तो मीठा जहर पिलाते हैं...
ओर बाद में बातों के बाण चलाते हैं.... 
October 4, 2020

©💕Astha Raj Dhiren 💕 #allalone
वाह री दुनिया... 
.......
....
गजब तेरे रीत रे....

Tushar Mishra

वाह री संसद, वाह रे सांसद 🤣# तुषार मिश्र #nojotovideo

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Lawyer Bhati

मारे ओसीया गाँव रे कृष्ण मन्दिर री कहानी हुक्म 🙏 #krishna_flute #story

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Parasram Arora

कविता जागी

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चुप्पी तोड़  मौन जब बोला 
कविता   जागी 
नैन मूँद कर जो देखा 
वही सच था 
इस सच ने जब अमृत घोला 
कविता   जागी कविता  जागी

sachin mishra

ओ री चिरईया नन्ही सी चिड़िया अंगना में फिर आजा रे ☺ #गौरेया #Save

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हमारे घर-आंगन में फुदकने वाली गौरैया कहीं गुम हो गई है। जिसकी चहचहाहट में प्रकृति का संगीत सुनाई देता था वो अब मुश्किल से दिखाई देती है। ...
#save गौरेया 🙏 ओ री चिरईया नन्ही सी चिड़िया अंगना में फिर आजा रे ☺
#गौरेया

Shubham Bambori

#रात जागी

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कल रात में भी जागा
कल रात तू भी जागी
बस फर्क इतना था 
में तेरे लिए जागा 
ओर
तू किसी ओर के लिए जागी
SB #रात जागी

Darshan Raj

विषय:- बसंत ऋतु..✍ आई रे आई देखो री वसंत ऋतु की बहार आई रे..! झूम के नाचो री सखियाँ कि मनवा फुहार लाई रे..! शीत ऋतु की बीते री रैना चैत्र #Spring #कविता #गीत #hindi_poetry #nojotonews #darshan #WForWriters #वसंतऋतु

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आसान मंज़िल  

आई रे आई देखो री वसंत ऋतु की बहार आई रे..!
झूम के नाचो री सखियाँ कि मनवा फुहार लाई रे..!

शीत ऋतु की बीते री रैना चैत्र वैशाख द्वार लाई री नैना..!
झूम के नाचो री  बगियां कि फुलवा हजार लाई रे..!

आम के पेड़ों पर बौरें आने लगी पतंगा आसमां छाने लगी..!
मन को मगन करे  ठंडी-ठंडी ऐसी  बियार लाई रे..!

सरोवर पर जब आए रे मितवा झूम के सब गाए रे गीतवा..!
हरी-हरी बगियन में कोयल तान सुनावन आई रे..!

शाखों से शोर करे जो पतवा बागों में मयूर हो जावे रे मतवा..! 
झूमो रे झूमो गाओ मयूरवा बरखा संग बहार लाई रे..!

अब्र से जब छटती छटा कोहरे के आंचल को ढकती घटा..!
बीत गई विरह  की  घड़ियां  रुत ये सुहानी आई रे..!

गांमन की सखियां मिलावत अखियां चार तरह की बनावे रे बतियां..!
प्रेम प्रसंग की अलौकिक छवि सभी मनवा भाई रे..!

आई रे आई देखों री वसंत  ऋतु  की बहार आई रे..!
झूम के नाचों री सखियाँ  कि मनवा  फुहार लाई रे..!

©Darshan Raj विषय:-  बसंत ऋतु..✍

आई रे आई देखो री वसंत ऋतु की बहार आई रे..!
झूम के नाचो री सखियाँ कि मनवा फुहार लाई रे..!

शीत ऋतु की बीते री रैना चैत्र
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