Find the Latest Status about अनर्गल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अनर्गल.
Deep Kushin
फलसफा-ए-मरासिम,परिभाषा-ए-मरासिम वो हमको बताते हैं खुद ही जो रिश्ते तोड़कर बैठे हैं, शायद बेतुकी बातों में उन्हें मज़ा बहुत आता है। #अनर्गल_प्रलाप
Kamya Singhi
फर्क नहीं पड़ता मुझको अब तुम्हारे किसी भी अनर्गल तर्क से। अनर्गल - अनर्थक #yqbaba #yqdidi#yqtales #yqquotes #love #life
Nandan Sarmah
कम शब्दो मे , अपनी पूरी जजबात रखा करो । महत्वहीन होती हैं अनर्गल बातें , उसका प्रयोग ना ही किया करो । ऐसी अपशब्द बाते तुम्हे केवल, तुच्छ
Dr Om Saa
सुनो... ये गुलाब सिर्फ़ तुम्हारे लिए...— % & सुनो... वो जो मोहब्बत थी न तुमसे, वैसी अब शायद किसी और से ना कर पाऊं मैं.... तुम्हारा पता नहीं पर आज एक दफा फिर आंखे नम हुईं हैं लबों कि कंप
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
प्रेम.. प्रेम सा कहाँ रहा बही-खाते की लिपि बना तुमने वो न किया मैंने यह सब किया नाप-तोल तराजू बना तुम वो नहीं अब मुझको वो न रहने दिया आकलन का बिन्दु बना तुम प्रेम योग्य नहीं मैंने कैसे प्रेम कर लिया पश्चाताप की अदृश्य नदी बना तुमने जीना दुश्वार किया मैंने स्वयं कंटक पथ चुना रोज़-रोज़ का अनर्गल प्रलाप बना तुम भी चुप मैं भी चुप बिना क़ैद, क़ैदखाना बना प्रेम. अब प्रेम सा कहाँ रहा काल्पनिक चोला उतार यथार्थ धरा पर खड़ा...! 🌹 प्रेम.. प्रेम सा कहाँ रहा बही-खाते की लिपि बना तुमने वो न किया मैंने यह सब किया नाप-तोल तराजू बना
Sangeeta Kalbhor
कतई नही.. कुछ प्रश्न आज भी मेरे जहन में पलते है.. देह का व्यभिचार ही व्यभिचार होता है... या भावनाओं का विचारों का भी होता है... और गर होता है तो यहाँ सभी व्यभिचारी है कभी ना कभी ,कहीं ना कहीं हम अनर्गल जरुर सोचते है जो हमारे लिए भी उचित नही होता.. फिर हम क्यूँ औरों की तरफ उँगली दर्शाते है.. बहुतांश लोगों को ये भी पता नही होता है हम स्वयं स्वयं के कातिल होते है.. वासनायें जब भी जन्म लेती है खोखला कर देती है मनुष्य को.. दिमक की तरह अंदर ही अंदर से और हम है कि अपने आप को भुक्तभोगी समझते है.. अपनी ही नजर में.. पर ऐसा होता नही.. कतई नही..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor कुछ प्रश्न आज भी मेरे जहन में पलते है.. देह का व्यभिचार ही व्यभिचार होता है... या भावनाओं का विचारों का भी होता है... और गर होता है तो यहा
Ravikant Raut
Vedantika
दूसरों को पीछे धकेल वो खुद आगे बढ़ गया दूसरों की मेहनत के बल कामराँ खुद को कर गया तस्कीन मिलती थी किसी के आँसुओ मे डूबकर मर गया था ज़मीर उसका अहंकार मे टूटकर धीरे-धीरे वक्त भी देखों उससे किनारा कर गया रुतबा उसका ना जाने कितनों को दुश्मन कर गया बर्बाद हो याद आई थी उसको अपनों की एक बात सौ सोनार की होती अगर तो एक लोहार की करती घात ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_72 सौ सुनार की एक लुहार की मुहावरे का अर्थ – एक महत्वपूर्ण कार्य कई अनर्गल कार्यों से ज़्यादा सटीक होता
Kulbhushan Arora
मैं अगर शायर होता ज़रूर कोई ग़ज़ल लिखता, मैं कवि भी होता, अवश्य कोई कविता रचता Dedicating a #testimonial to अभिजीत आनंद 'काविश' माफ़ करना मित्र... मैं अगर शायर होता... ज़रूर कोई तो ग़ज़ल लिखता, मैं कवि भी होता.... अवश्य
||स्वयं लेखन||
स्वांग रचकर, झूठ की दौड़ में जो रिश्तों को ना बांधना और न स्वयं बंधना जानती, रखती नहीं लालसा वो मूल्यवान साजो - सामान की, आत्मविश्वास से निखरकर चमक उठती है सत्य से परिपूर्ण उसकी बेबाकी। करती है पूरे स्वप्न स्वयं के घर भी बखूबी संभालना है जानती, नहीं सुनती तो केवल अनर्गल बातों की है मनमानी, यूं तो झुकती नहीं,करती नहीं जी हजूरी वो किसी की, हां लेकिन झुका देती है उसे रिश्तों, प्रेम और सत्य की मजबूरी। यूं तो फिजूल की बहस वो करती नहीं, मगर तर्क करने में पीछे भी रहती नहीं, पौरुषता के आगे नतमस्तक वो होती नहीं, मगर निस्वार्थ प्रेम के आगे है झुक जाती । दिखावे और छलावे से है टूट जाती, झूठे प्रेम के भावों से फ़िर नहीं जुड़ पाती। स्वाभिमानी नारी स्वाभिमान से है जीती, स्वतंत्र विचार रख प्रतिदिन आलोचनाओं से है गुजरती। दृढ़ निश्चय से आगे बढ़ हर दर्द पर है विजय पाती, है वो स्त्री स्वर्णिम आभा स्वाभिमान की स्वयं के लिए संयम से है लड़ती । ©||स्वयं लेखन|| स्वांग रचकर, झूठ की दौड़ में जो रिश्तों कोना बांधना और न स्वयं बंधना जानती, रखती नहीं लालसा वो मूल्यवान साजो - सामान की, आत्मविश्वास से नि