Find the Latest Status about है शायद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, है शायद.
seema patidar
वो नही करती ...... अब पहले सी नादानियां लगता है अब संवर गई है पर शायद वो खुद में सिमट गई है .......✍️ ©seema patidar शायद वो खुद में सिमट गई है ....✍️
शायद वो खुद में सिमट गई है ....✍️
read moreरसिक उमेश
White दूर रहकर कहर ढाती हो पास होती तो क्या होता? खोए रहते हैं तेरे ख्यालो में नज़र मिलती तो क्या होता ©रसिक उमेश #Thinking यही तो मजबूरी है शायद
#Thinking यही तो मजबूरी है शायद
read moreकुमार दीपेन्द्र
अभी तो बचपना है इश्क़ शुरुआती है तुम चाहो तो इसको उम्र तमाम कर दो कुछ देर मेरे साथ बैठो तो सही देखते चांद को तुम शाम कर दो 👇👇 Full in Caption ©कुमार दीपेन्द्र #lovetaj love story कुछ देर मेरे साथ बैठो तो सही देखते चांद को तुम शाम कर दो अभी तो बचपना है इश्क़ शुरुआती है तुम चाहो तो इसको उम्र त
#lovetaj love story कुछ देर मेरे साथ बैठो तो सही देखते चांद को तुम शाम कर दो अभी तो बचपना है इश्क़ शुरुआती है तुम चाहो तो इसको उम्र त
read moredilkibaatwithamit
White दिन पे हँसता हूँ कभी रात पे हँसता हूँ मैं अब तो खुद खुद के ख़यालात पे हँसता हूँ मैं पहले पहले तो ज़माने पे हँसी आती थी और अब यार के हालात पे हँसता हूँ मैं पहले रोता हूँ मेरे यार तेरी फुर्क़त में बाद में वक्त ए मुलाक़ात पे हँसता हूँ मैं मेरी आदत तुझे मालूम नही है शायद हँसने वाले तेरी हर बात पे हँसता हूँ मैं कल मुझे तेरे जवाबों पे हँसी आती थी और अब खुद के सवालात पे हँसता हूँ मैं कर दिए जिसने यहाँ मशअले मसाईल कितने यार आरिज़ तेरी उस ज़ात पे हँसता हूँ मैं ... ©dilkibaatwithamit दिन पे हँसता हूँ कभी रात पे हँसता हूँ मैं अब तो खुद खुद के ख़यालात पे हँसता हूँ मैं पहले पहले तो ज़माने पे हँसी आती थी और अब यार के हा
दिन पे हँसता हूँ कभी रात पे हँसता हूँ मैं अब तो खुद खुद के ख़यालात पे हँसता हूँ मैं पहले पहले तो ज़माने पे हँसी आती थी और अब यार के हा
read moreबदनाम
White तेरे जाने के बाद काश कुछ बदला होता, रोज साम ढलती है अंधेरा भी होता है या तो चिड़िया चहकना बंद कर देती या आसमान से फूल बरसते नहीं तो शरीर सास लेना बंद कर देता सब कुछ वैसा ही चलता आ रहा है जैसे चलता आ रहा था हा कभी सांसे भारी लगने लगती है और गले से निवाला नहीं निकलता शायद में बूढ़ा हो रहा हु या शायद आइना झूठी तस्वीरें दिखाता हैं ©बदनाम शायद
शायद
read moreVs Nagerkoti
White जाने क्यों इंसान हमेशा वही गलतियां दोहराता है । जिसके बारे मैं वो कई दफा पढ़ चुका होता है । जबकि पता भी है कि इसका अंजाम क्या है । लगता हैं गलतियों से कोई सीखता ही नही है । ,,,,, ©Vs Nagerkoti #good_evening_images गलतियां,,,, आप हमेशा वही काम क्यों करते हैं जिसमे आपको धोखा मिलता है। क्या आपने कभी सोचा क्योंकि आप औरों को देख कर
#good_evening_images गलतियां,,,, आप हमेशा वही काम क्यों करते हैं जिसमे आपको धोखा मिलता है। क्या आपने कभी सोचा क्योंकि आप औरों को देख कर
read morejaiveer singh
White हजारों गम छुपा लेते हैं हम मुस्कान में शायद। कोई मायूस रहता है मेरी पहचान में शायद।। मेरे बारे में लोगों को गलतफहमी सी रहती है। नहीं दुखता है मेरा दिल किसी नुकसान में शायद ।।.... ©Jaiveer Singh #sad_qoute शायद
#sad_qoute शायद
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White थम गया ज़िन्दगी का एक सिलसिला शायद। कर लिया खुद का ग़लत एक फैसला शायद। मिल नहीं पा रही मंजिल तलाश थी जिसकी- चुन लिया हमने ही ग़लत एक रास्ता शायद। वक्त करने लगा अभी है कुछ दग़ा शायद। या कि होने लगा है कम ये हौसला शायद। मात खाने लगा हूँ मैं तो हर एक बाज़ी में- दाँव पड़ने लगा है सब अभी उल्टा शायद। जो कमाया था नाम हो रहा फ़ना शायद। हो गया था मैं आप ही से बदगुमा शायद। मिट रहा है वजूद धीरे-धीरे अब तो मेरा- लोग कहते है जोश अब नहीं रहा शायद। रिपुदमन झा 'पिनाकी ' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #शायद
theABHAYSINGH_BIPIN
Red sands and spectacular sandstone rock formations ज़िंदगी का कोई हक़दार नहीं है, हर अब आशिक़ वफ़ादार नहीं है। साहिल से ताकता हूँ दूसरी छोर को, नाव-ए-ज़िंदगी का कोई पतवार नहीं है। इश्क़ करो और दिल महफ़ूज़ रहे, ये इश्क़ है, कोई चमत्कार नहीं है। जो जले बिन बुझा, वो चिराग़ कहाँ, दिल का दर्द अब दरकार नहीं है। फिर भी दिल में ये उलझन क्यूँ है, हर साँस में कोई तड़प क्यूँ है। शायद मोहब्बत अधूरी रह जाए, मुकम्मल इश्क़ इख़्तियार नहीं है। ये सफ़र इश्क़ का आसान नहीं, हर कदम पर एक इम्तिहान सही। पर दिल को संभालो, आगे बढ़ो, इश्क़ में मुक़ाम हर बार नहीं है। वो वक्त बीत गया 'हीर-रांझा' का, हर शख़्स अब मिलनसार नहीं है। सुबह का भूला शाम को न आता, अब मोहब्बत पर एतबार नहीं है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sands ज़िंदगी का कोई हक़दार नहीं है, हर अब आशिक़ वफ़ादार नहीं है। साहिल से ताकता हूँ दूसरी छोर को, नाव-ए-ज़िंदगी का कोई पतवार नहीं है। इश
#Sands ज़िंदगी का कोई हक़दार नहीं है, हर अब आशिक़ वफ़ादार नहीं है। साहिल से ताकता हूँ दूसरी छोर को, नाव-ए-ज़िंदगी का कोई पतवार नहीं है। इश
read moreSarfaraj idrishi
वक़्त बहुत गहरे ज़ख्म देता है शायद इसीलिए घड़ी मे फूल नही सुइयां होती हैं ©Sarfaraj idrishi #Time वक़्त बहुत गहरे ज़ख्म देता है शायद इसीलिए घड़ी मे फूल नही सुइयां होती हैं Islam Sarfraz Ahmad Eshamahi KRISHNA KUMAR KUSHVAHA uda
#Time वक़्त बहुत गहरे ज़ख्म देता है शायद इसीलिए घड़ी मे फूल नही सुइयां होती हैं Islam Sarfraz Ahmad Eshamahi KRISHNA KUMAR KUSHVAHA uda
read more