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LOL
अपनी ख्वाहिशों को गैब में रखते हो खुद को क्यों भला कैद में रखते हो!! ©KaushalAlmora गैब: that which is hidden/ mysterious/ unseen #ख्वाहिश #कैद #poetry #yqquotes #गैब #life
Kalavati Kumari
एक बुद्धिमान व्यक्ति के प्रश्न में भी आधा उत्तर छिपा रहता है। - सोलोमन इब्न गैबिरोल एक बुद्धिमान व्यक्ति के प्रश्न में भी आधा उत्तर छिपा रहता है। - सोलोमन इब्न गैबिरोल
CalmKazi
महफिलों के आवारा कोनों में, खड़ा खामोश सा हूँ । पल्लवग्राही समतल, भीतर खोखला हूँ ।। तूफानों में गैबल से गिरते पानी के धार सा हूँ । पल्लवग्राही समतल, भीतर खोखला हूँ ।। बियाबाँ के आगोश में, छुपे मैदान की कशिश सा हूँ । पल्लवग्राही समतल, भीतर खोखला हूँ ।। एक मुट्ठी अनाज से, गूँथी रोटी का आखिरी निवाला हूँ। पल्लवग्राही समतल, भीतर खोखला हूँ ।। पल्लवग्राही - one with surface knowledge. स्थूल ज्ञानी गैबल - छत का ऊपरी कोना #calmkaziwrites #micropoetry #shayari #yqdidi #hindipoetry #
Reeshabh Sahu
Rustam Ali Anjum
या रब हम पर ये जुल्म कैसा आया है ! जिसके खौफ से आलम ,सारा घबराया है ! गैब से मदद करना, या रब अपने बन्दों की , एक तुही हम गरीबो का ,आसरा खुदाया है ! रुस्तम अली अंजुम या रब हम पर ये जुल्म कैसा आया है ! जिसके खौफ से आलम ,सारा घबराया है ! गैब से मदद करना, या रब अपने बन्दों की , एक तुही हम गरीबो का ,आसरा खुद
vishnu thore
दाभाडी ता.मालेगाव येथील डॉ.सखाराम पाटील उर्फ बापू यांच्या 'मुलगी रांगोळी काढत बसते' या कवितेचे अक्षरचित्र..... डॉ.एस.के.पाटील हे अहिराणी क
Ashok Mangal
आज के ज़माने में तितलियों की फ़ितरत भी कुछ आवारा किस्म हो गयी है ! शिद्दत से मुद्दत का इंतजार, कहीं रूह आहत न कर जाये !! #आलिम उल गैब़ =अन्तर्यामी! 𝐎𝐏𝐄𝐍 𝐅𝐎𝐑 𝐂𝐎𝐋𝐋𝐀𝐁 എഴുത്താണി 𝐀𝐝𝐝 𝐘𝐨𝐮𝐫 𝐁𝐞𝐚𝐮𝐭𝐢𝐟𝐮𝐥 𝐓𝐡𝐨𝐮𝐠𝐡𝐭𝐬... Each morning is new chapter of our life. Be happy an
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
इस दिल में किस,किसके मलाल को रखू ,रिश्तों की चाह में क्यूं सदमे को पाल रखूं//१ कुछ अपनो ने दिए हैं,कुछ बेगानो के दिए है ,मैं ही क्यूं सारे गमजे को संभाल रखूं//२ ये हसीन सूरत वालिदेन सीरते सरपरस्त,कुदरत के दिए तोहफे है,मैं क्यूं न सर पे बिठाके,इनको बेमिसाल रखूं//३ क्यू गुबार लिए बैठे हो,मेंरे वास्ते,कि मैं राहे हक में ,क्यूं न इस जान को निकाल रखूं//४ अब महफिलें इंसान में,साजिशे शैतान प र,मै क्यूं न अपनी गैबी निगाहो को खंगाल रखूं//५ शमा ने जिनको सिखाए है, जेरोजबर,क्यूं न खंजरे धार से उन बद जुबांनो को निकाल रखूं//६ shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak #lovequotes इस दिल में किस,किसके मलाल को रखू,रिश्तों की चाह में क्यूं सदमे को पाल रखूं//१ कुछ अपनो ने दिए हैं,कुछ बेगानो के दिए है,मैं ही क
Sachin Ratnaparkhe
छत्रपति शिवाजी के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी महिमा का रितिकाल के कवि भूषण द्वारा ब्रज भाषा में विभिन्न अलंकारों एवम् वीर रस से युक्त अत्यंत मनमोहक सुंदर चित्रण पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ। यह पढ़ने के दौरान ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसा साक्षात् महाराज छत्रपति शिवाजी का दर्शन हो रहा हो। यह पौराणिक काव्य शैली आधुनिक हिप होप संगीत शैली (रेप सॉन्ग्स) से काफी मिलती जुलती है और ये बेहद ही खूबसूरत अनुभूति है। और भुषण के इन छंदो को महाराष्ट्र में ठोल ताशे बजाकर बड़ी मस्ती में और बहुत ऊर्जा के साथ गाया जाता है। (Caption me puri Kavita padhe) इन्द्र जिमि जंभ पर , वाडव सुअंभ पर । रावन सदंभ पर , रघुकुल राज है ॥१॥ पौन बरिबाह पर , संभु रतिनाह पर । ज्यों सहसबाह पर , राम व्दिजराज है ॥२