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Drjagriti
"ईश्वर" का कोई "स्वरूप" नहीं है किंतु हमारा "विश्वास" ही उन्हें "स्वरूप" प्रदान करता है!🙏💐 ©Drjagriti # स्वरूप
# स्वरूप #समाज
read moreKuna Poetry
तुम्हारा स्वरूप मैं जानता हूँ तुम मेरी हो कविता की शक्ल में भी कविता जो कि तुम्हारा मूल रूप है । मैं कभी भी अपनी हार,अपनी खीझ,अपने अवसाद,अपने दुःख और अपने पागलपन का ज़िम्मेदार तुम्हें नहीं मानूँगा नहीं दूँगा बाक़ी सारे हारे-थके प्रेमियों की तरह कोई दोष तुम्हें । मैं मानता हूं कि मैं कभी मान नहीं सकता तुम्हें अपने किसी भी मलाल का कारण तुम्हें नहीं मान सकता अपने सपनों की टूटन का ज़िम्मेदार कभी । तुम्हारे रहते कोई पल अशुभ हो ही नहीं सकता तुम्हारी आँखों में एकबार देख लेने के बाद तुम्हारी आँखों से एकबार देख लेने के बाद तो मुझे वो दुनिया भी ख़ूबसूरत लगने लगी है जिसने मुझे क्या किसी को भी निराशा के सिवाय कुछ नहीं दिया । ये तो मेरी अपनी तबाह की हुई दुनिया है जिसको तेरी मोहब्बत ने ही बचे रहने का हौसला दिया । मैं ये जानते हुए भी कि हमारी जिस उम्र का मूल स्वरूप ही ख़त्म होना है जिसके उसपार मृत्यु के अलावा कुछ भी नहीं है । सिर्फ़ तुम्हारे प्रेम के कारण इस आत्मविश्वास को जी रहा हूँ कि तुम हर लम्हां मेरे साथ हो उस ज़िन्दग़ी की शक़्ल में जिसका मूल रूप तुम हो ! कुन्दन तुम्हारा स्वरूप
तुम्हारा स्वरूप
read morehardev Singh
कहते है लोग जन्नत कहा है जहां मन की शांति होती है जिसका कोई रूप नही जिसका कोई आकार नही वह निराकार रूप मे होती है जिसको देखने के लिए मन की आंखों की जरूरत होती है जिसको महसूस करने के लिए एकांत की आवश्यकता होती है ©hardev Singh शांति स्वरूप
शांति स्वरूप #विचार
read moreKuna Poetry
तुम्हारा स्वरूप मैं जानता हूँ तुम मेरी हो कविता की शक्ल में भी कविता जो कि तुम्हारा मूल रूप है । मैं कभी भी अपनी हार,अपनी खीझ,अपने अवसाद,अपने दुःख और अपने पागलपन का ज़िम्मेदार तुम्हें नहीं मानूँगा नहीं दूँगा बाक़ी सारे हारे-थके प्रेमियों की तरह कोई दोष तुम्हें । मैं मानता हूं कि मैं कभी मान नहीं सकता तुम्हें अपने किसी भी मलाल का कारण तुम्हें नहीं मान सकता अपने सपनों की टूटन का ज़िम्मेदार कभी । तुम्हारे रहते कोई पल अशुभ हो ही नहीं सकता तुम्हारी आँखों में एकबार देख लेने के बाद तुम्हारी आँखों से एकबार देख लेने के बाद तो मुझे वो दुनिया भी ख़ूबसूरत लगने लगी है जिसने मुझे क्या किसी को भी निराशा के सिवाय कुछ नहीं दिया। ये तो मेरी अपनी तबाह की हुई दुनिया है जिसको तेरी मोहब्बत ने ही बचे रहने का हौसला दिया । मैं ये जानते हुए भी कि हमारी जिस उम्र का मूल स्वरूप ही ख़त्म होना है जिसके उसपार मृत्यु के अलावा कुछ भी नहीं है । सिर्फ़ तुम्हारे प्रेम के कारण इस आत्मविश्वास को जी रहा हूँ कि तुम हर लम्हां मेरे साथ हो उस ज़िन्दग़ी की शक़्ल में जिसका मूल रूप तुम हो ! कुन्दन तुम्हारा स्वरूप
तुम्हारा स्वरूप
read moreDeepika, Pandey
(शायरी की डायरी)। नारी के सम्मान में समाज का नजरिया बदलते बनती है, हम सबकी थोड़ी थोड़ी जिम्मेदारी "अब हर तरफ भेड़िए घूमने लगे हैं, कभी नारी के सम्मान की संस्कृति थी हमारी भारत समाज में नारी निबंध लिखा गया है (संस्कृति) में (यस्य पूज्यते नार्यस्तु तंत्र) मैं दीपिका पाण्डेय आप सभी से निवेदन करती हूं नारी का सम्मान कीजिए please follow guys 😜😜😜 ©Deepika Pandey नारी सम्मान (स्वरूप)
नारी सम्मान (स्वरूप) #Shayari
read moreShishpal Chauhan
मेरा सबसे ये आह्वान - *हे कलयुग की कन्याओं, अपने अंदर विश्वास जगाओ। सकारात्मक कोई कदम बढ़ाओ, विद्या रूपी कलम उठाओ।। *अकाल युग की कन्याओं, अपने हक की आवाज उठाओ। अत्याचारियों के विरुद्ध हौसला दिखलाओ, अपनी मेहनत से सबको हराओ।। *हे कलयुग की कन्याओं, अपनी लाज स्वयं बचाओ। अनहोनी से खुद को बचाओ, शिक्षा से स्वयं को जगाओ।। *हे कलयुग की कन्याओं, कभी काली का तो कभी दुर्गा का रूप तुम दिखलाओ। झांसी की रानी की तरह तलवार उठाओ, संघर्ष से ना तुम घबराओ।। *हे कलयुग की कन्याओं, धीरता से न काम चलाओ। जुल्मों के खिलाफ आवाज उठाओ, अपनी हिम्मत से दुश्मनों को दूर भगाओ। *हे कलयुग की कन्याओं, मोती से आंसू तुम न बहाओ। रास्ता अपना स्वयं बनाओ, जिम्मेदारियां से ना तुम घबराओ। * हे कलयुग के कन्याओं, मैं तुम्हारे साथ खड़ी हूं मत घबराओ। एक कदम तो आगे बढ़ाओ। जग में नया इतिहास बनाओ।। ©Shishpal Chauhan # नारी स्वरूप दुर्गा
# नारी स्वरूप दुर्गा #कविता
read moreलेखक ओझा
आप ईश्वर से है ईश्वर आपसे नही इसलिए इतने उच्छृंखल न बने की ईश्वर को ही चुनौती देने लगे।। ©लेखक ओझा परम स्वरूप है
परम स्वरूप है #Quotes
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