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AJAY NAYAK
चाहत अभी बाकी है कुछ मन्नते बाकी है कुछ इबादत बाकी है एक उनके इन्तजार में चारो धाम बाकी है। बस आ जाए मोरे अंगना में खिल उठे बागों के फूल चौखट के अंदर पग पड़ते ही मेरा घर ही बन जाए मंदिर । –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #Hope #चाहतअभीबाकीहै कुछ मन्नते बाकी है कुछ इबादत बाकी है एक उनके इन्तजार में चारो धाम बाकी है।
Azaad Pooran Singh Rajawat
"मुरली वाले,गायों के ग्वाले, मोरे श्याम दुख में सुमिरू, सुख में सुमिरू हंस के करू, तेरी अदा में, निस दिन तुझे प्रणाम मुरली वाले, गायों के ग्वाले, मोरे श्याम।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #janmashtami#मोरे श्याम #
Bhakti Kathayen
कमलेश मिश्र
मोरे जिनगी कै बनि जा सहारा प्रभु। पेंग आके मारा प्रभु ना।। बिना तोहरे हे सरकार, सुधिया लेई के हमार, पार जिनगी कै कयि दा पनारा प्रभु। पेंग आके मारा प्रभु ना।। बीतल बचपन अ जवानी, होले अब तौ खींचातानी, खींचा-तानी से हमके उबारा प्रभु। पेंग आके मारा प्रभु ना।। हमके असरा बा तोहार, तूं ही करबा बेड़ा पार, भव-सागर से हाली निकारा प्रभु। पेंग आके मारा प्रभु ना।। घेरलस कारी बा बदरिया, छाइल चारीओर अन्हरिया, 'लाल'होखी ना अइसे गुजारा प्रभु। पेंग आके मारा प्रभु ना।। ©कमलेश मिश्र मोरे जिंदगी के सहारा बन जा प्रभु 😍😍
Sonam kuril
मोरे मन की प्रीत पुकारे, गोविन्द राधे, राधे राधे गोविन्द राधे राधे, जो तुम बसते मोरे नैन में, जित देखूं उत तुम ही दिखते, मंदिर,मस्जिद, गिरजाघर हो, या हो.., कोई शिवाला, तुम ही तुम बस मुझको दिखते, तेरी प्रीत में बावली हो के, हर क्षण बस तुमको जपते, मोरे मन की प्रीत पुकारे, गोविन्द राधे, राधे राधे गोविन्द राधे राधे | ©Sonam kuril मोरे मन की प्रीत #गोविन्दराधे #गोविन्द #राधे #nojohindi #nojoto❤
Ravindra Singh
सोच में बैठी... सोच में बैठी उसके मैं तो , वो आयो मूंदी आंखें मेरी , मैं तो डर गई, खुद में सिमट गई, कौन ये आयो, जिसने डरायो। मेरे पिया के ख्यालों से भटकायो। मैं ना छोडूं, वा को मुंह तोड़ूं। तब तक बोल पड़े मोरे सैया, थाम के वो मेरी बैयां। बोले मैं हूं, ना हीं डरो तुम । जो सोच रहीं थीं, अब वो कहो तुम। मैं शर्मायीं,सोचा क्या अब उनसे कहें तो । सोच में बैठी उसके मैं तो । ©Ravindra Singh सोच में बैठी उसके मैं तो , वो आयो मूंदी आंखें मेरी , मैं तो डर गई, खुद में सिमट गई,
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Vedantika
चलो चलो रे माता रानी के द्वार। करना है उनका सोलह श्रृंगार। हम भक्तों को बुलावा आयो रे। सिर पर ओढ़ाओ लाल चुनरिया। मांग में सिंदूर है माथे पर बिंदिया। द्वार अपने सब दीप जलाओ रे। नैना में कजरी कानन में झुमका। नाक में नथ है होठों पे ललिया। किवाड़ पे बंदरवार सजाओ रे। गले में हार सोहे और हाथों में चूड़ी। अंगुली में अंगूठी हथेली सजे मेहंदी। कमरबंद अब मैया को पहनाओ रे। पैरों में पायल, अंगुलियों में बिछवां। शेर पे सवार होके चली मोरे अंगना। मंगलगीत सब ही गुनगुनाओ रे। चलो चलो रे माता रानी के द्वार। करना है उनका सोलह श्रृंगार। हम भक्तों को बुलावा आयो रे। चलो चलो रे माता रानी के द्वार। करना है उनका सोलह श्रृंगार। हम भक्तों को बुलावा आयो रे। सिर पर ओढ़ाओ लाल चुनरिया। मांग में सिंदूर है माथे पर
Technocrat Sanam
सनम के दोहे हृदय बसी छवि सांवरी.. सुपन सों भरे नैन..! याद करत बरसे सावन.. भूले मिले न चैन!! टालत दिन कटे नहीं.. जागत गुज़रे रैन..! मारग सो नैना धरे.. कबों मिलेंगे बैन..!! बावरी बंसी भयी.. छोड़ गए पिया सॉवरे..! सुध खोय खोजत फिरे.. कब मिले तन-छाँव रे!! आवत स्वास पूछत.. जावत बिसरे नहीं नाम..! जहाँ बसे पिया सावरे.. तहाँ हमारो धाम..!! किस विधि मिलूं स्याम सो..लागूं कैसे अंग..! लागी फिर छूटे नहीं.. मैं तो जानूँ प्रेम रँग..!! श्रावण बूंद लगी तन - सों.. उठी अगन नाय बुझी, पिया मिलन की! व्याकुल अखियाँ आतुर भई.. कबों बुझैगी पिपास मोरे मन-हिरन की!! ©technocrat_sanam Here's my #art 🎨work 😇in the #background 😀🙃😌 (जब वक्त था तब ये भी एक शौक़ था..😄 और #दोहे.. 😇वो भी मेरे ही है 😛😄 कुछ नहीं #कबीर बनने की ना