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Deepak Kumar 'Deep'
Girl quotes in Hindi ज़मीन भी थक गई है, पापियों का बोझ उठाते-उठाते! शर्म तुमको ऐ मुर्ख इंसान, फिर भी नहीं आती!! ✍️ ©Deepak Kumar 'Deep' #बोझ
Abhimanyu Dwivedi
*संकल्प से सिद्धि पथ* संकल्प रेणु में आशा के अंकुर उगते हैं आशा के अंकुर से ही स्फूर्ति चेतना दल निकसे हैं चेतन आनंद मगन चित में बोधि दिव्य सुमन खिलते हैं बोधि पुष्प से ही अनुभूति की गहन सुगन्ध उठती है अनुभूति की गहन साधना से प्रज्ञा होश पुंज मिलते हैं प्रज्ञा के प्रखर प्रवर तेजपुंज से अभ्युदय के रहस्य सहज खुलते हैं प्रज्ञा रहस्योदय से अंतरचछु दिव्य दरस करते हैं तब सहज ही जीवात्मा में त्रिनेत्र योग जगते हैं त्रिनेत्र योग से आत्मज्ञान के मूलबंध खुलते हैं तब आत्मज्ञान से आत्मसाक्षात्कार तक का दुर्लभ लक्ष्य सधता है आत्मसाक्षात्कार के मूल बोधि से परम् मोक्ष के द्वार सहज खुलते हैं 🌱 *अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)*🌱 ©Abhimanyu Dwivedi बोधि दर्शनम
बोधि दर्शनम #विचार
read moreRiya Tak
White दौलत जिसकी है, दुनिया उसकी हैं कम हैं तो, गम हैं नही हैं तो, कुछ नहीं ज्यादा हैं तो, कद्र नहीं दौलत चीज ही ऐसी है। ©Riya Tak # पैसा बोलता है
# पैसा बोलता है #शायरी
read moreAbhimanyu Dwivedi
🙏 *परम शान्ति के दिव्य शुभारंभ का मूल उद्घोष*🙏 1) *मैं ईश्वर का अंश हूं* 2) *मैं आनंदित हूं* 3) *मैं प्रफुल्लित हूं* 4) *मैं प्रसन्न हूं* 5) *मैं शांत हूं* 6) *मैं स्वस्थ हूं* 7) *मैं दिव्य चेतना हूं* 8) *मैं सच्चिदानन्दमय हूं* 9) *मुझ पर ईश्वर की अनंत कृपा है* 10) *मुझ पर परमात्मा का परम आशीर्वाद है* 🙏 *ॐ शांतिः शांतिः शांतिः* 🙏 🙏 *अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)*🙏 ©Abhimanyu Dwivedi बोध
बोध #विचार
read moreDeath_Lover
White रघुनंदन इस मायानगरी की, सिर्फ़ आप ही माया बन जाओ न रहूँ हरपल रघु वन्दन में, आप यह भवसागर पार करवाओ न रघुनंदन इस मायानगरी की, सिर्फ़ आप ही माया बन जाओ न... ◆मेरे_राम◆ ©Death_Lover #Free #मेरे_राम #जीवन #प्रेम #मृत्यु #माया #बोध
Rameshkumar Mehra Mehra
White सारे काम छोड दो सबसे पहले बोट दो मतदान आपका हक है और जिम्मेदारी भी.... ©Rameshkumar Mehra Mehra #VoteForIndia सारे काम छोड दो सबसे पहले बोट दो....
#VoteForIndia सारे काम छोड दो सबसे पहले बोट दो....
read moreArora PR
White मेरे हिस्से की जवानी क़ो ये बुढ़ापा पूरी तरह पी गया है अब इस बुढ़ापे का बोझ इतना भारी हैँ कि मुझसे उठाये नहीं उठता ©Arora PR बोझ
बोझ #कविता
read moreAlok Ranjan
White आपके आस पड़ोस, परिवार या जाननेवालों में से कुछ ऐसे भी लोग होंगे जो, समाज के अनकहे शब्दों के बोझ से थककर या किसी अन्य कारणों से, अंतर्मन की पीड़ा को समेटकर खामोश, मौन, चुप रहना ही बेहतर समझते होंगे ! इस तरह से... खामोश, मौन, चुप... रहने की वजह... उनकी समझदारी माना जाए, मजबूरी समझा जाए या शब्दों की कमी... ये तो ईश्वर जाने...! परन्तु, भागमभाग के इस दौर में वे शायद एकांत-शांत जीवन जीना चाहते होंगे ! लेकिन, यह तय है कि उनकी खामोशियाँ, कुछ कर गुज़रने के लिए उसके हृदय, मस्तिष्क में बेहद शोर करती होंगी, कोलाहल मचाती होंगी... उन्हें अवश्य झकझोरती भी होंगी ! 😊 ©Alok Ranjan #nightthoughts #पड़ोस, #परिवार #समाज #अनकहे #बोझ #अंतर्मन #बोझ #खामोशी #मौन
Shashi Bhushan Mishra
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. क्षमता बोध ज़रूरी है, कुछ गतिरोध ज़रूरी है, मजबूती की ख़ातिर ही, कुछ अवरोध ज़रूरी है, चलो मनायें रूठा यार, कुछ अनुरोध ज़रूरी है, आए काम डराने में जो, फिर तो क्रोध ज़रूरी है, नई सोच दिखलाने को, हर दिन शोध ज़रूरी है, ख़तरा बन मंडराये कोई, फिर प्रतिशोध ज़रूरी है, निर्णायक नेतृत्व चुनेंगे, 'गुंजन' प्रबोध ज़रूरी है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #क्षमता बोध ज़रूरी है#