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Radha Chandel
।।मेरे सपनो का राजकुमार।। चांद तारे की बाते करे ना करे जब मै लडखड़ाऊ तो मेरा हाथ थाम ले।। मेरे लिए मंहगे गहने लाए ना लाए। बस कभी बाजार जाए तो कुछ रंगीन चूड़ियां ले आए।। मुझे पूरी दुनिया घुमाए ना घुमाए। दिन से कुछ पल चुरा के मेरे साथ बिताए।। वो ऑफिस में भले पूरा दिन मेरे साथ रहे। पर कभी कभी किचिन में बेवजह भी आ जाए।। ©Radha Chandel #सपनो का राजकुमार
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कसमें-वादे करके भी हम साथ कभी ना चल पाये खोये थे दोनों पर आखिर हम दोनों ही ना मिल पाये ! एक नई उम्मीद मिली थी, हमको जैसे ईद मिली थी विजय अर्थ था नाम का उसके,हमको जैसे जीत मिली थी जाग-जाग हर रात उसी में, हमको अपनी नींद मिली थी लिखते सारे गीत उसी पर, हमको अपनी पीर मिली थी जिद्दी होकर भी दोनों रूकने की जिद ना कर पाये प्यार बहोत सा करके आखिर हम दोनों ही ना मिल पाये ।। कान्हा थे आराध्य हमारे , महादेव को माना फिर भी राधे-राधे छोड़ के हमने ,"जय भोले" तो गाया फिर भी ताजमहल शीशे में कैद कर,उस तक भिजवाया भी था एक झरोखा हवा का उसकी,खैर ना ले पाया फिर भी बहोत सरल होकर भी दोनों कभी सरल ना हो पाये एक-दूजे के होकर आखिर हम दोनों ही ना मिल पाये।। तस्वीरों से रोज कहा जो वो तुमसे ही ना कह पाये, प्यार तुम्हीं से करके देखो प्यार तुम्हें ही ना कर पाये।। @"निर्मेय" ©purab nirmey विजय अर्थ था नाम का उसके #together
SK Poetic
दो हजार पांच सौ साल से भी पहले की बात है। भारत में ,हिमालय की छाया में एक नगर था।नाम था कपिलवस्तु।यह साक्यों की राजधानी थी। शुद्धोधन इसके राजा थे।महामाया उनकी रानी थी। एक रात महामाया ने अजीब सा सपना देखा। उसने देखा कि एक सफेद हाथी है।वह अपनी सूंड में कमल का फूल लिए उसके पास आया।तीन बार महामाया के चारों ओर घुमा। फिर उसके गर्भ में समा गया।पंडितों ने सपने का मतलब बताया।महारानी पुत्र को जन्म देने वाली है।प्रसव का समय निकट आया। महामाया अपने मायके के लिए निकली।रास्ते में एक जगह थी लुम्बिनी। वहां साल के पेड़ों का कुंज था।इसी कुंज में महामाया ने एक पुत्र को जन्म दिया।उसका नाम रखा सिद्धार्थ।महारानी कपिलवस्तु लौट आयी। हर और खुशियां छा गयी। कुछ ही समय बाद एक साधु आया।नवजात बालक को देख साधु बोला उठा -"यह बालक महान है।" इतना कहने के बाद वह रोने लगा। राजा को चिंता हुई।रोने का कारण पूछा।साधु बोला,"यह बालक जगत में ज्ञान की रोशनी फैलायेगा।मैं बूढ़ा हो चला हूं।मैं वह दिन नहीं देख सकूंगा।यही मेरे रोने का कारण है।" बालक सात ही दिन का हुआ था कि महामाया चल बसी।उसकी बहन थी प्रजापति गौतमी।उसी ने बालक का लालन-पालन किया।इसलिए सिद्धार्थ का दूसरा नाम गौतम भी पड़ा।शुद्धोधन में देश-विदेश से पंडितों को बुलवाया।उनसे बालक के बारे में पूछा ।सबका मत था कि महापुरुष तो वह होगा ही। अगर राजपाट छोड़ योगी ना बने तो महान राजा बनेगा।पंडितों का सुझाव था कि बालक को जगत के दुखों,वेदनाओं से दूर रखा जाये। राजा ने अपने पुत्र को सुख और आराम के अनेकों उपाय किये।हर मौसम के लिए अलग-अलग महल बनवाए। पहनने को बढ़िया गहने -कपड़े दिये। सेवा -टहल के लिए सैकड़ों नौकर- चाकर लगाये। दुनिया की हर दुख- तकलीफ से दूर राजकुमार बड़ा होने लगा। ©S Talks with Shubham Kumar #Moon राजकुमार का जन्म
naina
मेरे तस्स्बुर में तेरा आना जाना रहता है यूही नहीं तेरे खयालो में मेरा दिल दीवाना रहता है #NojotoQuote मेरे ख्यालों का राजकुमार
DEVENDRA KUMAR
"अनामिका" अ - अब तुम्हारे लिए सारा जीवन समर्पित है । मैंने बहुत से सपने देखे हैं तुम्हारे लिए, तुम्हें सदा अपने साथ खुश रखने के लिए । ना - नाम तुम्हारा रहता है हरदम लबों पर हमारे, जीना सिर्फ सीख रहे हैं हम तुम्हारे सहारे । हम तुम्हें पूरे संसार में सबसे ज्यादा चाहते हैं, तुम ही मेरी सच्ची जीवनसाथी हो, मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता । मि - मिलन की घड़ी का हमें इंतज़ार है और अपना ख्याल भी तुम रखा करो। हम सिर्फ तुम्हारे हैं और तुम सिर्फ हमारी हो । का - कामना बस यही करते हैं प्रभु से की वो हमें इतना सक्षम बनाए की हम दोनों एक खुशहाल जिन्दगी जी सकें, हम तुम्हें हमेशा बहुत प्यार करें और सदा खुश रख सकें, तुम्हारी हर इच्छा को पूरा कर सकें, हम दोनों का प्यार सच्चा है और हमेशा रहेगा ये हम दोनों वादा कर चुके हैं एक - दूसरे से । - Devendra Kumar (देवेंद्र कुमार) # मेरी पत्नी "अनामिका" के नाम का अर्थ मेरे हिसाब से
Sakshi Tomar
धूप सी पिघलती शाम हूं कलियों सी खिलती रागिनी हूं जिसमिल सी आंखों का काजल हूं दोपहर में बीते समय सा सुकून हूं कानों में सबके मैं हल्की सी आवाज हूं मैं हर जगह न होकर भी हर पल में मौजूद हूं चेहरे से मेरी रूह तक कैसे पहुचोगे मैं कोई तितली कहां जिसे तुम आसानी से पकड़ सकोगे यूंही कहां मेरे अस्तित्व को छू पाओगे मैं साक्षी हूं मेरे नाम में ही कहीं रम जाओगे।। ©Sakshi Tomar आज समझाऊं अपने नाम का अर्थ #Sakshi #Kuchbatein✍️✍️