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Saurabh Banwaskar
रत्ती भर मायूसी चुभती है हर वक़्त, दिल के गहराइयों में अक्सर परेशान करती रहती है ये रत्ती भर मायूसी कई बोझ उठाए दिल ने,कई गोते भी खाए मालूम नहीं कैसे हावी होती है ये उन पर कई मन्नते करता हूं, दुआए भी कमाता हूं फिर क्यों हर वक़्त इसके साए में रहता हूं सुकून के पलों से जब भी दिल गुजरता है रत्ती भर मायूसी से बेसुकुन हो जाता हूं जब भी उभरने की कोशिश करता हूं मालूम नहीं कैसे फिर जाल में फसता हूं शायद अतीत की किसी अनजान गलती ने इस रत्ती भर मायूसी का हाथ थाम लिया है कभी कभी लगता है क्यों परवाह करू मै उसकी रत्ती भर ही तो है सेह लुंगा हर रोज़ एक सिसकी लेकिन फिर ये हावी होती है मेरे इरादों पर मालूम नहीं क्यों है, क्या है,कैसी है ये रत्ती भर मायूसी रत्ती भर मायूसी #मायूसी
Janhavi Rao ayachi
मासूम सुनो, ज़िन्दगी पूछ रही है... वो बचपन की 24 कैरेट वाली स्माइल फिर देखने को मिलेगी क्या🤔 -RJ #बचपन #love #nojotohindi #dearzindagi 24 कैरेट वाली स्माइल...✍️
Nilesh kushwaha
ईस बार छोड़ जाने की मुझको रत्ती भर भी गम ना थी जैसी दिखी ईस बार मुझे, लगता वैसे हरदम ना थी मेरी बच्चपने की नजरों में भोपाल स्वर्ग सा दिखता था सच देख प्रतीत हुआ,तू कोई खास दर्द-ऐ-मरहम न थी #NojotoQuote #रत्ती भर भी गम ना थी
Janhavi Rao ayachi
ये 24 कैरेट वाली स्माइल बचपन में ही होती थी..... #बचपन #love ये 24 कैरेट वाली स्माइल बचपन में ही होती थी....
Vishal
दूसरों के लिए रत्ती भर काम करने से भीतर की शक्ति जाग उठती है | दूसरों के लिए रत्ती भर सोचने से धीरे – धीरे हृदय में सिंह जैसा बल आ जाता है | स्वामी विवकानन्द - दूसरों के लिए रत्ती भर काम करने से भीतर की शक्ति जाग उठती है | दूसरों के लिए रत्ती भर सोचने से धीरे – धीरे हृदय में सिंह
Hasanand Chhatwani
*संग्रह किए हुए ढेर सारे ज्ञान की अपेक्षा,* *आचरण में उतरा हुआ रत्ती भर ज्ञान श्रेष्ठ है।।* *संग्रह किए हुए ढेर सारे ज्ञान की अपेक्षा,* *आचरण में उतरा हुआ रत्ती भर ज्ञान श्रेष्ठ है।।*
pyara birju
एक छोटी सी खवाइश है ए खुदा तुझसे मेरी....जब भी पहुँचूँ मैं किसी भी मुक़ाम पर, मुझमे गुरुर रत्ती भर भी न आये। मेरी कलम से प्यारा बिरजु😍😍😍 एक छोटी सी खवाइश है ए खुदा तुझसे मेरी....जब भी पहुँचूँ मैं किसी भी मुक़ाम पर, मुझमे गुरुर रत्ती भर भी न आये। मेरी कलम से प्यारा बिरजु😍😍😍 #ख
Aman Safeeq
धडकनों की सदा बुलंद करो, हर समाअत को दर्दमंद करो ! एक रत्ती नहीं बदलने का, लाख तुम मुझको नापसंद करो ! धडकनों की सदा बुलंद करो, हर समाअत को दर्दमंद करो ! एक रत्ती नहीं बदलने का, लाख तुम मुझको नापसंद करो !