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Pushpvritiya
मैं कभी पथविहीन नहीं होती हां....भावविहीन अवश्य हो जाती हूं.... यात्रा....... केवल गमन से गंतव्य तक भाव रहित विधेय मनन से मंतव्य तक... कहते हैं..... भाव विहीन कर्म निष्फल जाते हैं आश्चर्य..... कर्म में फल की अपेक्षा का योग भी पाते हैं..... मेरे अनुसार तो नहीं...... खैर.... यूं रिक्त हो विधेय दिशानिर्देश अवश्य दे पाऊंगी..... हां... अंत परिणत शिला हो जाऊंगी.... संतापित मन भुरभुरा रह जाएगा स्पर्श मात्र जो ढह जाएगा..... कहेगा.... एक और कर्म रिक्त हो एक और बार कर। स्वकर्म यज्ञ पूर्णाहुति में मेरा अंतिम संस्कार कर......... @पुष्पवृतियां ©Pushpvritiya विधेय अर्थात कर्तव्य #Searching
KHINYA RAM GORA
"जहाँ प्रयत्नों की ऊंचाई अधिक होती है, वहाँ नसीबों को भी झुकना पड़ता है...! ©KHINYA RAM GORA "जहाँ प्रयत्नों की ऊंचाई अधिक होती है, वहाँ नसीबों को भी झुकना पड़ता है...! 7.2.23
Suyash
आज चिड़िया🐦 से पूछा - कैसे बनाया आपने आशियाना ? बोली –भरनी पड़ती है बार बार उड़ान , तिनका तिनका उठाना होता है ।। 🕊️🕊️🕊️ (मंजिल अथक प्रयत्नों का प्रतिफ़ल है ) आज चिड़िया🐦 से पूछा - कैसे बनाया आपने आशियाना ? बोली –भरनी पड़ती है बार बार उड़ान , तिनका तिनका उठाना होता है ।। 🕊️🕊️🕊️ (मंजिल अथक प्रयत्नों
yogesh atmaram ambawale
गुजर रही है जिंदगी,कभी खुशी तो कभी गम में | हर बार एक नया अरमान,जाग रहा है इस मन में | सोचता हूं फिर उस अरमान को,कैसे पूरा होगा सवाल इस मन को | रखता बगल में सवालों को,अरमान सामने रख प्राथमिकता प्रयत्नों को | प्रयत्न असफल होते है कई बार,फिर दिल से उदास होता हूं | बाद में फिर उदासी की छाया हटाकर,नए प्रयत्न में जुड़ जाता हूं | मानता हूं के आएगा एक दिन ऐसा,सफलता का परचम लहराएगा | कोशिशें की मैंने जितनी उस हर कोशिश का रंग सुनहरा रहेगा | चरण २ #restzone #rzकाव्यसंयोजन #rzकाव्यशाला #yqdidi #मेरीक़लमसे #yqhindi गुजर रही है जिंदगी,कभी खुशी तो कभी गम में | हर बार एक नया अरमान,जाग
Yogesh Ambawale
गुजर रही है जिंदगी,कभी खुशी तो कभी गम में | हर बार एक नया अरमान,जाग रहा है इस मन में | सोचता हूं फिर उस अरमान को,कैसे पूरा होगा सवाल इस मन को | रखता बगल में सवालों को,अरमान सामने रख प्राथमिकता प्रयत्नों को | प्रयत्न असफल होते है कई बार,फिर दिल से उदास होता हूं | बाद में फिर उदासी की छाया हटाकर,नए प्रयत्न में जुड़ जाता हूं | मानता हूं के आएगा एक दिन ऐसा,सफलता का परचम लहराएगा | कोशिशें की मैंने जितनी उस हर कोशिश का रंग सुनहरा रहेगा | ©Yogesh Ambawale #जिंदगी #सफलता #प्रयत्न #Life_experience #जीवन_का_सत्य #मेरी_कलम_से✍️ #कोशिशें गुजर रही है जिंदगी,कभी खुशी तो कभी गम में | हर बार एक नया
Kulbhushan Arora
शुभ दीपावली 🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔 माटी के दिए सब जलाएंगे, 🪔🪔🪔🪔🤗🤗🤗🪔 दीपावली पर्व है जलाने चाहिएं, प्रकाश पर्व के इस उत्सव में, उत्साह के दिए जगमगाने चाहिएं, उत्साह तो प्रेम की ऊर्जा होती है, प्रेम के लिए दिल जगाने चाहिएं, थोड़ा सा निज स्वार्थ त्याग सबको, किसी विवशता के लिए प्रयास ऐसे प्रयत्नों के दीप जलाने चाहिएं,t आओ मिल सब, अपने अपने सामर्थ्य की क्षमता जगाएं परोपकार के नन्हे नन्हे दीप बन पाएं, गहराते अंधेरे के इस वातावरण को, प्रकाश पर्व पर भयभीत कर पाएं मुस्कानों की फुलझडियां खुशियों के पटाखे,केहकहों के बम चलाएं, आओ मिल कर सब गीत उत्साह का गाएं कुछ इस तरह दीपावली मनाएं? क्या ख़्याल है आपका..... 🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔 शुभ दीपावली 🪔🪔🪔🪔🪔 माटी के दिए सब जलाएंगे, 🪔🪔🪔🪔🤗🤗🤗🪔 दीपावली पर्व है जलाने चाहिएं, प्रकाश पर्व के इस उत्सव में, उत्साह के दिए जगमगाने चाहिएं,
Kulbhushan Arora
शुभ दीपावली 🪔🪔🪔🪔🪔 एक निवेदन🙏🏼🙏🏼🙏🏼🪔🪔 शुभ दीपावली 🪔🪔🪔🪔 माटी के दिए सब जलाएंगे, 🪔🪔🪔🪔🤗🤗🤗🪔 दीपावली पर्व है जलाने चाहिएं, प्रकाश पर्व के इस उत्सव में, उत्साह के दिए
Sunita D Prasad
मात्र संवेदनाओं,समृद्धियों और सफलताओं से पूर्ण नहीं होता.. ये 'जीवन यज्ञ'। इसे चाहिए.. तुम्हारे द्रवित नैनों से गिरती अश्रुधार की प्रत्येक बूँद 'प्रक्षालन' हेतु..। इसे चाहिए.. तुम्हारे निःस्वार्थ भाव से किए तप और पूजा प्रार्थनाओं का 'पंचामृत'। इसे चाहिए.. तुम्हारे टूटे वचनों और अधूरे प्रयत्नों का 'यज्ञोपवीत'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी हर छोटी भूल और पाप की 'कुशा' ..। इसे चाहिए.. तुम्हारी अस्थि मज़्ज़ा रक्त का 'आसन'..। इसे चाहिए.. तुम्हारे श्वासों और आकांक्षाओं की अनगिनत 'आहुतियाँ'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी देह के चिन्तः घृत का आचमन,हर 'स्वाहा' पर। इसे चाहिए.. हर संबंध और हर स्वार्थ की अंतिम पराकाष्ठा की 'समिधा'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी सोच के हर केल-पत्र पल्लव की छाया । इसे चाहिए.. तुम्हारी इच्छा के सभी सुवासित-कोमल पुष्प की 'मालाएँ'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी हर अंतिम जमा पूँजी की 'सामग्री' । इसे चाहिए.. तुम्हारे हृदय के पिघलते लावे की 'लपट' । इसे चाहिए.. तुम्हारे भाव ,लज्जा ,प्रेम और हर संबंध की पूर्ण 'आहुति'..। इसे चाहिए.. तुम्हारी सारी चिरौरियों ,गिड़गिड़ाहटों और रुदन की 'आरती'..। इसे चाहिए.. तुम्हारे सारे सुकर्मों से अर्जित 'प्रसाद'..। तब ...... तब जा कर..ये जीवन तुमसे कुछ संतुष्ट हो, तुम पर कृपा करता है और प्रसन्न हो तुमको देता है.. मृत्यु का 'वरदान..। मात्र संवेदनाओं,समृद्धियों और सफलताओं से पूर्ण नहीं होता.. ये 'जीवन यज्ञ'। इसे चाहिए.. तुम्हारे द्रवित नैनों से गिरती अश्रुधार की प्रत्येक