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Bhakti Kathayen
yogesh atmaram ambawale
कृष्ण रंगात रंगली ही धरणी सारी वाजे पावा मधुर धून छेडी कृष्ण मुरारी. मोहूनी जाई विश्व ही सारे होउनी दंग रंगुनी ह्या सावळ्या श्री हरी संग. सुप्रभात सुप्रभात प्रिय मित्र आणि मैत्रिणिनों आजचा विषय आहे कृष्ण रंगात... #कृष्णरंगात चला तर मग लिहुया.. #collab #yqtaai तुमचे विषय कमेंट
Divyanshu Pathak
मेरा और तुम्हारा बंधन मरने के भी वाद रहे ! अपने होने का अपनापन जो जाने के वाद रहे ! जी पाएंगे क्या हम और तुम जो सदियों तक आबाद रहे ! 💕👨 शुभ संध्या जी ☕☕🍨🍨💕🍫🍫🍉🍧🍧☘🌱🍧🍧🍦🙏 : गुलशन में फूल खिले बहुतेरे कुछ कलियों के साथ जुड़े कुछ पर भँवरों के हैं डेरे मैं माली बनकर रह बैठा मौज ले
J Narayan
एक वृतांत । (Please read in the caption ⬇️) दो बटें तीन हिस्से की बची हुई मोमबत्ती, कोने की तीरगी को रौशन करती हुई, मुझसे बेखौफ सवाल करती है, मैं भी जली, तुम भी जले, दोनों बराबर जले,
atrisheartfeelings
अस मैं अधम सखा सुनु मोहू पर रघुबीर। कीन्हीं कृपा सुमिरि गुन भरे बिलोचन नीर॥ जानतहूँ अस स्वामि बिसारी। फिरहिं ते काहे न होहिं दुखारी॥ एहि बिधि कहत राम गुन ग्रामा। पावा अनिर्बाच्य बिश्रामा॥ पुनि सब कथा बिभीषन कही। जेहि बिधि जनकसुता तहँ रही॥ तब हनुमंत कहा सुनु भ्राता। देखी चहउँ जानकी माता॥ जुगुति बिभीषन सकल सुनाई। चलेउ पवन सुत बिदा कराई॥ करि सोइ रूप गयउ पुनि तहवाँ। बन असोक सीता रह जहवाँ॥ देखि मनहि महुँ कीन्ह प्रनामा। बैठेहिं बीति जात निसि जामा॥ कृस तनु सीस जटा एक बेनी। जपति हृदयँ रघुपति गुन श्रेनी॥ #atrisheartfeelings #ananttripathi #sundarkand #sunderkand अस मैं अधम सखा सुनु मोहू पर रघुबीर। कीन्हीं कृपा सुमिरि गुन भरे बिलोचन नीर॥7॥
shaimee oza lafz
Sad quotes in hindi प्यार एक आजाद पंछी....... article प्यार मै लोग को कीसी को पानै का झुनुन चडता है.. किसी को अपना बनानैका... पर प्यार ऐक दुसरै की ख़ुशी भी ईतनी ही मायनै रखती है...... कभी कीसी को पाना प्यार न .प्यार कीसी की ख़ुशी कै लिए उसकै राह सै हट जाना वही प्यार है... कीसी को तरह तरह की तालीम दैकै हम सामने वाले को प्यार करते है तो ईसै प्यार समजना हमारी मुँखामी है प्यार या शादी कोई इन्सान सुधार कैम्प न... की उसकी गलती औ कै पीछै हम पड जानै की जगह हम मानै की हमारी शादी या प्यार ही न तो आधी समस्याओ का समाधान मिल जाएगा. ऐसा कीसनै बोला की की शादी या प्यार हैसीयत अेजयुकैशन, लायकात, पैसै, कुल, समय कै जानै कै बाद कुछ हाथ न लगता लगता है तो सिर्फ आंसू और गम... शादी हमारै परिवार वालै नै कराई हो या वकील नै ईनसान को खयाल रखना है आपसी सोच मिलनी चाहिए और खाल रहै की शंका का कीडा न घुस जाऐ. वरना पुरी शादीशुदा यातो लवलाईफ को खोखला कर कै रख दैगा. कीसी को पा लैना मोहबबत नही पर किसी की खुशी कै लिए उसकै रास्तै से हट जाना वही प्यार है... इस दुनिया में कोई सयूंणँ न है समय कै रहतै हमारा वाला भलै जैसा भी कयु न हो वही ही काम आता है ..जो जैसा भी है एसा ही अपना ओ उसै बदलनै की कोशिश न करो वही परफैक्ट है हमारै लीऐ. कीसी को जैसा भी है ऐसा अपना ना प्यार बौलतै कीसी को बदल कर अपनाना समझौता बोलतै है...... कह तै है की उपर वाला जोडिया बनाता है. नीचे वालै विघी विधान ही करते है तो ईस फैसलै मै घरवालै या पडोशी कयौं चमचागीरी करतै है.... और अपनी पसंद कयौं हम पै जबरदस्ती थोपतै है... कीसी को संपुँण आजादी क्यों न मिलती हम आजाद भारत मै रह कर भी क्याैं पुराना खयालात रुपी जंजीर सै बनधै हुऐ है..... और मा बाप लडकी औ पर ही जबरदस्ती क्यों थोपतै है अपनी पसंद? 😭 शादी के बाद भी प्यार का दावा सब पर हक जता कै प्यार काे बदनाम न करो प्यार एक आजाद पंछी है उसै उडनै दो. विश्वास ही मजबूत दोर है जो शंका की चिंगारी लगतै ही तुट जाती है.....रिसतै शिसै की तरह होतै है तुटनै सै तो तुट जातै है पर जोडना बहुत ही मुश्किल हैं.... ...........writen by shaimee Prajapati kajal oza vaidhya s fan -- Shaimee Prajapati #NojotoQuote प्यार एक आजाद पंछी....... प्यार मै लोग को कीसी को पानै का झुनुन चडता है.. किसी को अपना बनानैका... पर प्यार ऐक दुसरै की ख़ुशी भी ईतनी ह
Vikas Sharma Shivaaya'
🙏सुन्दरकांड 🙏 दोहा – 26 हनुमानजी फिर से माता सीता के पास आते है पूँछ बुझाइ खोइ श्रम धरि लघु रूप बहोरि। जनकसुता के आगें ठाढ़ भयउ कर जोरि॥26॥ अपनी पूंछ को बुझा कर, श्रम को मिटा कर (थकावट दूर करके),फिर से छोटा स्वरूप धारण कर के हनुमान जी हाथ जोड़ कर सीताजी के आगे आ खडे हुए ॥26॥ श्री राम, जय राम, जय जय राम माता सीता का प्रभु राम के लिए संदेशा सीताजी हनुमानजीको पहचान का चिन्ह देती है मातु मोहि दीजे कछु चीन्हा। जैसें रघुनायक मोहि दीन्हा॥ चूड़ामनि उतारि तब दयऊ। हरष समेत पवनसुत लयऊ॥1॥ और बोले कि हे माता!जैसे रामचन्द्रजी ने मुझको पहचान के लिये मुद्रिका का निशान दिया था,वैसे ही आप भी मुझको कुछ चिन्ह (पहचान) दो॥तब सीताजी ने अपने सिर से उतार कर चूडामणि दिया।हनुमानजी ने बड़े आनंद के साथ वह ले लिया॥ सीताजी श्री राम के लिए संदेशा देती है कहेहु तात अस मोर प्रनामा। सब प्रकार प्रभु पूरनकामा॥ दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी॥2॥ सीताजी ने हनुमानजी से कहा कि हे पुत्र!मेरा प्रणाम कह कर प्रभु से ऐसे कहना कि हे प्रभु!यद्यपि आप सर्व प्रकारसे पूर्णकाम हो(आपको किसी प्रकार की कामना नहीं है)॥हे नाथ! आप दीनदयाल हो,दीनो (दुःखियो) पर दया करना आपका विरद है,(और मै दीन हूँ)अतः उस विरद को याद करके, मेरे इस महासंकट को दूर करो॥ माता सीता का श्रीराम को संदेशा तात सक्रसुत कथा सुनाएहु। बान प्रताप प्रभुहि समुझाएहु॥ मास दिवस महुँ नाथु न आवा। तौ पुनि मोहि जिअत नहिं पावा॥3॥ हे पुत्र । फिर इन्द्र के पुत्र जयंत की कथा सुना कर प्रभु कों बाणों का प्रताप समझाकर याद दिलाना और कहना कि हे नाथ जो आप एक महीने के अन्दर नहीं पधारोगे,तो फिर आप मुझको जीवित नहीं पाएँगे॥ सीताजी को हनुमानजी के जाने का दुःख कहु कपि केहि बिधि राखौं प्राना। तुम्हहू तात कहत अब जाना॥ तोहि देखि सीतलि भइ छाती। पुनि मो कहुँ सोइ दिनु सो राती॥4॥ हे तात! कहना, अब मैं अपने प्राणोंको किस प्रकार रखूँ?क्योंकि तुम भी अब जाने को कह रहे हो॥तुमको देखकर मेरी छाती ठंढी हुई थीपरंतु अब तो फिर मेरे लिए वही दिन हैं और वही रातें हैं॥ आगे शनिवार को ..., Affirmations:- 6.मैं खुला हुआ हूँ और बहुत कुछ पाने के लिए तैयार हूँ..., 7.हमारे अंदर जो उत्तर हैं वो आसानी से मुझे पता चल जाते हैं ..., 8.मैं अतीत को आसानी से पीछे छोड़ देता हूँ और जीवन की प्रक्रिया पर विश्वास करता हूँ ..., 9.मैं अपना व्यक्ति होने के लिए स्वतंत्र हूँ ..., 10. मैं उसी प्रकार से संपूर्ण हूँ जैसा मैं हूँ..., 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड 🙏 दोहा – 26 हनुमानजी फिर से माता सीता के पास आते है पूँछ बुझाइ खोइ श्रम धरि लघु रूप बहोरि। जनकसुता के आगें ठाढ़ भयउ कर जोरि॥26॥ अ
Vikas Sharma Shivaaya'
🙏सुन्दरकांड🙏 दोहा – 7 भगवान् राम के गुणों का भक्तिपूर्वक स्मरण अस मैं अधम सखा सुनु मोहू पर रघुबीर। कीन्हीं कृपा सुमिरि गुन भरे बिलोचन नीर ॥7॥ हे सखा, सुनो मै ऐसा अधम नीच हूँ तिस पर भी रघुवीरने कृपा कर दी,तो आप तो सब प्रकारसे उत्तम हो-आप पर कृपा करे इस में क्या बड़ी बात है- ऐसे प्रभु श्री रामचन्द्रजी के गुणोंका स्मरण करनेसे दोनों के नेत्रोमें आंसू भर आये॥ श्री राम, जय राम, जय जय राम भगवान् को भूलने पर, इंसान के जीवन में दुःख का आना जानतहूँ अस स्वामि बिसारी। फिरहिं ते काहे न होहिं दुखारी॥ एहि बिधि कहत राम गुन ग्रामा। पावा अनिर्बाच्य बिश्रामा॥ जो मनुष्य जानते बुझते ऐसे स्वामीको छोड़ बैठते है,वे दूखी क्यों न होंगे? इस तरह रामचन्द्रजीके परम पवित्र व कानोंको सुख देने वाले गुणसमूहोंको कहते कहते,हनुमानजी ने विश्राम पाया,उन्होने परम (अनिर्वचनीय) शांति प्राप्त की॥ विभीषण हनुमानजी को माता सीता के बारे में बताते है पुनि सब कथा बिभीषन कही। जेहि बिधि जनकसुता तहँ रही॥ तब हनुमंत कहा सुनु भ्राता। देखी चहउँ जानकी माता॥ फिर विभीषण ने हनुमानजी से वह सब कथा कही कि –सीताजी जिस जगह, जिस तरह रहती थी।तब हनुमानजी ने विभीषण से कहा, हे भाई सुनो,मैं सीता माताको देखना चाहता हूँ॥ अशोकवन का प्रसंग-हनुमानजी अशोकवन जाते है जुगुति बिभीषन सकल सुनाई। चलेउ पवनसुत बिदा कराई॥ करि सोइ रूप गयउ पुनि तहवाँ। बन असोक सीता रह जहवाँ॥ सो मुझे उपाय बताओ।हनुमानजी के यह वचन सुनकर विभीषण ने वहांकी सब युक्तियाँ (उपाय) कह सुनाई।तब हनुमानजी भी विभीषणसे विदा लेकर वहांसे चले॥फिर वैसा ही छोटासा स्वरुप धर कर,हनुमानजी वहां गए, जहां अशोकवन में सीताजी रहा करती थी॥ सीताजी का राम के गुणों का स्मरण करना देखि मनहि महुँ कीन्ह प्रनामा। बैठेहिं बीति जात निसि जामा॥ कृस तनु सीस जटा एक बेनी। जपति हृदयँ रघुपति गुन श्रेनी॥ हनुमानजी ने सीताजी का दर्शन करके, उनको मनही मनमें प्रणाम किया और बैठे-इतने में एक प्रहर रात्रि बीत गयी॥ हनुमानजी सीताजी को देखते है,सो उनका शरीर तो बहुत दुबला हो रहा है। सर पर लटो की एक वेणी बंधी हुई है और अपने मनमें श्री राम के गुणों का जाप (स्मरण) कर रही है॥ विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 289 से 300 नाम 289 सत्यधर्मपराक्रमःजिनके धर्म-ज्ञान और पराक्रमादि गुण सत्य है 290 भूतभव्यभवन्नाथः भूत, भव्य (भविष्य) और भवत (वर्तमान) प्राणियों के नाथ है 291 पवनः पवित्र करने वाले हैं 292 पावनः चलाने वाले हैं 293 अनलः प्राणों को आत्मभाव से ग्रहण करने वाले हैं 294 कामहा मोक्षकामी भक्तों और हिंसकों की कामनाओं को नष्ट करने वाले 295 कामकृत् सात्विक भक्तों की कामनाओं को पूरा करने वाले हैं 296 कान्तः अत्यंत रूपवान हैं 297 कामः पुरुषार्थ की आकांक्षा वालों से कामना किये जाते हैं 298 कामप्रदः भक्तों की कामनाओं को पूरा करने वाले हैं 299 प्रभुः प्रकर्ष 300 युगादिकृत् युगादि का आरम्भ करने वाले हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड🙏 दोहा – 7 भगवान् राम के गुणों का भक्तिपूर्वक स्मरण अस मैं अधम सखा सुनु मोहू पर रघुबीर। कीन्हीं कृपा सुमिरि गुन भरे बिलोचन नीर ॥7