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पवन कुमार बैरवा
ग्राम पंचायत मऊ खुर्द के सरपंच पद एससी वर्ग के लिए आरक्षित सभी उम्मीदवार को अग्रिम शुभकामनाएं तत
शुभम दि. कांबळे
मन माझे मोहरले, तुला पाहता आज ग, चिंब झाले गहिवरले, सखे तुझ्या प्रीतीत ग, फिरते तुझ्या भोवती, घुटमळते मन हे वेडे आज ग... -शुभम दिपक कांबळे मन हे वेडे पावले तुझ्यात ग
Sunil Sharma...
बाद मुद्दत आज उनसे मुलाकात हो गई लब खामोश थे नज़रों से बरसात हो गई हाले दिल का आलम ना पूछ दोस्त.... सांसे चलती रही जिंदगी जर जर हो गई..!! ©Sunil Sharma Sunil #लव #शायरी #mohobbat #जिंदगी #Life ..….... सांसे चलती रही जिंदगी जर जर हो गई..!!
Ramnarayan Bharti
भारतीय संविधान में अपनी रुची का भोजन करने का अधिकार जिंदाबाद, जिंदाबाद जय तत---------जय सत
Amit Thakur
मन शरीर का वह हिस्सा या प्रक्रिया है जो किसी ज्ञातव्य को ग्रहण करने, सोचने और समझने का कार्य करता है। #मन#लव
Ramnarayan Bharti
शाकाहारी और माँसाहारी श्रेष्ठ-अश्रेष्ठ सिद्धांत मुर्दाबाद,मुर्दाबाद जय सत--------------जय तत
Samdarshi PrajaMandal
हे जगदीश्वर तुम्हें प्रणाम हे सर्वेश्वर तुम्हें प्रणाम । जहां देखता हूं वहां तुम ही तुम हो । झरनों में तुम हो, झीलों में तुम हो ।। पृथ्वी में तुम हो, शैलो में तुम हो सूरज में तुम हो, चंदा में तुम हो, जहां दृष्टि डालो वहां तुम ही तुम हो । जिधर देखता हूं उधर तुम ही तुम हो । तारों में तुम हो, सितारों में तुम हो । देवों में तुम हो, दनुजो में तुम हो । गंगा में तुम हो ,यमुना में तुम हो, हर मन में तुम हो, हर तन में तुम हो , धरा से गगन तक रमे तुम ही तुम हो । जिधर देखता हूं वहां तुम ही तुम हो ।। ग
yashu tiwari
एक बेटी क्या कहती है... ♥️ आपकी आवाज सुनकर ही सुकून का एहसास होने लगता है पापा आपकी उदासी एक अनकहा संबल आपके प्यार की खुशबु जैसे महके सुगंधित मंदिर की अगरबत्ती आपकी विश्वसनीयता मेरा खुद पर और गर्व महसूस करना आपकी छोटी सी मुस्कान मेरी बड़ी सी ताकत आप का हरपल का साथ ख़ुशी का एहसास इस जहा मे मेरे लिए आप से ज्यादा कोई खास नही है कोई भी नही...पापा, आपके भार तले दबी है मेरी हर एक साँस ।।आकांक्षा सिंह (romi) ग
Rajkamal Gupta
अल्फ़ाज़ मेरे दिल के, अल्फाज मेरे दिल के तन्हाईयाँ जो लिखी थी हमने सोचा न था कभी की नज़रो के सामने रहोगी हमारे पर हम दिल - ऐ - अल्फाज बयान ना कर पाएँगे । चाहना तो हम मे भी बहुत खूब लिखा है दिल - ऐ - दर्खाश्त, दरमीयाँ.... दिल भले मेरा जख्मी है, लेकिन सांसो में अब भी मगरूरी है मुर्खते - ऐ - जुबाने खारोफ कभी ऐहसास दिला न पाएँगे हम । ग