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Mahakal Pharmacy Point
White akele chalkar badsah bano kyuki, sath chalne vale aksar dhokha dete hai ©Mahakal Pharmacy Point #Thinking for students in hindi on success
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read moreसुलगते लफ्ज़-S.k. Shaayar
White अब मैं किसी का इन्तजार नहीं करता इस ज़माने पर ऐतवार नहीं करता जब से सीखा है खुद से प्यार करना अब मैं जमाने से प्यार नहीं करता ©सुलगते लफ्ज़-S.k. Shaayar #love_shayari love poetry for her hindi poetry love poetry in hindi poetry on love hindi poetry on life
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read moreRamji Tiwari
White *प्यारा मास बसंत* जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर। बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर। नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी। रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी। देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग। सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।। दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान। कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान। गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती। पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती। देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती। देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।। बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग। भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग। गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता। कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता। झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत। ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Nature #springpoem #Beauty #poem #Friend
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read moreRamji Tiwari
White प्यारा मास बसंत वृक्षों पर नव कोंपलें होता पतझड़ का अंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत हरी चादर ओढ़े धरा की शोभा न्यारी बहुरंगी प्रसूनों से सज गई हर क्यारी माँ सरस्वती की वन्दना करते साधु संत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत वृक्षों की शाखाओं पर कोयल गान कर रही प्रकृति भी माँ सरस्वती का गुणगान कर रही प्रात होते भानु रश्मि आतीं भू पे तुरंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत सन- सन करती मनोहर मलय समीर बह रही चूँ- चूँ करती चिड़िया मनोहर राग कह रही इन्द्रधनुष रंग से रंगा आसमान अनंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत रिमझिम- रिमझिम बरसात की बूँदें गिरती हैं सभी जीवों की आत्मा को तृप्त करती हैं मनभावन, सुन्दर मौसम भाता अति हेमंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत दूर तक दिखती हरियाली ही हरियाली है मधुर तान में गा रही कोयल मतवाली है सूखी तरूवर की डाली हो जाती जीवंत ऋतुओं का ऋतुराज है प्यारा मास बसंत स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Nature #poem #NatureBeauty #Spring
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read moreRamji Tiwari
White *मनभावन न्यारा मधुमास होता है* नई उमंगों, नई तरंगों का एहसास होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है दूर तलक धरती पर हरी मखमली चादर होती है खेतों में प्रिय मूली,आलू, शलजम, गाजर होती है प्रकृति की देख सुन्दर छटा मन में उल्लास होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है घास,ओस की बूँदों पर जब सूर्य किरणें पड़तीं हैं मोती की मानिंद जल बूँद चम-चम चमकनें लगतीं हैं चाँदनीं रात में तारों का सुन्दर प्रकाश होता है सबसे सुन्दर, मनभावन न्यारा मधुमास होता है पीले -पीले सरसों के फूल लगते बहुत मनभावन बसंत पंचमी मात सरस्वती का उत्सव अति पावन सम्पूर्ण प्रकृति में व्याप्त सुखद उल्लास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है पीले रंग की साड़ी पहनकर सज जाती नारी है बसंत पंचमी मेले की शोभा लगती न्यारी है माँ के मण्डप का निर्माण मन्दिर के पास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है बसंत पंचमी मात सरस्वती का पूजन होता है हर एक घर में नाच-गाना भजन-कीर्तन होता है इस दिन ज्ञान की देवी का हर घर में वास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है जो नर बसंत पंचमी के दिन सरस्वती को ध्याता माँ वीणावादिनी से सुर ,ज्ञान, सद्बुद्धि वर को पाता विद्यार्थी,सुर साधक के लिए यह दिन खास होता है सबसे सुन्दर मनभावन न्यारा मधुमास होता है स्वरचित रचना-राम जी तिवारी "राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Spring #poem #Nature #
Bharat Bhushan pathak
तंत्री छंद विधान-८,८,१०,६ मात्रा पर यति,चार चरण विस्मृत करना,चाहूँ जितना,उतनी स्मृत होती,तुम मुझको। समीप मेरे,जब होती थी,स्मृत ना होती थी,तुम मुझको।। नहीं दूर अधिक,मुझसे हो तुम,मुझको तो भी स्मृत ,तुम होती। विस्मृत जितना,करना चाहूँ,उतनी स्मृत होती,तुम मुझको । भारत भूषण पाठक"देवांश"🙏🌹🙏 ©Bharat Bhushan pathak poetry in hindi hindi poetry on life hindi poetry poetry on love love poetry for her
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read moreᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे, मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे। कोई जब पूछ बैठेगा खामोशी का सबब तुमसे, बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा न पाओगे। कभी दुनिया मुक्कमल बन के आएगी निगाहों में, कभी मेरे करम दुनिया की हर एक शह में पाओगे। कहीं पर भी रहें हम तुम मोहब्बत फिर मोहब्बत है, तुम्हें हम याद आयेंगे हमें तुम याद आओगे। ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #मैं_उतना_याद_आऊंगा_मुझे_जितना_भुलाओगे। love poetry for her hindi poetry hindi poetry on life poetry on love
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read moreabhay singhaniya
New Year 2024-25 Social science file ©abhay singhaniya Class 10th
Class 10th
read moreBharat Bhushan pathak
White इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार। शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६ पृथ्वी अग्नि व्योम मृदा,करे सृष्टि निर्माण। तत्व एक भी लुप्त यदि,हो विध्वंश प्रमाण।।७ नाशे सभी यदि वृक्ष तो,हो जाएगा अंत। बरसेगी तब ये धरा,खोले तीखे दंत।।८ प्राणवायु भी लुप्त क्यों,सोचेंगे सब लोग। समझ नहीं पाए कभी,कैसा है ये रोग।९ हवा पानी मिट्टी अरु,करते गंदा लोग। शोर ज़ोरों से कर वो ,बढ़ा रहे हैं रोग।।१० ©Bharat Bhushan pathak #nature poetry quotes poetry poetry in hindi love poetry for her poetry on love
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