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usFAUJI
समझ से परे हैं जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 ©usFAUJI समझ से परे हैं जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 अमानवीय कृत्य
समझ से परे हैं जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 अमानवीय कृत्य
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} मुक्त रहना ही बेहतर है, उन रिश्तों से जिन रिश्तों में आत्मसम्मान की कमी महसूस हो। जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #love_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} मुक्त रहना ही बेहतर है, उन रिश्तों से जिन रिश्तों में आत्मसम्मान की कमी महसूस हो। जय श्री राधेकृष्ण
#love_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} मुक्त रहना ही बेहतर है, उन रिश्तों से जिन रिश्तों में आत्मसम्मान की कमी महसूस हो। जय श्री राधेकृष्ण
read moregaTTubaba
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सुबह सुबह मुस्कुराहट आयी चेहरे पर की एक चेहरा देखा पहले तो अपना देखा पर वजह वो था जिन आँखो में चेहरा अपना देखा ©gaTTubaba #SunSet सुबह सुबह मुस्कुराहट आयी चेहरे पर की एक चेहरा देखा पहले तो अपना देखा पर वजह वो था जिन आँखो में चेहरा अपना देखा
#SunSet सुबह सुबह मुस्कुराहट आयी चेहरे पर की एक चेहरा देखा पहले तो अपना देखा पर वजह वो था जिन आँखो में चेहरा अपना देखा
read moreSumitGaurav2005
किसी ने धूल क्या झोंकी मेरी इन आँखों में, कमबख्त पहले से बेहतर मुझे दिखने लगा। जिन दावपेंच को मैं जानता भी नहीं था, उन्हें भी अपने अनुभव से
read moreनवनीत ठाकुर
तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा दर्द, तो और किससे वफा करूं। जो अश्क छुपा रखे हैं पलकों में, उन्हें कैसे रिहा करूं। जिन लफ्ज़ों में था तेरा जिक्र, अब उनका क्या सिलसिला करूं। तुम्हारी खामोशी है गवाही मेरी, तो शिकायत किससे भला करूं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
#नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
read moreनवनीत ठाकुर
White हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है, सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है। जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी, उन्हें दरकिनार किया जाए तो मुश्किल होगी। दर्द ने संवार दी हैं ये तहरीरें दिल की, ग़म ने निखार दी हैं तस्वीरें दिल की। हर कहानी का एक हिस्सा बन चुका हूँ मैं, खुद को मिटाया जाए तो मुश्किल होगी। आसमान से तारे भी पूछते हैं सवाल, क्यों उजाले में भी दिखता है ये मलाल? ज़िंदगी के हर ग़म को हमने गले लगाया, अब उन्हें छोड़ दिया जाए तो मुश्किल होगी। ©नवनीत ठाकुर #हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है, सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है। जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी, उन्हें दरकिनार किया जाए तो
#हर रात की तन्हाई में चांदनी खो जाती है, सहर की रोशनी भी धुंधली हो जाती है। जिन लम्हों ने दिल पर दस्तक दी थी कभी, उन्हें दरकिनार किया जाए तो
read moreI͓̽n͓̽n͓̽o͓̽c͓̽e͓̽n͓̽t͓̽ b͓̽e͓̽w͓̽a͓̽f͓̽a͓̽
White it's truth गये हुए लोग आपके जीवन मे तब वापस आयेंगे जब वो निराश हो चुके होंगे उन लोगो से जिन लोगो को वो तुमसे बेहतर समझते थे ©+-InNocEnT BeWafa-+ it's truth गये हुए लोग आपके जीवन मे तब वापस आयेंगे जब वो निराश हो चुके होंगे उन लोगो से जिन लोगो को वो तुमसे बेहतर समझते थे
it's truth गये हुए लोग आपके जीवन मे तब वापस आयेंगे जब वो निराश हो चुके होंगे उन लोगो से जिन लोगो को वो तुमसे बेहतर समझते थे
read moreIG @kavi_neetesh
White एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों देश तोडना चाहते है?। --- सत्ता किसी की स्थायी नहीं होती, समय की धार में बहती रहती, फिर क्यों उसे अपनी निजी सम्पत्ति समझते हों? क्यों सत्ता के लिये धर्म जाति के, तुष्टिकरण की राजनीति करते हों ?। ---- क्यों देश को अगड़े पिछड़े और भी कई टुकड़ों में में बाँट रहें हों? क्यों देश के अपराधियों, आतंकियों की ढाल बन रहें हों ?। ---- आखिर क्यों नहीं सोचते, ज़ब देश रहेगा,तभी हम आप रहेंगे, आज जिन्हें सत्ता के लिये पनाह दें रहें, वही कल हमें विकट संताप देंगे, हमारी धर्म संस्कृति को निगल जायेगे, हमारे निशान भी सिर्फ इतिहास में नजर आयेंगे। ---- जिन जातियों की राजनीति कर रहें, उन जातियों के निशान भी न रहेंगे, हमारे धर्म संस्कृति संस्कार सब नष्ट होंगे। ---- अभी वक़्त हैं, संभल जाओ, महा विनाश को न बुलाओ आतंकी दस्तक आज,हर तरफ सुनाई दें रहीं हैं, चेतावनियो के स्वरों की अग्नि प्रज्जवलित हों रहीं हैं, अराजकता की आग फैलने के पहले ही बुझाओ, तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ राष्ट्र रक्षा में जुट जाओ। ©IG @kavi_neetesh #love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
#love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
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