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M.k.kanaujiya
White शायद मेरा फकीराना भेष उसको भा गया उसका चुटकी भर प्यार मेरे हिस्से भी आ गया बंधन बंधन शर्त वर्त कोई पैमाने नहीं रखा उसने मेरा दिल टूटी झोपड़ी लगा उसे ,महल बना गया,। ©M.k.kanaujiya #शायद मेरा फकीराना भेष उसको भा गया उसका चुटकी भर प्यार मेरे हिस्से भी आ गया बंधन बंधन शर्त वर्त कोई पैमाने नहीं रखा उसने मेरा दिल टूटी झोपड
#शायद मेरा फकीराना भेष उसको भा गया उसका चुटकी भर प्यार मेरे हिस्से भी आ गया बंधन बंधन शर्त वर्त कोई पैमाने नहीं रखा उसने मेरा दिल टूटी झोपड
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
चौपाई छन्द :- जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।। राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।। भरा पेट क्या भरत राज में । रहते हम भी उस समाज में ।। हजम नहीं वह घी कर पाते । छीन निवाले जो है खाते ।। मंदिर-मंदिर करके रोये । पाये तो सीढ़ी पे सोये ।। चुनकर उनको तुम रखवाला । कर बैठे अपना मुँह काला । मार ठहाका जो हैं हँसते । काटें में मछली हैं फँसते ।। देख खुशी ऐसे हर्षाने , स्वयं न छवि अपनी पहचाने ।। अच्छी सीख अवध ने दी है । भूलूं न मैं भीख में दी है ।। शीश नवाता अवध भूमि को । करना चाहूँ नमन भूमि को ।। पुनः लौट जो अवसर आये । तट सरयू दर्शन हम पाये ।। हनुमत खड़े रहे बन प्रहरी । हर इच्छा जो हरि की ठहरी ।। मैं मानूँ सब हरि की माया । हर काया में उनकी छाया ।। मिला प्रसाद हमें प्रभु दर से । पुनः शुरूआत उसी घर से ।। भूल क्षमा हो रघुवर मेरे । दूर करो ये आज अँधेरे ।। तुम ही हो इस जग के स्वामी । माने तुमको अन्तरयामी ।। राम कहाँ कुछ उनके लगते । जो मन चाहे बकते रहते ।। हमने रघुवर को सब माना । महल बने था दिल में ठाना ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द :- जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।। राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।। भरा पेट क्या भरत राज में । रहते
चौपाई छन्द :- जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।। राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।। भरा पेट क्या भरत राज में । रहते #कविता
read moreAnkur tiwari
सब जिस्म है किराए के सब किरदार बन आए हैं सब को यहां हैं धौंस को घरौंदे उन्होंने बनाएं हैं एक दिन सब राख होना ही हैं पर इस का रंज हैं किसे सबने यहां पर लाख के अपने महल बनाएं हैं पर जिस दिन मरेगा तू उस रोज को क्या होगा जो धौस हैं तुम्हारी उस धौंस का क्या होगा मौत तो आनी जानी हैं एक रोज आएगी ही तो सोच ले तू खुद उस रोज को क्या होगा मरने को तेरे लोग सब यहां पर पास फिराए हैं कुछ नोच खाने को तुझे तैयार हो आए हैं पर मौत तो उसकी है जिसका अफसोस जमाना करें वरना तो सभी लोग यहां मरने को ही आए हैं ©Ankur tiwari #sad सब जिस्म है किराए के सब किरदार बन आए हैं सब को यहां हैं धौंस को घरौंदे उन्होंने बनाएं हैं एक दिन सब राख होना ही हैं पर इस का रंज हैं
#SAD सब जिस्म है किराए के सब किरदार बन आए हैं सब को यहां हैं धौंस को घरौंदे उन्होंने बनाएं हैं एक दिन सब राख होना ही हैं पर इस का रंज हैं
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सोरठा :- सूर्यदेव का ताप , नित्य ही बढता जाता । नर नारी सब आज , नजर घूंघट में आता ।। लियो मजा तुम खूब , सदा पक्की सड़को का । करना क्या है आज , पहाड़ो औ झरनों का ।। महल बने फिर चार , वृक्ष हो बिल्कुल छोटे । गेंदा चंपा छोड़ , वृक्ष सब लगते खोटे ।। हँसते घूंघट काढ , दिखे सारी बत्तीसी । फल कर्मो का आज, निकाले सबकी खीसी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सोरठा :- सूर्यदेव का ताप , नित्य ही बढता जाता । नर नारी सब आज , नजर घूंघट में आता ।।
सोरठा :- सूर्यदेव का ताप , नित्य ही बढता जाता । नर नारी सब आज , नजर घूंघट में आता ।। #कविता
read moreSrinivas
बिना प्यार के महल भी रेगिस्तान लगते हैं, अपनों की बातें ही तो घर को गुलिस्तान बनाते हैं। ©Srinivas #Home बिना प्यार के महल भी रेगिस्तान लगते हैं, अपनों की बातें ही तो घर को गुलिस्तान बनाते हैं।
Sai Angel Shaayari
कोई स्त्री कभी ताज महल नहीं चाहती वो चाहती है सिर्फ मान-सम्मान, इज्ज़त और क़दर । No Woman Ever Wants The Taj Mahal. She Just Wants Respect , Honour And Appreciation. ©Sai Angel Shaayari कोई स्त्री कभी ताज महल नहीं चाहती वो चाहती है सिर्फ मान-सम्मान, इज्ज़त और क़दर । No Woman Ever Wants The Taj Mahal. She Just Wants Respect
कोई स्त्री कभी ताज महल नहीं चाहती वो चाहती है सिर्फ मान-सम्मान, इज्ज़त और क़दर । No Woman Ever Wants The Taj Mahal. She Just Wants Respect #Life
read more- Arun Aarya
आज नहीं तो कल बनाना है, मुझें घर नहीं , महल बनाना है..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #beautifulhouse #महल बनाना है।
#beautifulhouse #महल बनाना है। #Life
read moreMukesh Poonia
भव्य महल हो या हो छोटी सी झोपड़ी... घर उसी को कहते हैं जहां शांति और सुकून मिले... . ©Mukesh Poonia #GingerTea #भव्य #महल हो या हो #छोटी सी #झोपड़ी... घर उसी को कहते हैं जहां #शांति और #सुकून मिले...
Sabhy Bharat News
ग्वालियर के संगम वाटिका और रंग महल में लगी भीषण आग कई लोग हुए आग से घायल #SAD
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत:- आई है घर में गौरैया , दे दूँ उसको अन्न । चूँ चूँ करके कहती हमसे , पेट नही है अन्न ।। आई है घर में गौरैया.... पहले चुग ले तू जी भरके , बाते करना बाद । जान रही हूँ आज तुझे मैं , करें न कोई याद ।। अपने महल दुमहले होवें , करता सब फरियाद । उनकी बातें भूल यहाँ तू , हो जा पहले टन्न । आई है घर में गौरैया...। कुल्लड़ में पानी है रख्खा , आज बुझाओ प्यास । दाना चुगकर नीम पेड़ पर, पुनः बना आवास ।। जब भी भूख लगे तुझको , आना मेरे पास । रख दूँगी सुनो मुंडेर पे , तेरी खातिर अन्न । आई है घर में गौरैया..... देख रही तू पहले जैसा , घर अब मेरा नाहि । बिल्ली कुत्ता दूर बहुत है , डरने को अब नाहि ।। जब भी तेरा जी चाहे अब , करना घर में सैर । किसी बात की फिकर नही अब , तुझे मिलेगा अन्न । आई है घर में गौरैया .... आई है घर में गौरैया , दे दूँ उसको अन्न । चूँ चूँ करके कहती हमसे , पेट नही है अन्न ।। ०५/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आई है घर में गौरैया , दे दूँ उसको अन्न । चूँ चूँ करके कहती हमसे , पेट नही है अन्न ।। आई है घर में गौरैया.... पहले चुग ले तू जी भरके , बा
आई है घर में गौरैया , दे दूँ उसको अन्न । चूँ चूँ करके कहती हमसे , पेट नही है अन्न ।। आई है घर में गौरैया.... पहले चुग ले तू जी भरके , बा #कविता
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