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SHUBHAM Ghatte

Unsplash है  ठंड जरा तो रहम कर..😜
सबो के पास लुगाई नही होती है.!!

©SHUBHAM Ghatte  #shayaris #poetry #quote #wordporn #qotd #igwriters #Nojoto #na

theABHAYSINGH_BIPIN

#Sands ज़िंदगी का कोई हक़दार नहीं है, हर अब आशिक़ वफ़ादार नहीं है। साहिल से ताकता हूँ दूसरी छोर को, नाव-ए-ज़िंदगी का कोई पतवार नहीं है। इश

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Red sands and spectacular sandstone rock formations ज़िंदगी का कोई हक़दार नहीं है,
हर अब आशिक़ वफ़ादार नहीं है।
साहिल से ताकता हूँ दूसरी छोर को,
नाव-ए-ज़िंदगी का कोई पतवार नहीं है।

इश्क़ करो और दिल महफ़ूज़ रहे,
ये इश्क़ है, कोई चमत्कार नहीं है।
जो जले बिन बुझा, वो चिराग़ कहाँ,
दिल का दर्द अब दरकार नहीं है।

फिर भी दिल में ये उलझन क्यूँ है,
हर साँस में कोई तड़प क्यूँ है।
शायद मोहब्बत अधूरी रह जाए,
मुकम्मल इश्क़ इख़्तियार नहीं है।

ये सफ़र इश्क़ का आसान नहीं,
हर कदम पर एक इम्तिहान सही।
पर दिल को संभालो, आगे बढ़ो,
इश्क़ में मुक़ाम हर बार नहीं है।

वो वक्त बीत गया 'हीर-रांझा' का,
हर शख़्स अब मिलनसार नहीं है।
सुबह का भूला शाम को न आता,
अब मोहब्बत पर एतबार नहीं है।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Sands 
ज़िंदगी का कोई हक़दार नहीं है,
हर अब आशिक़ वफ़ादार नहीं है।
साहिल से ताकता हूँ दूसरी छोर को,
नाव-ए-ज़िंदगी का कोई पतवार नहीं है।

इश

theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_shayari वफ़ा को ढूँढ़ना बेमानी सा लगता, दिल का ये ख्वाब पुराना सा लगता। खुद को संभालूं या शिकवे लिखूं, हर दर्द अब एक फसाना सा लगता।

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White वफ़ा को ढूँढ़ना बेमानी सा लगता,
दिल का ये ख्वाब पुराना सा लगता।
खुद को संभालूं या शिकवे लिखूं,
हर दर्द अब एक फसाना सा लगता।

इश्क़ सिर्फ कहानी सा लगता है,
ग़म अब निशानी सा लगता है।
कौन चाहता है ज़ख्मों को भरना,
दर्द-ए-दिल अब रूहानी सा लगता है।

आँखों में न कोई ख्वाब अब बाकी है,
दिल का हर कोना खाली सा लगता है।
जिनसे उम्मीदें थीं, वो पराये निकले यारो,
ज़िंदगी भी अब तूफानी सा लगता है।

हर राह में बस सन्नाटा सा है,
हर कदम पर धोखे का साया सा है।
जिनसे दिल लगाया, वही दूर निकले,
अब हर रिश्ता अफ़साना सा है।

इश्क़ अब सिरफिरा सा खेल लगता है,
हर कदम पर ये जाल सा बिछता है।
फिर भी दिल क्यों लौट जाता है वहीं,
जहाँ हर दर्द अब रूहानी सा लगता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_shayari 

वफ़ा को ढूँढ़ना बेमानी सा लगता,
दिल का ये ख्वाब पुराना सा लगता।
खुद को संभालूं या शिकवे लिखूं,
हर दर्द अब एक फसाना सा लगता।

theABHAYSINGH_BIPIN

#SunSet जा रहे हो तुम, फिर लौटकर आओगे, छोड़ता हूँ यहाँ कुछ यादों की किताबें। बेमतलब से अंदाज़, बेपरवाह होकर, जब लौटोगे, वही ख्वाब सजाओगे।

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जा रहे हो तुम, फिर लौटकर आओगे,
छोड़ता हूँ यहाँ कुछ यादों की किताबें।

बेमतलब से अंदाज़, बेपरवाह होकर,
जब लौटोगे, वही ख्वाब सजाओगे।

छोड़कर जा रहा हूँ तुम्हारे मीठे लम्हे,
यकीन है, एक दिन उन्हें ढूंढने आओगे।

बेशक होगी तुम्हें मेरे ठिकानों की तलाश,
मैं नहीं हूँ, मगर एहसास तुम पा जाओगे।

बताएगा हर कोई तुम्हें मेरा पता,
पर जीते जी मुझ तक ना पहुँच पाओगे।

©theABHAYSINGH_BIPIN #SunSet 

जा रहे हो तुम, फिर लौटकर आओगे,
छोड़ता हूँ यहाँ कुछ यादों की किताबें।

बेमतलब से अंदाज़, बेपरवाह होकर,
जब लौटोगे, वही ख्वाब सजाओगे।

theABHAYSINGH_BIPIN

#moon_day ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं, हर गली में भंवरे बनकर, फूलों पर मंडराते हैं। साहिबा को मानकर मूरत, ख़ुद को मिर्ज़

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White ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं,
हर गली में भंवरे बनकर, फूलों पर मंडराते हैं।
साहिबा को मानकर मूरत, ख़ुद को मिर्ज़ा बताते हैं,
हीर-रांझा की क़िस्सागोई में, अपने दिल बहलाते हैं।

इश्क़ की हक़ीक़त से, ये नादान अनजान हैं,
सिर्फ़ कलियों की ख़ुशबू तक, इनके अरमान हैं।
हमने सदियों इश्क़ के हरम में, वक़्त गुज़ारे हैं,
सब्र-ए-इश्क़ का मतलब, इनसे बेहतर समझे हैं।

ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ को खेल समझते हैं,
हर दर्द-ए-दिल को, बस अफ़साना कहते हैं।
इश्क़ की राहों में, सब्र का इम्तिहान होता है,
हर आशिक़ का दिल, सच्चे इश्क़ का मक़ाम होता है।

इनकी मोहब्बत में, गहराई की कमी है,
सिर्फ़ बाहरी चमक-धमक, दिलों में नर्मी है।
इश्क़ की असलियत, तजुर्बे से समझ आती है,
हर दिल में मोहब्बत की, अलग ही कहानी बसी है।

ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं,
पर इश्क़ की गहराई को, कहां ये समझ पाते हैं।
हमने इश्क़ में सब्र और वफ़ा के क़िस्से लिखे हैं,
इनकी मोहब्बत में, बस ख़्वाबों के सिलसिले हैं।

©theABHAYSINGH_BIPIN #moon_day 

ये कच्ची उम्र के लड़के, इश्क़ मुझे सिखाते हैं,
हर गली में भंवरे बनकर, फूलों पर मंडराते हैं।
साहिबा को मानकर मूरत, ख़ुद को मिर्ज़

theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari उस इश्क़ को क्या ही सर-ए-बाज़ार करें, कर गए वो मुझको रुस्वा, क्या ही बदनाम करें। ज़ख़्म भी तो चुन-चुन कर दिए हैं सोने पर, कि

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White उस इश्क़ को क्या ही सर-ए-बाज़ार करें,
कर गए वो रुस्वा, क्या ही बदनाम करें।
ज़ख़्म भी तो चुन-चुन कर दिए हैं सोने पर,
किस-किस ज़ख़्म का अब इलाज करें।

इश्क़ की बारिश में उन्हें जी भर के चाहा,
तन्हा करने वालों पर क्या ही ऐतबार करें।
छेड़ने को हर एक क़िस्सा बचा है अब,
दिल के दर्द को क्या ही बेकरार करें।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 

उस इश्क़ को क्या ही सर-ए-बाज़ार करें,
कर गए वो मुझको रुस्वा, क्या ही बदनाम करें।
ज़ख़्म भी तो चुन-चुन कर दिए हैं सोने पर,
कि

theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा

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White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कहीं बारिश तो ओले गिराए।
कहीं मिलन के फूल खिलाए,
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं,
कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं,
तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए,
कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

कभी सपनों को बहार मिली,
कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।
कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं,
कभी दिलों पे ग़मों के छाए।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

कभी खुशियों का झरना बहा,
कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।
कभी सर्द हवाओं में आग जली,
कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली।
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कहीं बारिश तो ओले गिराए।
कहीं मिलन के फूल खिलाए,
रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या,
कभी चारों तरफ़ बहा

theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari किसी के जाने का थोड़ा दुख तो होता है, अपनों के बदलने में थोड़ा दुख तो होता है। क्यों सोचते हो बार-बार, क्या गलती की हमने, इश

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White किसी के जाने का थोड़ा दुख तो होता है,
अपनों के बदलने में थोड़ा दुख तो होता है।
क्यों सोचते हो बार-बार, क्या गलती की हमने,
इश्क़ में जान जाने का थोड़ा दुख तो होता है।

क्यों बेवजह खुद को समझाते हो, सब ठीक है,
एक शख़्स के लिए आंखें भरना तो होता है।
सिर्फ मिलते नहीं रहबर से खुशियों के गुलदस्ते,
इश्क़ की राहों में दिल का टूटना आम तो होता है।

बीती हसरतें, बातें, एहसास और यादों को,
सोच-सोचकर तबीयत खराब तो होता है।
सोचकर गमगीन होना तो चलता ही है,
किसी के जाने का थोड़ा दुख तो होता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 

किसी के जाने का थोड़ा दुख तो होता है,
अपनों के बदलने में थोड़ा दुख तो होता है।
क्यों सोचते हो बार-बार, क्या गलती की हमने,
इश

theABHAYSINGH_BIPIN

#Book चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं, किसी के सपनों को सजाते हैं। खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान, चलो उसे वापस लाते हैं। गिर रहे हैं आंधियों से

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Unsplash चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं,
किसी के सपनों को सजाते हैं।
खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान,
चलो उसे वापस लाते हैं।

गिर रहे हैं आंधियों से आशियाँ,
चलो नया इक घर बनाते हैं।
भटक गए हैं जो अपने रास्तों से,
चलो उन्हें राह दिखाते हैं।

चलो इंसान को इंसान बनाते हैं,
जो फासले बने हैं, उन्हें मिटाते हैं।
जो मासूमियत दब रही है धूल में,
चलो उसे आईना दिखाते हैं।

दम तोड़ रहे हैं जो बेबस लम्हों में,
चलो उन्हें जीने का जज़्बा सिखाते हैं।
जो टूट गए हैं डर के साए में,
चलो उन्हें उम्मीद से मिलाते हैं।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Book 
चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं,
किसी के सपनों को सजाते हैं।
खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान,
चलो उसे वापस लाते हैं।

गिर रहे हैं आंधियों से

theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना कर। बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में, बस मंज़िल की बात किया कर। मानता हूँ, लोग कर

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White उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार,
बस अपने सफर का इरादा कर।
मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान,
मायूसियों को हंसकर दूर किया कर।

थाम ले एक बार फिर से हाथ,
यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर।
उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर,
अपने महबूब पर ऐतबार किया कर।

होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार,
ऐसी बातों से तू ना घबराया कर।
नकार दे दुनियादारी की बातों को,
इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 
उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग कर
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