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Shivedita Garg
इन हसीन वादियों की अप्सरा हो तुम इस कलयुग की सावित्री हो तुम जिसने दिल चुराया है शिव का उस शिव की पार्वती हो तुम ©Shivedita Garg SIDDHARTH.SHENDE.sid कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि" Internet Jockey Satyaprem Upadhyay Hisamuddeen Khan 'hisam'
SIDDHARTH.SHENDE.sid कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि" Internet Jockey Satyaprem Upadhyay Hisamuddeen Khan 'hisam'
read moreAshish patil [R&J]
White एक शक्स बैठा रहा मेरी हाँ के "इंतज़ार में" एक शक्स मेरे इज़हार पर भी "मुकर गया❣️🐧😔🙆♂️ ©jo_dil_kahe [R&J] #Sad_Status कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि" Satyaprem Upadhyay Deep_26Nt unknown writer Kshitija sad shayari love shayari zindagi
#Sad_Status कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि" Satyaprem Upadhyay Deep_26Nt unknown writer Kshitija sad shayari love shayari zindagi
read moreAshish patil [R&J]
White हर लफ्ज़ तेरे प्यार की खुशबू में ढला है, ये सिलसिला है इश्क का जो तुमसे मिला है!❣️🐧 ©jo_dil_kahe [R&J] #love_shayari Deep_26Nt priyanka pilibanga कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि" Satyaprem Upadhyay Bhanu Priya love story quote on lov
#love_shayari Deep_26Nt priyanka pilibanga कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि" Satyaprem Upadhyay Bhanu Priya love story quote on lov
read moreThe Insecure Being
White भीख की तरह देते हैं वो समय हमको इससे अच्छा तो समय न ही दो, बताते हैं वो "व्यस्त" खुदको, इतनी सस्ती गोली तो यार न ही दो हम क्या हैं वो हमें है मालूम, तुम तो हमें हमारा परिचय न ही दो और हां, रहो मशग़ूल अपने ही शामियानों में तुम हमेशा, अब जो बचा है, उसे दोस्ती का नाम तो न ही दो! @theinsecurebeing ©The Insecure Being व्यस्त #sad😔पोएट्री
व्यस्त sad😔पोएट्री
read moreVoice of words
White बस फर्क इतना था तुम्हारी और हमारी चाहत में हम तुम्हे प्यार समझते थे.. तुम हमे यार समझते थे... ©Voice of words #sad_dp #Nojoto #nojotohindi #पोएट्री #poetry #Life
#sad_dp #nojotohindi #पोएट्री poetry Life
read morePrakash Vidyarthi
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset " सरस्वती वंदना" :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: विद्यादायिनी, ज्ञान विषारद हम दिन बालक तुझको उच्चारत। ऋषि मुनि सभी तुझको उच्चारत। तेरे पुंजू चरण दर पे। हे मां सरस्वती, रख हाथ मेरे सरपे। हे मां शारदे, मेरा जीवन सफ़ल करदे।। शास्त्रों और विज्ञानों में, तू हैं वेद पुराणों में। महाभारत रामायण में भी, बसी हैं सबकी जुबानों में।। रूप तुम्हीं हो गुरुवर के हे मां सरस्वती......२ तू ही जननी श्रृष्टि हैं, ज्ञान बुद्धि प्रकृति हैं। पशु पक्षी सभी जीव चराचर, की तू मईया दृष्टि हैं।। दानव मानव सभी रंक राजा की, तू मईया दृष्टि हैं।। तेरे दर्शन को तरसे। हे मां सरस्वती........२ भाव भरी भवभूति मां, श्रद्धा प्रेम की भूखी मां। सुषमा सुकून मांगे रौशनी, करे बंदगी प्रार्थना।। विद्यार्थी को ज्ञान भर दें। मांगू आशीष प्रकाश वरदे हे मां सरस्वती...… स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi #SunSet #पोएट्री #गीत #song #thought_of_the_day
#SunSet #पोएट्री #गीत song #thought_of_the_day
read morePrakash Vidyarthi
Unsplash "मैने शादी करली" :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: बातों ही बातों में मैने आज शादी करली। सात फेरो के रस्मो को पूरा आजादी करली।। प्राकृतिक वातावरण में सज धज। खुला अम्बर सूर्य किरण जग मग।। मानो विवाह मंडप बना हो पर्वत। हरे भरे चौकोर पेड़ पौधें हरसत।। जल जीवन को सह साक्षी मानकर। सूर्य देव पक्षीयो को ईश्वर जानकर।। चले कदम से कदम मिलाकर। आगे पाक्षे पग चले डुलाकर।। ख़ुद से ही वैदिक मंत्रोच्चारण किए। रिवाजों के नियम को पालन किए।। वसन पट सूत का वरमाला बनाएं। मंगलसूत्र समझ कन्या को पहनाए।। हर्षित पुलकित दुल्हन बलखाए। देख विधि मन मंद मंद मुस्काए।। मिट्टी का लाल भाव सिन्दूर सुहाए। लाए माथ सुहागन बन ठन इठलाए।। धाय अन्ततः शुभ आशीष शरण को। कुर्सी स्नेहिल एक दूजे के छुए चरण को।। पति पत्नी अब बने सुन्दर जोड़ी। एक शिवा तो दूजा गौरा गुणी गोरी।। हुईं रात्रि विश्राम धाय दोनों धामा। बेला मिलन की आई सुहागरात रामा।। एकदम अनाड़ी दूल्हा दुल्हन बुद्धि विवेकी। ऑनलाइन हुआ प्रेम प्रदर्शन मिलन मुंह सेकी।। स्वरचित -: प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi #lovelife #पोएट्री
Himanshu Prajapati
हर समस्या का है बस एक उपाय, बाबा की टॉपरी गर्म चाय, चिल्लर दोस्त उनकी अनसुलझी राय, परेशानियों का वेलकम, खुशियों का बाय-बाय..! ©Himanshu Prajapati #chai_love हर समस्या का है बस एक उपाय, बाबा की टॉपरी गर्म चाय, चिल्लर दोस्त उनकी अनसुलझी राय, परेशानियों का वेलकम, खुशियों का बाय-बाय..! #3
#chai_love हर समस्या का है बस एक उपाय, बाबा की टॉपरी गर्म चाय, चिल्लर दोस्त उनकी अनसुलझी राय, परेशानियों का वेलकम, खुशियों का बाय-बाय..! 3
read moreGurudeen Verma
White शीर्षक- आदमी मैं नहीं वैसा --------------------------------------------------------------------- आदमी मैं नहीं वैसा, जैसा कि तुम मानते हो। हकीकत क्या है मेरी, तुम नहीं जानते हो।। आदमी मैं नहीं वैसा------------------------।। मुझको पसंद नहीं है झूठ, ना झूठ मैं बोलता हूँ। सच को तुम सुनना नहीं चाहते, इसलिए चुप रहता हूँ।। जब भी बोला मैं सच तो, मुझे सच की सजा मिली। इसीलिए हूँ मैं अकेला, यह नहीं जानते हो।। आदमी मैं नहीं वैसा---------------------।। मुझको भी चाहिए खुशी, देखता हूँ ख्वाब ऐसे। मांगें मुझसे सभी खुशियां, इतने हो पास मेरे पैसे।। मतलब मुझको भी चाहिए, शान और शौहरत। मकसद मेरा यह तुम, शायद बुरा मानते हो।। आदमी मैं नहीं वैसा----------------------।। एक तरफा मोहब्बत क्या, जायज नहीं कहलाती है। प्यार करना गुनाह है क्या, दुनिया किससे चलती है।। लेकिन उससे मेरा प्यार, सच्चा और पवित्र है। नहीं हूँ बेवफा मैं, क्यों सच नहीं मानते हो।। आदमी मैं नहीं वैसा--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी. आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #पोएट्री लव शायरी लव स्टोरी
#पोएट्री लव शायरी लव स्टोरी
read morePrakash Vidyarthi
White "प्रथा स्वयंवर होता" ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: काश फिर से कोई प्रथा स्वयंवर होता। नीचे स्वतंत्र धरती ऊपर खुला अम्बर होता।। मिलता सबको आमंत्रण सब धुरंधर होता। न कल छपत किसी के अन्दर होता।। भेदता कोई जन मानव मछली की आँखें सही आंसर होता। बन जाते सारथी कान्हा जीवन में न भूमि कोई बंजर होता।। प्रेमी अपनी प्रतिष्ठा में जाता सात समन्दर होता। प्रेम की परीक्षा में जो जीता वहीं सिकन्दर होता।। कोई भी राम सीता लखन कोई बजरंगी बन्दर होता। जाती धर्म के बन्धन से परे मुहब्बत का मंतर होता।। न कोई बड़ा न कोई छोटा न कोई छुछुंदर होता। समानता का सामान अवसर प्राप्त पुरंदर होता।। तोड़ देता कोई भी धनुष शिव भक्ती का तंतर होता। सह लेता कोई भी कष्ट चाहें पथ में कांटे कंकड़ होता।। त्याग देती गर सुख नारी लोभ लालच न किसी के अन्दर होता। स्वर्ग से सुन्दर लगता भारत न श्रृंगार जलन जालंधर होता।। मिलता सबको बराबर मौका शुभ मुहूर्त का जंतर होता। करता प्रयास हर विद्यार्थी गर न कोई भेदभाव अन्तर होता।। जीत लेता प्रकाश कलयुगी सीता को न कोई आडंबर होता। गूंजता जय माता दी हर दिशा में खुश ब्रह्मा विष्णु शंकर होता।। स्वरचित -प्रकाश विद्यार्थी। भोजपुर आरा बिहार ©Prakash Vidyarthi #Sad_Status #पोएट्री #कविता_शिव_की_कलम_से
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