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Stories related to किया कर मुझको टेलीफोन टीना परवीन

Naushad bin Sharif

#sad_shayari किसी के ऐब को तू बेनकाब ना कर खुदा हिसाब करेगा, तू हिसाब ना कर बुरी नजर से ना देख मुझको देखने वाल

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White 

किसी के ऐब को तू बेनकाब ना कर

इस लाइन में इकबाल साहब कह रहे हैं कि हमें किसी की बुराई या ऐब को उजागर नहीं करना चाहिए। यह काम खुदा का है, जो हर किसी का हिसाब करेगा।

खुदा हिसाब करेगा, तू हिसाब ना कर

इस लाइन में इकबाल साहब कह रहे हैं कि हमें अपने आप को खुदा के हिसाब के लिए तैयार रखना चाहिए। हमें अपने आप को सही रखने की कोशिश करनी चाहिए और दूसरों की बुराई से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

बुरी नजर से ना देख मुझको देखने वाले

इस लाइन में इकबाल साहब कह रहे हैं कि हमें किसी को बुरी नजर से नहीं देखना चाहिए। हमें अपने आप को सही रखने की कोशिश करनी चाहिए और दूसरों की बुराई से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

मैं लाख बुरा सही, तू अपनी नजर खराब ना कर

इस लाइन में इकबाल साहब कह रहे हैं कि हमें अपने आप को सही रखने की कोशिश करनी चाहिए, भले ही दूसरे लोग हमारे साथ बुरा व्यवहार करें। हमें अपनी नजर को साफ रखने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि हम दूसरों को सही तरीके से देख सकें।

मीनिंग: इकबाल साहब का यह शेर हमें यह संदेश देता है कि हमें किसी की बुराई को उजागर नहीं करना चाहिए, बल्कि खुदा को ही इसका हिसाब करने देना चाहिए। हमें अपने आप को सही रखने की कोशिश करनी चाहिए और दूसरों की बुराई से बचने की कोशिश करनी चाहिए। हमें अपनी नजर को साफ रखने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि हम दूसरों को सही तरीके से देख सकें।

नौशाद बिन शरीफ

©Naushad bin Sharif #sad_shayari 

किसी के ऐब को तू बेनकाब ना कर

खुदा हिसाब करेगा, तू हिसाब ना कर

बुरी नजर से ना देख मुझको देखने वाल

Sarfraj Alam Shayri

#love_shayari वक्त सिखा देता है जीने का हुनर फिर किया नसीब, किया मुकद्दर और किया हाथ की लकीरेन Islam

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White वक्त सिखा देता है जीने का हुनर

फिर किया नसीब, किया मुकद्दर और किया हाथ की लकीरेन

©Sarfraj Alam Shayri #love_shayari वक्त सिखा देता है जीने का हुनर

फिर किया नसीब, किया मुकद्दर और किया हाथ की लकीरेन Islam

हिमांशु Kulshreshtha

मुझको

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White एक ही दिन में 
पढ़ लोगे क्या मुझे,
मैंने ख़ुद को लिखने में
 कई बरस लगायें हैं

©हिमांशु Kulshreshtha मुझको

Praveen Jain "पल्लव"

#delhiearthquake किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा

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पल्लव की डायरी
फिर हुयी एक शपथ दिल्ली में
किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा
गन्दगी और कूड़ा पोलटिक्स से
सियासतों का दिल पिघलेगा
गरीबो के लिये दिल्ली कैसी होगी
किया उनका गुजारा 
मजदूरी और रेडी पटरी से होगा
हाँफते दिल और एलर्जी से ग्रसित लोगो को
 प्रदूषण से छुटकारा होगा
नशा और अपराध से पीड़ित दिल्ली को
स्वस्थ्य मानसिकता से जीने का अधिकार मिलेगा
शिक्षा अध्ययन में अब्बल रही हमेशा दिल्ली
माहौल विद्यार्थियों को पढ़ने का
सौहार्द्र और शांति का मिल सकेगा
भार कंधों पर दिल्ली का है
दल बल से मुख्यमंत्री ऊपर उठ सकेगा
                                        प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा

Dil se Dil Tak

उसकी ये मासूम अदा मुझको बेहद भाती है ! #love_shayari शायरी लव

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White 🥰 उसकी ये मासूम अदा
 मुझको बेहद भाती है ! 🤗
 वो मुझसे नाराज़ हो तो
😡 गुस्सा सबको दिखाती है !

©Dil se Dil Tak उसकी ये मासूम अदा
 मुझको बेहद भाती है !
 #love_shayari  शायरी लव

dilkibaatwithamit

एक- इक क़तरा जोड़ कर रक्खा, ख़ून सारा निचोड़ कर रक्खा. ख़ुद पे जब भी किया यकीं मैंने, रुख़ हवाओं का मोड़ कर रक्खा. क्योंकि आईना सच बताये

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White एक- इक क़तरा जोड़ कर रक्खा,
ख़ून सारा निचोड़ कर रक्खा.

ख़ुद पे जब भी किया यकीं मैंने,
रुख़ हवाओं का मोड़ कर रक्खा.

क्योंकि आईना सच बतायेगा,
इसलिए उसको तोड़ कर रक्खा?

रंग तो और भी थे जीवन में,
क्यों उदासी को ओढ़ कर रक्खा ?

जो भी लम्हे तुम्हारे साथ कटे,
मैंने उन सबको जोड़ कर रक्खा.

©dilkibaatwithamit #Nojoto  एक- इक क़तरा जोड़ कर रक्खा,
ख़ून सारा निचोड़ कर रक्खा.

ख़ुद पे जब भी किया यकीं मैंने,
रुख़ हवाओं का मोड़ कर रक्खा.

क्योंकि आईना सच बताये

dilkibaatwithamit

एक- इक क़तरा जोड़ कर रक्खा, ख़ून सारा निचोड़ कर रक्खा. ख़ुद पे जब भी किया यकीं मैंने, रुख़ हवाओं का मोड़ कर रक्खा. क्योंकि आईना सच बतायेगा, इसलिए

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White एक- इक क़तरा जोड़ कर रक्खा,
ख़ून सारा निचोड़ कर रक्खा.

ख़ुद पे जब भी किया यकीं मैंने,
रुख़ हवाओं का मोड़ कर रक्खा.

क्योंकि आईना सच बतायेगा,
इसलिए उसको तोड़ कर रक्खा?

रंग तो और भी थे जीवन में,
क्यों उदासी को ओढ़ कर रक्खा ?

जो भी लम्हे तुम्हारे साथ कटे,
मैंने उन सबको जोड़ कर रक्खा.

©dilkibaatwithamit एक- इक क़तरा जोड़ कर रक्खा,
ख़ून सारा निचोड़ कर रक्खा.

ख़ुद पे जब भी किया यकीं मैंने,
रुख़ हवाओं का मोड़ कर रक्खा.

क्योंकि आईना सच बतायेगा,
इसलिए

theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status ये किस तरह उसने मुझको बर्बाद किया, महफ़िलों से निकाल गलियों में आवाद किया। उसके बहकावे में आकर उसे ही महफ़िल समझा, आहिस्ता-आह

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White ये किस तरह उसने मुझको बर्बाद किया,
महफ़िलों से निकाल गलियों में आवाद किया।

उसके बहकावे में आकर उसे ही महफ़िल समझा,
आहिस्ता-आहिस्ता उसने ज़हर के करीब किया।

ख़्वाबों में रंग भरकर हकीकत से दूर किया,
दिल में बसे अरमानों को चूर-चूर किया।

जो मुस्कुराहट मेरी पहचान हुआ करती थी,
उसने हर ख़ुशी का अंधेरा सा नज़ारा किया।

यकीन करके जिसके साथ चलने निकला था,
उसने हर मोड़ पर मुझसे किनारा किया।

अब समझ आया उसकी चालों का खेल,
उसने अपने फायदे के लिए मुझ पर वार किया।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status 

ये किस तरह उसने मुझको बर्बाद किया,
महफ़िलों से निकाल गलियों में आवाद किया।

उसके बहकावे में आकर उसे ही महफ़िल समझा,
आहिस्ता-आह

seema patidar

याद किया है मैने

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याद किया है मैने

उदासी में आ जाए चेहरे पर मुस्कान जरा सी
तो समझना याद किया है मैने
सब अपनो के बीच रहकर खाली सा महसूस करो
तो समझना याद किया।है मैने
बारिश की बूंदे जब भीगोदे मन को अंदर तक
तब समझना याद किया है मैने
संगीत को सुनते हुए जब दिल प्रेम से भर जाएं
तो समझना याद किया है मैने
अकेलेपन में जब आखें नम हो जाए 
तो समझना याद किया है मैने
मेरे शब्दो का स्वर अगर मन में सुनाई देने लगे
तो समझना याद किया है मैने

©seema patidar याद किया है मैने

theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना कर। बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में, बस मंज़िल की बात किया कर। मानता हूँ, लोग कर

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White उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार,
बस अपने सफर का इरादा कर।
मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान,
मायूसियों को हंसकर दूर किया कर।

थाम ले एक बार फिर से हाथ,
यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर।
उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर,
अपने महबूब पर ऐतबार किया कर।

होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार,
ऐसी बातों से तू ना घबराया कर।
नकार दे दुनियादारी की बातों को,
इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 
उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग कर
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