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उत्तर प्रदेश प्रभारी विनोद सोनकर प्रेस नोट जनपद सोनभद्र दिनांक-26.03.2024 सोनभद्र पुलिस व खनन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा अवैध तरीके से बिना परमिट के गिट्टी (डोलो स्टोन) लोड़ कर परिवहन करने वालो 01 नफर अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया व 01 अदद गिट्टी लदा ट्रक को सीज किया गया- प्रकरण- दिनांक 25.03.2024 को श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशन व श्रीमान अपर पुलिस अधीक्षक एवं क्षेत्राधिकारी महोदय के पर्यवेक्षण में अवैध खनन / परिवहन पर अंकुश लगाये जाने हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत सोनभद्र पुलिस व खनन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा बिना परमिट/परिवहन के डोलो स्टोन गिट्टी लोड़ कर परिवहन किये जाने की सूचना पर पुलिस व खनन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा चेकिंग के दौरान वाहन सं0 UP 62 AT 9750 को बिना जाँच कराये लोढी खनन बैरिय से भागने पर बिच्छी ब्रेकर के पास से पकडा गया, पकडे गये वाहन UP 62 AT 9750 का चालक चन्द्रजीत यादव पुत्र समरजीत यादव नि0 कोटवालपुर थाना जलालपुर जनपद जौनपुर उम्र करीब 30 वर्ष तथा वाहन स्वामी सुनील कुमार यादव पुत्र लाल बहादुर यादव नि0 सेमलपुर थाना जमालपुर जनपद जौनपुर एवं पासर रितेश पाण्डेय जो खनन व पुलिस के सामने अपनी स्वीप्ट गाडी से रास्ता अवरुद्ध किये जाने एवं अवैध रूप से वाहन को पास कराये जाने के विरूद्ध थाना रावर्टसगंज सोनभद्र पर मु0अ0सं0 218/24 धारा 279, 379, 411, 34 भादवि व 3/58/72 उ0प्र0 उप खनिज नियमावली, 4/21 खान व खनिज अधिनीयम 1957 व 3 सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनीयम 1984 पंजीकृत कर गिरफ्तार अभियुक्त वाहन चालक को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा रहा है तथा अन्य अभियुक्तगण की तलाश जारी है । गिरफ्तार अभियुक्त का विवरणः- 1. वाहन सं0 यूपी 62 एटी 9750 का चालक चन्द्रजीत यादव पुत्र समरजीत यादव नि0 कोटवालपुर थाना जलालपुर जनपद जौनपुर उम्र करीब 30 वर्ष। वाँछित अभियुक्तगणः- 1- वाहन संख्या यूपी 62 एटी 9750 का स्वामी सुनील कुमार यादव पुत्र लाल बहादुर यादव नि0 सेमलपुर थाना जमालपुर जनपद जौनपुर । 2. रितेश पाण्डेय पुत्र अज्ञात निवासी अज्ञात (पासर) बरामदगी का विवरणः- 1. एक अदद गिट्टी लदी ट्रक वाहन संख्या UP 62 AT 9750 गिरफ्तारी करने वाले पुलिस टीमः- 1. उ0नि0 बृजेश कुमार पाण्डेय प्रभारी चौकी हिन्दुआरी थाना रावर्टसगंज सोनभद्र । 2. हे0का0 अनीश यादव चौकी हिन्दुआरी थाना रावर्टसगंज सोनभद्र । ©Amrit Mishra उत्तर प्रदेश प्रभारी विनोद सोनकर प्रेस नोट जनपद सोनभद्र दिनांक-26.03.2024 सोनभद्र पुलिस व खनन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा अवैध तरीके से
Ravendra
Ravendra
Hindi Me Kavya हिन्दी में काव्य
😭😭😭 🦋कोई खुशी चाहता है , 🌼कोई और ज्यादा मौज चाहता है | 🌼कोई कुछ न कुछ पाते रहना चाहता है || 😨और इंसान खुद को जाने बिना, 😰जिन्दगी से बिदा हो जाता है ||| 🦋🙏🏻🙏🏻🙏🏻🦋 ©Hindi Me Kavya हिन्दी में काव्य 😭😰😭बिदा हो जाता है | #coldwinter #SAD #sad_feeling #Quote #Life_experience #Life #विचार #motivate #motivatation #Life_Experiences
Meharban ahirwar
जाग लिए है बहुत अब मैं बस सोना चाहता हू में भटक बहुत लिया है जमाने में अब बस में आजाद होना चाहता हूं ©Meharban ahirwar #Chhavi मन भर गया ज़माने से अब बिदा लेना चाहता हूं
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to ©कंवरपाल प्रजापति टेलर बच्चे से लेकर बूढ़ों तक में अपनी आजादी को मनाने का जोश दिख रहा है। सरकारी भवनों के साथ ही लोगों ने अपने घरों में तिरंगे को शान से लहराया है।
Dhaneshdwivediwriter
मेरी एक कहानी ©Dhaneshdwivediwriter #ChaltiHawaa मैं एक कहानी - मेरी कहानी कब शुरु हुई और कब खत्म होगी पता नहीं कभी शुरु होते ही खत्म हो जाती हूँ, कभी श
N S Yadav GoldMine
आप मेरे इस अपराध को क्षमा कर मुझ पर कृपा कीजिए और मुझे धन-धान्य से समृद्ध कीजिए जानें रोचक कथा !! 💠💠 {Bolo Ji Radhey Radhey} गयासुर की कथा :- 🌟 धर्म, सदाचार, नीति, न्याय, और सत्य का बोध कराने वाली प्राचीन कथाएं। यह प्राचीन कथा है हमारे जीवन के लिए प्रेरणादायक होती है। वैदिक काल में ब्रह्माजी जब सृष्टि की रचना कर रहे थे तो असुर कुल में गय का जन्म हुआ, पर उसमें आसुरी वृत्ति नहीं थी। वह परम वैष्णव तथा दैवज्ञ था। वेद संहिताओं में जिन असुरों का नाम आया है, उसमें गय प्रमुख है। एक बार उसकी इच्छा हुई कि वह अच्छे कार्य कर इतना पुण्यात्मा हो जाए कि लोग उसके दर्शन करके ही सब पापों से मुक्त हो जाएं तथा मृत्यु के बाद उन्हें स्वर्ग में स्थान मिले। 🌟 ऐसा विचार कर उसने कोलाहल पर्वत पर समाधि लगाकर भगवान विष्णु की तपस्या करनी प्रारंभ की। वर्ष पर वर्ष बीतते गए, उसकी तपस्या चलती रही। उसके कठोर तप से प्रभावित होकर भगवान विष्णु प्रगट हुए और गय की समाधि भंग करते हुए कहा-महात्मन गय, उठो! तुम्हारी तपस्या पूर्ण हुई। किस उद्देश्य के लिए इतना कठोर तप किया? अपना इच्छित वर मांगो। गय ने आंखें खोली तो देखा, सामने चतुर्भुज भगवान विष्णु खड़े हैं। गय ने चरणों में दण्डवत प्रणाम कर कहा-भगवन! 🌟 आपके चतुर्भुज रूप का दर्शन कर मेरे सब पाप दूर हो गए। मुझे ऐसा लगता है कि आप इसी रूप में मेरे अन्दर समा गए हैं। अब तो यही इच्छा है, आप इसी रूप में मेरे शरीर में वास करें तथा जो मुझे देखे, उसे मेरे बहाने आपके दर्शन का पुण्य मिले तथा उसके सभी पाप नष्ट हो जाएं और वह इतना पुण्यात्मा हो जाए कि मृत्यु के बाद उस जीव को स्वर्ग में स्थान मिले। मेरे इस तप का फल उन सबको प्राप्त हो जो मेरे माध्यम से आपके अप्रत्यक्ष दर्शन करें। 🌟 गय की इस सार्वजनिक कल्याण-भावना से भगवान विष्णु बहुत प्रभावित हुए और हाथ उठाकर बोले-तथास्तु! ऐसा कहते ही भगवान अन्तर्धान हो गए। अब गय एक स्थान पर न बैठकर सर्वत्र घूम-घूम कर लोगों से मिलता। फलस्वरूप जो भी उसे देखता, उसके पापों का क्षय हो जाता और वह मरणोपरान्त स्वर्ग का अधिकारी हो जाता। इससे यमराज की व्यवस्था में व्यवधान आ गया। अब किसी के कर्मफल का लेखा-जोखा वे क्या रखें, जब गय के दर्शन होते ही उसके सब पाप नष्ट हो जाते हैं तथा वह स्वर्ग का अधिकारी हो जाता है तो फिर नरक दूतों का क्या कार्य रहा। 🌟 उन्होंने ब्रह्मा जी के सामने यह समस्या रखी। ब्रह्मा जी ने कहा-ठीक है, इसका कुछ उपाय करते हैं। कर्मफल का विधान बना रहना चाहिए। हम इसके शरीर पर एक यज्ञ का आयोजन करते हैं तथा मैं और अन्य सारे देवता इसकी पीठ पर पत्थर रखकर, उस पर बैठकर उसे अचल कर देंगे। फिर यह कहीं आ-जा न सकेगा। गय की पीठ पर यज्ञ हो, यह तो और पुण्य का काम है, गय ने ब्रह्मा के इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लिया। ब्रह्मा जी यमराज सहित सारे देवताओं को लेकर, पत्थर से दबाकर उस पर बैठ गए। अपने ऊपर इतना भार होने पर भी गय अचल नहीं हुआ। 🌟 देवगणों को चिन्ता हुई तो ब्रह्मा ने कहा-इसे भगवान विष्णु ने वरदान दिया है, इसलिए हम विष्णु जी की शक्ति का आह्वान करें तथा उन्हें भी इस शिला पर अपने साथ बैठाएं, तब यह अचल होगा। ब्रह्मा समेत सब देवों ने विष्णु का आह्वान किया तथा अपनी और यमराज की समस्या बताई। विष्णु इस पर विचार कर जब सबके साथ उस पर बैठे तब कहीं जाकर वह अचल हुआ। विष्णु को अपने ऊपर आकर बैठे देखकर उसने देवताओं से कहा-आप सब तथा भगवान विष्णु की मर्यादा के लिए मैं अब अचल होता हूं तथा घूमकर लोगों को दर्शन देकर जो उनका पाप क्षय करता था, उस कार्य को समाप्त करता है। 🌟 पर आप सबके इस प्रयास से भी भगवान विष्णु का यह वरदान व्यर्थ सही जाएगा। भगवन, अब आप मुझे पत्थर-शिला के रूप में परिवर्तित कर यहीं अचल रूप से स्थापित कर दें। गय का यह मर्यादित त्याग देखकर भगवान विष्णु प्रसन्न हो उठे और बोले-गय! तुम्हारा यह त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा। इस अवस्था में भी तुम्हारी कोई इच्छा हो तो वह कहो, मैं उसे पूर्ण करूंगा। 🌟 गय ने कहा-नारायण! मेरी इच्छा है कि आप इन सभी देवताओं के साथ अपरोक्ष रूप से इसी शिला पर विराजमान रहें और यह स्थान मरणोपरान्त धार्मिक कृत्य के लिए तीर्थस्थल बन जाए। जो व्यक्ति यहां अपने पितरों का श्राद्ध करें, तर्पण-पिण्ड दान आदि करें, उन मृतात्माओं को नरक की पीड़ा से मुक्ति मिले। यह सारा क्षेत्र ऐसी ही पुण्य-भूमि बन जाए। 🌟 विष्णु ने कहा-गय! तुम धन्य हो! तुमने अपने जीवन में भी जन कल्याण के लिए ऐसा ही वर मांगा और अब मरण-अवस्था में मृत आत्माओं की मुक्ति के लिए भी ऐसा ही वर मांग रहे हो। तुम्हारी इस जन-कल्याण भावना से हम सब बंध गए। ऐसा ही होगा। इस क्षेत्र का नाम तुम्हारे नाम गयासुर के अर्धभाग गया से विख्यात होगा। इस क्षेत्र में आने वाले तथा इस शिला के दर्शन कर यहां श्राद्ध तर्पण-पिण्ड दान करने वालों के पूर्वजों को जीवन में जाने-अनजाने किए गए पाप कर्मों से मुक्ति मिलेगी। यहां स्थित पर्वत गयशिर कहलाएगा। 🌟 गयशिर पर्वत की परिक्रमा, फल्गू नदी में स्नान तथा इस शिला का दर्शन करने पर पितरों का तो कल्याण होगा ही, जो यहां इस उद्देश्य से आएगा, उसके पुण्य में भी श्रीवृद्धि होगी। भगवान विष्णु से ऐसा वर पाकर गय संतुष्ट होकर शान्त हो गया। बिहार प्रदेश में स्थित गया पितरों के श्राद्ध पिण्ड-दान का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है। यहां स्थित विष्णु मंदिर के पृष्ठ भाग में पत्थर की एक अचल शिला आज भी स्थित है। जो जन-कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं, उनका यश ऐसे ही चिरकाल तक स्थायी तथा स्थिर होता है। जो केवल अपने लिए न जीकर समष्टि के लिए जीते हैं, उनका जन्म-मरण दोनों सार्थक होता है। ©N S Yadav GoldMine #Gulaab आप मेरे इस अपराध को क्षमा कर मुझ पर कृपा कीजिए और मुझे धन-धान्य से समृद्ध कीजिए जानें रोचक कथा !! 💠💠 {Bolo Ji Radhey Radhey} गयासुर
Ravendra