Find the Latest Status about बच्चों की कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बच्चों की कविता.
Jindeshna
दो रुपया लेकर गया मैं भैया के संग। उसमें लेकर आ गया मांझा और पतंग।। आसमान में खेल रही हैं रंग बिरंगी पतंग। पेंच लड़ाया कट गई पक्षी की गर्दन।। घायल होकर गिर गया देख रह गया दंग। कभी नहीं उड़ाऊँगा हिंसक यह पतंग।। - सर्वोदय, जबलपुर बच्चों की कवितायें
बच्चों की कवितायें
read moreJindeshna
बंदर मामा कहां चले, पूंछ उठाकर कहां चले ? परम दिगंबर मुनि पधारे, दर्शन करके कर्म जले। दर्शन करने जाऊँगा, भेद ज्ञान भी पाऊंगा। आतम का अनुभव करके मैं सच्चे सुख को पाऊँगा। - सर्वोदय, जबलपुर बच्चों की कवितायें
बच्चों की कवितायें
read moreJindeshna
सूरज दादा एक विमान, यह ज्योतिष का देव महान। इसमें जिन मंदिर अभिराम, जिन प्रतिमा अति सुंदर जान।। जिनबिम्बों के दर्शन करना, अपना रूप प्रभु सम जाना।। - सर्वोदय, जबलपुर बच्चों की कवितायें
बच्चों की कवितायें
read moreRajeshKumar
####बच्चों की कविता#### 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 💐10 जुलाई2018💐 सेब,संतरा,केला,अनार,और आम। ये हैं पाँच मीठे - मीठे फलों के नाम।। गेंदा,गुलाब,जूही,चम्पा और बेला। इन .पाँच फूलों से बनती है माला।।. बैल, भैंस, बकरी, गाय और घोड़ा। जानवरों के नाम याद कर लो थोड़ा। मोर, तोता,कबूतर,कौआ और बाज। पॉच पक्षियों के नाम याद करो आज।। गंगा,यमुना,.सरस्वती,कृष्णा और कावेरी। ये पाँच नादियों के नाम याद कर लो जरुरी।। शिशम , सखूआ, आम, नीम और बबूल। ये पाँच वृक्षो के नाम हैं तुम कर लो कुबूल।। लाल, हरा, नीला, काला और रंग हैं पीला। इन रंगों के कपड़ो में लगतें हैं रंग - रंगिला।। आलू, गोभी ,लौकी,करैलाऔर मूली। इनसे बनाकर सब्जी खा रही है जूली।। चना, मूंग ,अरहर, मटर और मसूर । ये सभी दालें हैं इसे लोग खाते जरूर ।। ज्वार ,बाजरा. मक्का ,गेहूं और धान । यह पांच अनाज है इसे लो तुम जान।। गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और ऊंट । इनके दूधों को हम कर लेते हैं लुट ।। #Tr-Rajesh kumar# Mob - 9801974027 बच्चों की कविता
बच्चों की कविता
read moreJindeshna
आज रविवार है, छुट्टी का त्यौहार है। जिनमन्दिर को जायेंगे, पूजन पाठ रचायेंगे। पाठशाला को जाना है, ज्ञान खजाना पाना है। मुनिराजों को ध्याना है, सच्चे सुख को पाना है।। बच्चों की कविताएं
बच्चों की कविताएं
read morePrashant Mishra
पापा एक साइकिल दिला दीजिये नीली, पीली या लाल मंगा दीजिये प्रतिदिन उसको चलाऊंगा मैं बिल्कुल नहीं अलसाउंगा मैं बिना धुँआ, बिना शोर किये पर्यावरण को बचाऊंगा मैं साइकिल से व्यायाम हो जाएगा जल्दी से हर काम हो जाएगा फिर मैं तनिक भी न सुस्त रहूँगा साईकल चलाकर तंदुरुस्त रहूँगा --प्रशान्त मिश्रा बच्चों के लिए कविता "साईकिल'
बच्चों के लिए कविता "साईकिल'
read more