Find the Latest Status about ट्रॅफिक चलन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ट्रॅफिक चलन.
Praveen Jain "पल्लव"
Men walking on dark street पल्लव की डायरी धुंधले धुंधले सपने है कभी दिल खिल ही नही पाये रोटी दाल इतनी बड़ी और महंगी थी उसको पाने के लिये,कभी उभर ही नही पाये विश्वास खुद में ही टूट गया जब चाल चलन दुनिया का देखा मेहनत कश लोगो की कीमत घटाकर औद्योगिक घराने पनपे है सत्ता के सारे प्रवाह सुविधा और संरक्षण बनकर कृपया उन पर बरसते है हमे बारह घण्टे काम के करके हर सुविधाओं का हनन करते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Emotional जब चाल चलन दुनियाँ का देखा #nojotohindi
Shivkumar
खुद पर ही खुद के फैसले , अब भारी हो गए कल तलक था सब कुछ, अब भिखारी सा हो गए बदल गया है दुनिया का चलन कितना यारो, जो शिकार कभी खुद से करते थे कभी, अब वो ही शिकारी हो गए क्या याद करना अब उन गुज़रे हुए लम्हों को, कल तक तो हम ही हम थे, अब अनाड़ी सा हो गए यारो न आया आज तक भी लगाना दाव हमको, मगर इधर तो सारे लोग ही, अब जुआरी सा हो गए न आता था कभी जिनको जुबां चलाना भी यारो, कमाल है कि हर फन के वो, अब खिलाड़ी सा हो गए वक़्त बदल देता है लोगों की किस्मत को ' मिश्र ' , जो दिखते थे कल तक जमूरे, अब मदारी सा हो गए ©Shivkumar #Preying खुद पर ही खुद के #फैसले , अब #भारी हो गए कल #तलक था सब कुछ, अब #भिखारी सा हो गए #बदल गया है #दुनिया का चलन कितना यारो, जो
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
allahamdolillah मेरी गजल को महाराष्ट्र की मैगजीन के फ्रंट पेज पे छपा गया✍️🤗😇 ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर ग़ज़ल जनाब हमने मक्कारो की हरकत भी देखी दिलों को आग लगाने की फितरत भी देखी/१ वो जो कहते थे,रहेंगे हम तेरे दिल में हरसू,उन्हीं के दम से सांस
Devesh Dixit
जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना है, आती मुसीबत से भी बचना है। कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे, काट कर बातों को वो मेरे। मुझ पर ही हावी हो जाए, काम ऐसा कुछ कर जाए। उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में, शतरंज के फैले इस डेरे में। शह-मात का चलन रहा है, देख पानी सा रक्त बहा है। युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर, कभी नारी की इज्जत पर। भाई-भाई में द्वेष बड़ा है, देखो कैसे अधर्म अडा़ है। खून के प्यासे दोनों भाई, महाभारत की देते दुहाई। प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है, ये जीवन अब खेल हुआ है। सभ्यता ही सब गई है मारी, बुजुर्गों का जीवन ये भारी। मिले नहीं सम्मान उन्हें अब, संतानें ही विद्रोह करें जब। कलियुग का ये प्रभाव सारा, किसने किसको कैसे मारा। संस्कारों की बलि चढ़ी है, मुश्किल की ही ये घड़ी है। होती है ये अनुभूती ऐसी, शतरंज में दिखती है जैसी। .......................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना ह