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Himanshu Prajapati

#mountain 👉🏻खुल के मुस्कान 👉🏻ऊंची उड़ान 👉🏻एक‌ अलग पहचान 👉🏻कारनामे ऐसे 👉🏻सबका खिंचा चला आता ध्यान..! #विचार

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White 👉🏻खुल के मुस्कान
👉🏻ऊंची उड़ान 
👉🏻एक‌ अलग पहचान 
👉🏻कारनामे ऐसे 
👉🏻सबका खिंचा चला आता ध्यान..!

©Himanshu Prajapati #mountain 👉🏻खुल के मुस्कान
👉🏻ऊंची उड़ान 
👉🏻एक‌ अलग पहचान 
👉🏻कारनामे ऐसे 
👉🏻सबका खिंचा चला आता ध्यान..!

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

Shayari तूने मुझसे*बुगज जोरो का पाल रखा है जबसे, मेरी*शोहरत को खुदा ने संभाल रखा है तबसे/१ *ईर्ष्या*प्रसिद्धि मेरी बुलंदी का चर्चा

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karishma Gujjar motivation quote

नमस्कार नोजोटो टीम में करिश्मा जो की आपके हमारे प्रिय नोजोटो ऐप पर लिखते https://nojoto.page.link/JfSNv हुये मुझे एक साल से ऊपर का समय कब #Inspiration #writer #nojohindi #मोटिवेशनल #karishmagujjarquote

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Rajshi Raj

Shivkumar

mountain Mountains कविता ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई ।  हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ  । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच #कविता

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चौपाई छन्द :-

पीर पराई बनी बिवाई ।  हमको आज कहाँ ले आयी ।।
मन के अपनी बात छुपाऊँ  । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।।

चंचल नैनो की थी माया । जो कंचन तन हमको भाया ।।
नागिन बन रजनी है डसती । सखी सहेली हँसती तकती ।।

कौन जगत में है अब अपना । यह जग तो है झूठा सपना ।।
आस दिखाए राह न पाये । सच को बोल बहुत पछताये ।।

यह जग है झूठों की नगरी । बहु तय चमके खाली गगरी ।।
देख-देख हमहूँ ललचाये । भागे पीछे हाथ न आये ।।

खाया वह मार उसूलो से । औ जग के बड़े रसूलों से ।।
पाठ पढ़ाया उतना बोलो । पहले तोलो फिर मुँह खोलो ।।

आज न कोई उनसे पूछे । जिनकी लम्बी काली मूछे ।
स्वेत रंग का पहने कुर्ता । बना रहे पब्लिक का भुर्ता ।।

बन नीरज रवि रहा अकाशा । देता जग को नित्य दिलाशा ।
दो रोटी की मन को आशा । जीवन की इतनी परिभाषा ।।

लोभ मोह सुख साधन ढूढ़े । खोजे पथ फिर टेढे़ मेंढ़े ।
बहुत तीव्र है मन की इच्छा । भरे नहीं यह पाकर भिच्छा ।।

राधे-राधे रटते-रटते । कट जायेंगे ये भी रस्ते ।
अपनी करता राधे रानी । जिनकी है हर बात बखानी ।

प्रेम अटल है तेरा मेरा । क्या लेना अग्नी का फेरा ।
जब चाहूँ मैं कर लूँ दर्शन । कहता हर पल यह मेरा मन ।।

२४/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द :-

पीर पराई बनी बिवाई ।  हमको आज कहाँ ले आयी ।।
मन के अपनी बात छुपाऊँ  । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।।

चंचल नैनो की थी माया । जो कंच

Poet Kuldeep Singh Ruhela

#Dosti #एक दिन चला जाऊंगा तुम सबसे जुदा होकर फिर बुलाने पर भी किसी के न आऊंगा में कभी जीते जी पढ़ लिया करो मेरी शायरी को मेरे यारो

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे #कविता

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गीत:-
डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है ।
आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब ....

जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे दूर हों ।
जब शरण उनकी ठिकाना क्यों यहाँ मजबूर हों ।।
आस जिसने भी लगाई वो न खाली हाथ है ।
जो न माने आज इनको वो बड़ा नादान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब....

राम के ही भक्त है वह राम का ही नाम लें ।
राम के वह नाम बिन देखो न कोई काम लें ।।
राम का तू जाप कर ले राम ही आधार हैं ।
राम का ही नाम सुनकर खुश सदा हनुमान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब....

काम इस संसार में कोई हुआ ऐसा नही ।
दूत दानव दैत्य जो सुन नाम हनु कांपा नही ।।
व्यर्थ फिर चिंता तुम्हारी है सुनो संसार में ।
सब सफल ही काज होंगे जब कृपा हनुमान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब...

जानते हैं लोग भोलेनाथ के अवतार हैं ।
राम जी का काज करने को सदा तैयार हैं ।।
इस जगत में भक्त इनसा सुन जगत में है नही ।
राम का ही नित्य करते ये सदा गुणगान हैं ।।
डर नहीं इंसान तू अब ....

डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है ।
आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।।

२३/०४/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत:-
डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है ।
आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब ....

जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी #शायरी

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hanuman jayanti 2024 जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार ।
चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।।
कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान ।
दोनों का पूजन करें , सभी लगाकर ध्यान ।।
खुश होकर वर दे यही , जीवन हो उजियार ।
मंगल ही मंगल रहे , सुखी रहे परिवार ।।
राम-नाम प्यारा लगे , भजते हैं दिन रैन ।
बोले प्रभु का दास हूँ , भजकर मिलता चैन ।।
राम-नाम मिश्री यहां , चख ले जो इक बार ।
व्यंजन सब फीके लगे , चाहे चखो हजार ।।
हृदय चीर दिखला दिए , सियाराम का वास ।
ऐसे उनके भक्त थे,  कहते प्रभु का दास ।।
जन्म उसी का है सफल , ले जो प्रभु का नाम ।
राम-राम जप कर यहाँ , मिले सदा आराम ।।
मिट्टी का मानव यहाँ , मिट्टी से ही दूर ।
मिट्टी में मिलना उसे , फिर भी मद में चूर ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार ।

चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।।


कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान ।

दोनों का पूजन करें , सभी

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

लिए त्रिशूल हाथों में गले   में   सर्प   डाले  हैं । सुना  है  यार  हमने  भी  यही  वो  डमरु  वाले  हैं ।।१ नज़र अब  कुछ  इधर डालें  लगा  द #शायरी

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लिए त्रिशूल हाथों में गले   में   सर्प   डाले  हैं ।
सुना  है  यार  हमने  भी  यही  वो  डमरु  वाले  हैं ।।१
नज़र अब  कुछ  इधर डालें  लगा  दो अर्ज़  मेरी भी।
सुना हमने उसी दर  से  सभी  पाते  निवाले  हैं ।।२
यही    हमको    निकालेंगे   कभी   बेटे  बडे़  होकर ।
अभी  जिनके  लिए  हमने  यहाँ  छोडे़  निवाले  हैं ।।३
नहीं रोने दिया  उनको  पिया  खुद आँख का पानी ।
दिखाते आँख अब  वो हैं कि हम  उनके हवाले हैं ।।४
किसी को क्या ख़बर पाला है मैंने कैसे बच्चों को 
वहीं बच्चे मेरी पगड़ी पे अब कीचड़ उछाले हैं।।५
यहाँ तुमसे  भला  सुंदर  बताओ और क्या जग में ।
तुम्हारे नाम पर सजते यहाँ सारे   शिवाले  हैं ।।६
डगर अपनी चला चल तू न कर परवाह मंजिल की ।
तेरे नज़दीक आते दिख रहे मुझको उजाले हैं । ७
प्रखर भाता  नहीं बर्गर  उन्हें भाता  नहीं पिज्जा ।
घरों  में  रोटियों   के  जिनके  पड़ते रोज़  लाले  हैं ।।९

                       महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लिए त्रिशूल हाथों में गले   में   सर्प   डाले  हैं ।

सुना  है  यार  हमने  भी  यही  वो  डमरु  वाले  हैं ।।१


नज़र अब  कुछ  इधर डालें  लगा  द
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