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Stories related to emotional poem on daughter in hindi

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Father Poem in Hindi at CGC| Emotional Poem on Papa in Hindi- Heart Touching Hindi Poem #nojotovideo #Nojoto #nojotohindi

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CHANDRA PRAKASH

#Emotional Hindi Poem On Joint Family #समाज

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RaJ

poem on daughter 6 #कविता

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घर के  आंगन की तुलसी सी

कुम्हार के मिट्टी की कलशी सी

जो बनती है,पकती है कहीं और,

और‌ किसी और को सौंपी जाती हैं.

धान के नाजुक छोटे छोटे पौधों सी

जो जमती है,खिलती है कहीं और

और कहीं और को रोपी जाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


बचपन में चव्वनियों में खुश रहने वाली,

सिंपल ड्रेस में भी परियों सी दिखने वाली

रस्मों को निबाह कर दूर चली जाती है

खुद तो रोती ही है,हमें भी रुलाती है.

वो एक बेटी है जो हर रुप में,हर किरदार                   में पूरी तरह ढल जाती हैं.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


एक बेटी के जन्मने से एक पिता  जन्मता है,

बेटी के लिए पिता का स्नेह और मां की ममता है.

कुदरत से मिलने वाली उपहार है बेटियां,

संसार इनसे है,खुद में संसार है बेटियां.

वो एक बेटी है जो अपने दुआओं में

         दो परिवारों की खुशी चाहती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


उड़ती तितलियों के रंग-बिरंगी पंखों सी,

पवित्र ध्वनि जैसे किसी यज्ञ के शंखों की.

बेटी होती है जैसी वैसा कोई नहीं,

बेटियों के जैसे यहां बेटा कोई नहीं.

वो एक बेटी है जो अपने साथ पूरा 

‌‌               बागवान महकाती है.













वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


जिसके पसंद की चीजें मेज पे लगी है,

जिसके सामानों से आलमारी भरी पड़ी है

बाप की बूढ़ी आंखों का सहारा अब बेटी है,

मां बाप के जीवन का उजियारा अब बेटी है,

वो एक बेटी है जो बेटों से ज्यादा सुख         दुख में साथ निभाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.
www aapkisafalta.com poem on daughter #6

RaJ

poem on daughter 5

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घर के  आंगन की तुलसी सी

कुम्हार के मिट्टी की कलशी सी

जो बनती है,पकती है कहीं और,

और‌ किसी और को सौंपी जाती हैं.

धान के नाजुक छोटे छोटे पौधों सी

जो जमती है,खिलती है कहीं और

और कहीं और को रोपी जाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


बचपन में चव्वनियों में खुश रहने वाली,

सिंपल ड्रेस में भी परियों सी दिखने वाली

रस्मों को निबाह कर दूर चली जाती है

खुद तो रोती ही है,हमें भी रुलाती है.

वो एक बेटी है जो हर रुप में,हर किरदार                   में पूरी तरह ढल जाती हैं.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


एक बेटी के जन्मने से एक पिता  जन्मता है,

बेटी के लिए पिता का स्नेह और मां की ममता है.

कुदरत से मिलने वाली उपहार है बेटियां,

संसार इनसे है,खुद में संसार है बेटियां.

वो एक बेटी है जो अपने दुआओं में

         दो परिवारों की खुशी चाहती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


उड़ती तितलियों के रंग-बिरंगी पंखों सी,

पवित्र ध्वनि जैसे किसी यज्ञ के शंखों की.

बेटी होती है जैसी वैसा कोई नहीं,

बेटियों के जैसे यहां बेटा कोई नहीं.

वो एक बेटी है जो अपने साथ पूरा 

‌‌               बागवान महकाती है.


वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


जिसके पसंद की चीजें मेज पे लगी है,

जिसके सामानों से आलमारी भरी पड़ी है

बाप की बूढ़ी आंखों का सहारा अब बेटी है,

मां बाप के जीवन का उजियारा अब बेटी है,
www.aapkisafalta.com










वो एक बेटी है जो बेटों से ज्यादा सुख                 ख में साथ निभाती है.









वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं. poem on daughter #5

RaJ

poem on daughter 2 #कविता

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घर के  आंगन की तुलसी सी

कुम्हार के मिट्टी की कलशी सी

जो बनती है,पकती है कहीं और,

और‌ किसी और को सौंपी जाती हैं.

धान के नाजुक छोटे छोटे पौधों सी

जो जमती है,खिलती है कहीं और

और कहीं और को रोपी जाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


बचपन में चव्वनियों में खुश रहने वाली,

सिंपल ड्रेस में भी परियों सी दिखने वाली

रस्मों को निबाह कर दूर चली जाती है

खुद तो रोती ही है,हमें भी रुलाती है.

वो एक बेटी है जो हर रुप में,हर किरदार                   में पूरी तरह ढल जाती हैं.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


एक बेटी के जन्मने से एक पिता  जन्मता है,

बेटी के लिए पिता का स्नेह और मां की ममता है.

कुदरत से मिलने वाली उपहार है बेटियां,

संसार इनसे है,खुद में संसार है बेटियां.

वो एक बेटी है जो अपने दुआओं में

         दो परिवारों की खुशी चाहती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,


www.aapkisafalata.com




वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


उड़ती तितलियों के रंग-बिरंगी पंखों सी,

पवित्र ध्वनि जैसे किसी यज्ञ के शंखों की.

बेटी होती है जैसी वैसा कोई नहीं,

बेटियों के जैसे यहां बेटा कोई नहीं.

वो एक बेटी है जो अपने साथ पूरा 

‌‌               बागवान महकाती है.


वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


जिसके पसंद की चीजें मेज पे लगी है,

जिसके सामानों से आलमारी भरी पड़ी है

बाप की बूढ़ी आंखों का सहारा अब बेटी है,

मां बाप के जीवन का उजियारा अब बेटी है,

वो एक बेटी है जो बेटों से ज्यादा सुख                      दुख में साथ निभाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं. poem on daughter #2

RaJ

poem on daughter 3

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घर के  आंगन की तुलसी सी

कुम्हार के मिट्टी की कलशी सी

जो बनती है,पकती है कहीं और,

और‌ किसी और को सौंपी जाती हैं.

धान के नाजुक छोटे छोटे पौधों सी

जो जमती है,खिलती है कहीं और

और कहीं और को रोपी जाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


बचपन में चव्वनियों में खुश रहने वाली,

सिंपल ड्रेस में भी परियों सी दिखने वाली

रस्मों को निबाह कर दूर चली जाती है

खुद तो रोती ही है,हमें भी रुलाती है.

वो एक बेटी है जो हर रुप में,हर किरदार                   में पूरी तरह ढल जाती हैं.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


एक बेटी के जन्मने से एक पिता  जन्मता है,

बेटी के लिए पिता का स्नेह और मां की ममता है.

कुदरत से मिलने वाली उपहार है बेटियां,

संसार इनसे है,खुद में संसार है बेटियां.

वो एक बेटी है जो अपने दुआओं में

         दो परिवारों की खुशी चाहती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


उड़ती तितलियों के रंग-बिरंगी पंखों सी,

पवित्र ध्वनि जैसे किसी यज्ञ के शंखों की.

बेटी होती है जैसी वैसा कोई नहीं,

बेटियों के जैसे यहां बेटा कोई नहीं.

वो एक बेटी है जो अपने साथ पूरा 

‌‌               बागवान महकाती है.
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वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


जिसके पसंद की चीजें मेज पे लगी है,

जिसके सामानों से आलमारी भरी पड़ी है

बाप की बूढ़ी आंखों का सहारा अब बेटी है,

मां बाप के जीवन का उजियारा अब बेटी है,

वो एक बेटी है जो बेटों से ज्यादा सुख                      दुख में साथ निभाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं. poem on daughter #3

RaJ

poem on daughter 1 #कविता

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घर के  आंगन की तुलसी सी

कुम्हार के मिट्टी की कलशी सी

जो बनती है,पकती है कहीं और,

और‌ किसी और को सौंपी जाती हैं.

धान के नाजुक छोटे छोटे पौधों सी

जो जमती है,खिलती है कहीं और

और कहीं और को रोपी जाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.



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बचपन में चव्वनियों में खुश रहने वाली,

सिंपल ड्रेस में भी परियों सी दिखने वाली

रस्मों को निबाह कर दूर चली जाती है

खुद तो रोती ही है,हमें भी रुलाती है.

वो एक बेटी है जो हर रुप में,हर किरदार                   में पूरी तरह ढल जाती हैं.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


एक बेटी के जन्मने से एक पिता  जन्मता है,

बेटी के लिए पिता का स्नेह और मां की ममता है.

कुदरत से मिलने वाली उपहार है बेटियां,

संसार इनसे है,खुद में संसार है बेटियां.

वो एक बेटी है जो अपने दुआओं में

         दो परिवारों की खुशी चाहती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


उड़ती तितलियों के रंग-बिरंगी पंखों सी,

पवित्र ध्वनि जैसे किसी यज्ञ के शंखों की.

बेटी होती है जैसी वैसा कोई नहीं,

बेटियों के जैसे यहां बेटा कोई नहीं.

वो एक बेटी है जो अपने साथ पूरा 

‌‌               बागवान महकाती है.


वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


जिसके पसंद की चीजें मेज पे लगी है,

जिसके सामानों से आलमारी भरी पड़ी है

बाप की बूढ़ी आंखों का सहारा अब बेटी है,

मां बाप के जीवन का उजियारा अब बेटी है,

वो एक बेटी है जो बेटों से ज्यादा सुख                      दुख में साथ निभाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं. poem on daughter #1

Sakshi Gupta

#OpenPoetry #poem on a daughter...

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#OpenPoetry हर एक लम्हा आए याद उस दिन का 

जब आई मेरी नन्ही परी 

 

सुन्दर, नाजुक, कोमल-कोमल मानो कोई खिली थी नन्ही-सी कली

 

देख-देख मैं मन ही मन खुश होती 

लहराती मेरे मन की बगिया 

 

एक अनूठे आनंद से भर जाती मैं

और सहज मुस्कुराती मेरी अंखियां 

 

मातृत्व का पद देकर तुमने


मुझको बेटी पूर्ण किया 

 

अबोध, नि:स्वार्थ, निष्पाप सहजता बस 

इसका ही तुझमें मैंने दर्शन किया। 

 

अपने प्यार को तूने 

हम सब पर बरसाकर

धन्य किया जीवन मेरा 

 

श्रद्धा-सुमन समर्पित कर 

आज मनाएं जन्मदिन तेरा। #OpenPoetry #poem on a daughter...
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