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somnath gawade
अंग झाडून काम करणाऱ्यांना कधी कधी झाडू सुद्धा मारावा लागतो. ☺️😊 #अंग झाडून
#अंग झाडून
read moreParasram Arora
आईने के सामने. ज़ब भी मेरी आँख खुलती है मैं अपना प्रतिबिम्ब देख सकता था. पर जैसे ही मैं अपनी आँख बंद करता हूँ मेरी रूह मेरे भीतर से बाहर आकर अपनी आकृति का ज़ायज़ा लेने आईने के सामने आ जाती थी और ये रहस्य मुझे मेरे आईने ने मुझे मेरे कानो मे फुसफुसाते हुए बताया था काश मेरी बंद आँखों का ये सच मेरी. खुली आँखे देख पाती तों निश्चित ही मैं उस आईने की बात पर भरोसा भी कर लेता ©Parasram Arora बंद आँख खुली आँख
बंद आँख खुली आँख #कविता
read moreShubham Singh
। ये आँख तुम्हारी आँख नहीं है । ये उस खूबसूरत मुखड़े का हिस्सा है जिस पर मैं कभी बेशुमार मरता था ।। ये वो खंज़र है जिसने हमें ज़ख्मी किया वो मैं बदनसीब हूँ जो इसे सहता था ।। ये वो जगह है जिसमें मैं खुद को ढूंढता मगर मैं नहीं हर बार कोई और मिलता था ।। ये वो निगाह है जिसने कभी हमें देखा नही वो मैं हूँ जो सिर्फ इस निगाह को तकता था ।। ये वो खज़ाना है जो मेरा हिस्से का नहीं फिर भी मैं इसे खोने से डरता था ।। यो वो सच है जो सच में सिर्फ झूठ है ये वो धोखा है जिसपे मै ऐतबार करता था ये वो घर है जिसमें अब अ नाम का लड़का है ये वो घर है जिसमे शु नाम का ही कोई रहता था ।। ©Shubham Parihar ये आँख तुम्हारी आँख नहीं। ।
ये आँख तुम्हारी आँख नहीं। ।
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी बिपरीत परिस्थितयो में पनपे हम,जहर रग रग में है वैश्वीकरण के कारण जोखिम उठाते,अंग अंग तड़पन में है खाद पानी सब केमिकल्स के हवाले मानव जीवन जीडीपी की भेंट चढ़ गया हर घर बीमारी,दवाओं का आधी हो गया चक्रव्यूह में अभिमन्यु फंसा है विश्वसंगठन आकाओ की सुनता दुनिया भर में खेल मानव के अंग अंग से चल रहा है वीपी डायबिटीज पर कोई शोध नही इनके मानको से लूटने का धंधा चल रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Lake जोखिम उठाते अंग अंग,जीवन तड़पन है #nojotohindi
#Lake जोखिम उठाते अंग अंग,जीवन तड़पन है #nojotohindi #कविता
read moreShailendra Singh Yadav
पहले तेरी यादों में जीते थे अब तेरे संग । पहले तेरे बिन कितना रहते थे तंग। अब मिल गये दो दिल जन्नत मिल गयी। अब तेरा संग साथ तो खिल गया अंग अंग। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी खिल गया अंग अंग।
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी खिल गया अंग अंग।
read moreBambam Jha
ये जो आँखें मेरी बेब्जह नम हैं। हा इन आँखों के गुनाहगार हम हैं। ©Bambam Jha आँख
आँख #शायरी
read moreHarsh Parashar 【 alig_shayar 】
आंखों ही आंखों में प्यार हो जाता है । सोचता हूँ रोकलू.. मगर फिर एक बार हो जाता है । क्या करूँ इतना गहरा नशा है तेरी आँखों में.. मेरे मयखाने का जाम तक फेल हो जाता है । आंखों ही आंखों में प्यार हो जाता है । #आँख