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Stories related to जलना रात जलता रहा

Parasram Arora

विरह क़ी रात

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White विरह क़ी रात तों जैसे  तैसे किसी तरह 
गुज़र ही जायेगी 

पर इस हकीकत को चाँद के सिवाय कोई नहीं जानता कि 
मै रात भर सोया नहीं था

©Parasram Arora विरह क़ी रात

Shashi Bhushan Mishra

#दीप जलता है सदन में#

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दीप जलता है सदन में,
अंधेरा है व्याप्त मन में,

चलाता है श्वास सबका,
वही रक्षक  है  भुवन में,

प्रेम और विश्वास से ही,
प्रकट होते  ईश क्षण में,

कर रहे  गुणगान  सारे,
धरा से लेकर  गगन में,

सिंधु से जलश्रोत लेता,
वही भरता नीर घन में,

जागता है साथ हरपल,
साथ रहता है  सयन में,

हृदय में है व्याप्त गुंजन,
बसा ले उसको नयन में,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #दीप जलता है सदन में#

Shubham Bhardwaj

White रात अंधेरी है मगर सितारे साथ हैं।
इस तन्हाई में भी,ग़म हमारे पास हैं।।

©Shubham Bhardwaj #Sad_Status #रात #सितारे #हम

Jitendra Giri Hindu

रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness WritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'

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चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है,
दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है?
कह न पाया, आंखों का ये हाल,
मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल।

हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती,
भीतर के आँसू हवाओं में बहती।
ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें,
उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें।

सवालों के घेरे, जवाबों का डर,
दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर।
हंसी के सुरों में रुदन की कहानी,
हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी।

चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी,
क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली?
दिल ने बस धीरे से इतना बताया,
"मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।"

©Jitendra Giri Goswami रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness #NojotoWritingPrompt  'दर्द भरी शायरी'

Avinash Jha

White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha #Sad_Status 
#रात

Avinash Jha

White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha #Sad_Status 
#रात

Tej Pratap

ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश,
कैसा लगता है।
हमें तो बादलों से झांकता चांद ,
अच्छा लगता हैं।।

©Tej Pratap #रात #चांद #Quote

Ashok Verma "Hamdard"

जलता नहीं हूं

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White आदतें मुझमें भी बुरी हैं, मगर,
दिल में नफरत के शोले जलाता नहीं हूं।
जो भी मिला, भगवान का करम है,
दूसरों का देख कर ललचाता नहीं हूं।

मंज़िलें दूर सही, हौसले मेरे बुलंद हैं,
गिरता हूं, मगर उठकर संभल जाता हूं।
चमकती दुनिया पर नज़र डाल लेता हूं,
पर खुद को बेवजह बदलता नहीं हूं।

जिंदगी के सफर में सबक सीखे हैं,
अपने हिस्से की खुशी चुराता नहीं हूं।
दूसरों की राहें, उनकी मेहनत है,
किसी की तकदीर से जलता नहीं हूं।

जो मिला उसे शुक्रिया अदा करता हूं,
शिकायतों के पुलिंदा संभालता नहीं हूं।
सच की राह पर चलने की आदत है,
जूठे लिबास में कभी ढलता नहीं हूं।

©Ashok Verma "Hamdard" जलता नहीं हूं

KUMARI USHA AMBEDKAR

जलना है तो

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White जलना है तो दीपक की तरह जलो जो स्वयं जलकर दूसरों को रोशनी दे

©KUMARI USHA AMBEDKAR जलना है तो

नवनीत ठाकुर

#रात में महताब

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उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा,
खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे।

चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई,
सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे।

वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया,
रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे।

उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला,
हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे।

नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया,
हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे।

वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है,
धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे।

उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर,
फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे।

©नवनीत ठाकुर #रात में महताब
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