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Anjali Singhal

#PulwamaAttack "इश्क़ के पैग़ाम में मिट्टी का रंग भी भर लेना, ख़त एक आज देश के नाम भी लिख देना। तिरंगा रखा है जिन्होंने सदा लहराके, मर-मि

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#PulwamaAttack "इश्क़ के पैग़ाम में मिट्टी का रंग भी भर लेना,
ख़त एक आज देश के नाम भी लिख देना।

तिरंगा रखा है जिन्होंने सदा लहराके,
मर-मिटने की वो आन-बान-शान लिख देना।

बिखरा खून मिट्टी में देश के दीवानों का,
हर एक शहीद को खिलता हुआ गुल लिख देना।

फीकी न पड़े ख़ुशबू इनकी कभी,
मोहब्बत की एक ये निशानी लिख देना।

रग-रग में बहे इश्क़ सभी के,
पहचान में बस दिलों में हिंदुस्तान लिख देना।।"

#जय_हिंद 🇮🇳

©Anjali Singhal #PulwamaAttack 

"इश्क़ के पैग़ाम में मिट्टी का रंग भी भर लेना,
ख़त एक आज देश के नाम भी लिख देना।

तिरंगा रखा है जिन्होंने सदा लहराके,
मर-मि

Yusufi Media

ग़लत बात पर गुस्सा आ जाना शराफत है, लेकिन उसी गुस्से को पी जाना मोमिन की निशानी है #YusufiMedia #islamicpost #viralpost

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ग़लत बात पर गुस्सा आ जाना शराफत है, लेकिन उसी गुस्से को पी जाना मोमिन की निशानी है

©Yusufi Media ग़लत बात पर गुस्सा आ जाना शराफत है, लेकिन उसी गुस्से को पी जाना मोमिन की निशानी है #YusufiMedia #islamicpost #viralpost

N S Yadav GoldMine

#GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey} पूरी दुनिया में कोई भी कुबेर की तरह दिगपाल (धनी) नही है, पूरी दुनिया में किसी के पास इंद्र की तरह ऐश्

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White {Bolo Ji Radhey Radhey}
पूरी दुनिया में कोई भी कुबेर की तरह 
दिगपाल (धनी) नही है, पूरी दुनिया में 
किसी के पास इंद्र की तरह ऐश्वर्य नहीं 
है, कोई कामदेव की तरह सुंदर नही है, 
ये सब भी भगवान श्री कृष्ण जी की
आज्ञाकारी व भक्ति करते हैं, किस 
बात का अहंकार हैं, व्यक्ति को जो 
इस जन्म में भगवान श्री कृष्ण जी 
का मन से सुमिरन नही करते, यह 
सब अभिमानी, अहंकारी, 
अज्ञायनी होने की निशानी है। 
जय श्री राधेकृष्ण जी!!

©N S Yadav GoldMine #GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey}
पूरी दुनिया में कोई भी कुबेर की तरह 
दिगपाल (धनी) नही है, पूरी दुनिया में 
किसी के पास इंद्र की तरह ऐश्

theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_shayari वफ़ा को ढूँढ़ना बेमानी सा लगता, दिल का ये ख्वाब पुराना सा लगता। खुद को संभालूं या शिकवे लिखूं, हर दर्द अब एक फसाना सा लगता।

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White वफ़ा को ढूँढ़ना बेमानी सा लगता,
दिल का ये ख्वाब पुराना सा लगता।
खुद को संभालूं या शिकवे लिखूं,
हर दर्द अब एक फसाना सा लगता।

इश्क़ सिर्फ कहानी सा लगता है,
ग़म अब निशानी सा लगता है।
कौन चाहता है ज़ख्मों को भरना,
दर्द-ए-दिल अब रूहानी सा लगता है।

आँखों में न कोई ख्वाब अब बाकी है,
दिल का हर कोना खाली सा लगता है।
जिनसे उम्मीदें थीं, वो पराये निकले यारो,
ज़िंदगी भी अब तूफानी सा लगता है।

हर राह में बस सन्नाटा सा है,
हर कदम पर धोखे का साया सा है।
जिनसे दिल लगाया, वही दूर निकले,
अब हर रिश्ता अफ़साना सा है।

इश्क़ अब सिरफिरा सा खेल लगता है,
हर कदम पर ये जाल सा बिछता है।
फिर भी दिल क्यों लौट जाता है वहीं,
जहाँ हर दर्द अब रूहानी सा लगता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_shayari 

वफ़ा को ढूँढ़ना बेमानी सा लगता,
दिल का ये ख्वाब पुराना सा लगता।
खुद को संभालूं या शिकवे लिखूं,
हर दर्द अब एक फसाना सा लगता।

Akshita Gautam

सिर्फ नीयत साफ रखो हर गलती माफ होगी।

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नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत, फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी। ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया, व

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इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत,
फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी।

ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया,
वरना हर नींद में थी सोई कहानी अपनी।

चाहतें छोड़ के कुछ दर्द समेटे हमने,
ये अमानत भी तो थी जान से प्यारी अपनी।

कौन समझेगा ये अफ़साना-ए-ग़म का मंज़र,
जब भी रोए हैं तो बस याद थी जवानी अपनी।

जिनसे उम्मीद थी वो दूर नज़र आए हमें,
छोड़ बैठे हैं वही राहगुज़ारी अपनी।

हमने चाहा था जिसे, उसने भुला डाला हमें,
और दुनिया से छुपा ली नज़्म सारी अपनी।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
इक सदी तक तो तमन्ना का सफ़र चलता रहा ओ नवनीत,
फिर मुक़द्दर ने लिखी आख़िरी निशानी अपनी।

ख़्वाब टूटे तो लगा जाग उठी है दुनिया,
व

दोस्ती की दुनिया का king

1. दोस्ती वो रिश्ता है, जो बिना शर्तों के निभाया जाता है। 2. सच्चा दोस्त वह है जो खुशियों में साथ हँसता है और दुख में सहारा देता है।

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नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी

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Unsplash लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके,
ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं।

शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़,
वो भी बुझते-बुझते बस एक निशानी हो गईं।

इश्क़ में लिखते रहे हम हज़ारों किस्से,
मगर सच्चाई में वो सब बेमानी हो गईं।

वो कसमें, वो वादे, वो लम्हों की गहराइयाँ,
अब किताबों की तरह बंद कहानी हो गईं।

जो हमने देखा था कभी चाँद की रोशनी में,
वो उम्मीदें भी अब धुंधली कहानी हो गईं।

जिनसे रोशन था कभी हर एक कोना-ए-दिल,
वो रोशनी भी अंधेरों की मेहरबानी हो गईं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके,
ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं।

शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़,
वो भी

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर वक़्त ने हर ज़ख्म को मरहम दिया, पर जो गंवाया, वो फिर कब दिया। इसने हर दर्द को कहानी बना दिया, पर जो खोया, उसे अफसाना बना दिया।

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Unsplash वक़्त ने हर ज़ख्म को मरहम दिया,
पर जो गंवाया, वो फिर कब दिया।

इसने हर दर्द को कहानी बना दिया,
पर जो खोया, उसे अफसाना बना दिया।

जो पल साथ थे, वो कहानी बन गए,
जो छूटे, वो निशानी बन गए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
वक़्त ने हर ज़ख्म को मरहम दिया,
पर जो गंवाया, वो फिर कब दिया।
इसने हर दर्द को कहानी बना दिया,
पर जो खोया, उसे अफसाना बना दिया।
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