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Diya
Unsplash एक ख़त तुम्हें लिखूँ जो दिल के पार हो, तेरी मेरी मुलाकाते हो , यादों की बारातें हो, कैसे काटी हमने रातें तेरे बिन, वो सारी बेचैनियां हो, पलकों के चिलमन से गिरते हुए मोतियों की कहानी हो, जो रुखसार पर लुढ़क कर चिपक गए वह जवानी हो, बस तेरी मेरी कहानी हो, जुल्फों की लहराती हुई रवानिया हो, तेरे मेरे प्यार की दीवानीया हो। ©Diya #Book #एक #खत #तुम्हें #लिखूँ#diyakikalamse
wordsoftannu
मैने सुबह को शाम लिखा है मैने एक खत तुम्हारे नाम लिखा है। ©wordsoftannu खत💗 hindi shayari shayari on life shayari on love love shayari shayari sad
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read moreParul Sharma
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset वो पुराने खत कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं आज उन्हीं नज़्मों पर खूब वाहवाही मिलती है तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या इस वाहवाही में किसी ना किसी की आह दब जाती है वो बटोर लेता है अपने दर्द इन शब्दों के गागर में अगर किसी का भी दिल हल्का हो जाय दर्द घट जाये तो रचना पूर्ण है इस गागर में सागर प्रेमिका व प्रेमी के प्रेम की अभिव्यक्ति है जो नज़्में लिखी जाती है अपने प्रेमी या प्रेमिका का के लिए जो सिर्फ एकतरफा हो दो तरफा भी हो समझे नहीं जाते या समझे भी जाते हो दफन तो नहीं है जाते वो हो जाते हैं अमर कवि और कवि की रचना की तरह तुमने जिन्हें जाना नहीं या थे अनभिज्ञ या जानबूझ कर अनजान थे वो मेरे पुराने प्रेम पत्र जो पहुंचे नहीं तेरे दिल तक वन कर नज़्म अमर हो रहे हैं हर किसी के दिल में जगह बना के किसी फिल्मी गाने की तरह गायें जाते हैं गायें जायेंगे क्योंकि वो प्रेम पत्र है सब अब बस वो प्रेम पत्र है गुमनाम प्रेमिका के प्रेमी के लिए गुमनाम प्रेमी के प्रेमिका के लिए अब बस वाकई वो प्रेम पत्र ही है फिल्मी गानों की तरह जिन्हें कोई भी गा सकता है अपने प्रेमी प्रेमिका के लिए ©Parul Sharma वो पुराने खत जो कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं आज उन्हीं नज़्मों पर खूब वाहवाही मिलती है तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या इस वाहवाही में किसी
वो पुराने खत जो कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं आज उन्हीं नज़्मों पर खूब वाहवाही मिलती है तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या इस वाहवाही में किसी
read moreHarshvardhan असरार जौनपुरी
#_कविता_असरार_की_ मैं नहीं लिखूंगा उस रोज कोई खत तुम्हें ✍️असरार जौनपुरी
read moresuresh gulia
green-leaves प्रेम तो तुमसे आज भी है मगर जताना छोड़ दिया, याद में तेरे हर दिन रोता हूँ मगर बताना छोड़ दिया, एक रिश्ते के लिए तुमने कितने रिश्ते छोड़े है, उन रिश्तों को तुमसे कितना लगाव है वो भी समझाना छोड़ दिया, तुम्हारी तन्हाई के पलो के साथी थे हम आज हम खुद तन्हां है, है बहुत परेशानियां मेरे जीवन में तुम्हें फर्क नहीं पड़ता इसलिए हमने भी बताना छोड़ दिया | ©गुमनाम #एक#खत#उसके#नाम Astha Raj Dhiren Neel गुरु देव[Alone Shayar] KK क्षत्राणी Sethi Ji
Kiran Chaudhary
Unsplash Instant messaging के इस दौर में मुझे खत लिखना पसन्द है।। ©Kiran Chaudhary Instant messaging के इस दौर में मुझे खत लिखना पसन्द है।।
Instant messaging के इस दौर में मुझे खत लिखना पसन्द है।।
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो। जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर, तेरे अंगों की महक में बिखेर दो। मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर, इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो। भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में, तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो। कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही, अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो। हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब, तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो। हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को, मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो। ©theABHAYSINGH_BIPIN #erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग
#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग
read moreBh@Wn@ Sh@Rm@
White ।।शहीद् का आखिरी खत ।। खत लिख रहा हु मां तुझे, लिख रहा अपना हाल हुं तुम चिंता ना करना मां , मै अपनी भारत माँ के पास हुं बड़े प्यार से रखती मुझको,अपनी ममता का आँचल फैला देती नींद मुझे जब आती हे ,अपनी बाहों मे मुझे सुला लेती तेरी जैसी ही तोह मूरत हे ,मै रोज ख्याब मे मिलता हुं मै उसका भी लाल हु मां , तभी बार्डर पर रहता हुं तूने जन्म देकर मुझे ,सौपा भारत मां के हाथों मे उसकी रक्षा करना ,मुझे बताया तूने हर बात मे लिख रहा हुं खत मे जो हकीकत मेरी हे पड़ के रोना नही मां ,तुझे सौंगध मेरी हे मै आऊ जब लिपट कर तिरंगे मे देख मुझे ना हार तु जाएगी वादा कर मां अपने लाल को अश्रु ना चढ़ायेगी मुस्करा कर भारत माँ की गोद मे मुझे सुलाएगी लूंगा फिर जन्म हर जन्म तेरा लाल बन कर हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी।। ।।भावना शर्मा ।। ©Bh@Wn@ Sh@Rm@ #शहिद् का आखिरी खत
#शहिद् का आखिरी खत
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