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कृष्णा
स्वर्ग और नर्क की संकल्पना किसी प्रिय की संगत या बिछोह हो सकती है ©Krishna #संकल्पना...✍️
somnath gawade
अतिहुशारीच्या बाता मारणारा विद्यार्थी नापास झाला की, त्याचा 'अवतार' पाहण्यासारखा होतो. अवतार संकल्पना
अवतार संकल्पना
read moreराजीव भारती
नववर्ष की संकल्पना बीत गया है जो वर्ष अब वह पुनः न दोहराये आनेवाले वक्त सुखद हों शुभकामना हमारी सुनहरी सुबह हो, छंट जायें निराशा के अंधेरे नववर्ष के लिए बस यही है संकल्पना हमारी गया वर्ष बीत गया बस दुःख और आपदा में, परंतु हमने ढेरों साहस हैं संजोए बुरे समय में बदलीं हैं कुछ आदतें ,सीखे हैं नये तौर तरीके बदले हैं सोच हमारे प्रकृति हेतु बुरे समय में अतीत से सीखे तो कष्ट नहीं होगा तनिक भी भविष्य अच्छे होंगे यही परिकल्पना हमारी सुनहरी सुबह हो, छंट जायें निराशा के अंधेरे नववर्ष के लिए बस यही है संकल्पना हमारी विगत हुई त्रुटियों की पुनरावृत्ति ना होने पाए प्रयत्नों से ही जगत को नया आयाम मिलेगा नुकसान की होगी भरपाई विशेष लाभ होगा व्यथित हृदय को पुनश्च थोड़ा विश्राम मिलेगा उत्साह की पराकाष्ठा नवीन ऊर्जा संचरित हो हर्षातिरेक से रची-बसी यह नववर्ष हो हमारी सुनहरी सुबह हो, छंट जायें निराशा के अंधेरे नववर्ष के लिए बस यही है संकल्पना हमारी ~~~राजीव भारती ©Rajiv Ranjan Verma # नववर्ष की संकल्पना #HappyNewYear
# नववर्ष की संकल्पना #HappyNewYear #कविता
read morekapil rawat
अपना गम लेके कहीं और जाया जाए.. अच्छा मोल नहीं मिला शिकयतों के बाज़ारो में.. #मोल
"ANUPAM"
दुपट्टे की किमत चाहे कितनी भी हो..!! सौ या डेढ़ सौ....!!! लेकिन जब उसे सर पर ओढ़ ले..!! तो इज्ज़त....!! "लाखों-करोड़ों" की हो जाती है....!!! ©Ramesh Chandra Anupam #मोल#
Prince Hamdard
Under the sky हर तरफ एक ही शोर मचा है यारो देखो किसका यह ज़मीर गिरा है यारो कल तलक जो थे सच्चे और पक्के इंसा आज वही इंसा कौड़ियों मोल बिका है यारो मोल
मोल #Shayari
read moreMonika Choudhary
तेरा मोल हमने तेरे जाने के बाद जाना पास थे तो शिकायत ही करते रहे। ©Monika Choudhary तेरा मोल
तेरा मोल #शायरी
read moreSUNIL KUMAR VERMA
शाम का वक्त था.आखिरकार लगभग आधे घंटे तक बहस बाजी,मोल भाव करने और भला बुरे कहने के बाद किच किच की इंतेहां को ताक मे रखते हुए उस पढ़ी-लिखी और संभ्रांत महिला ने सब्जी वाले से सौ रुपए की सब्जी खरीद ली और गलती से पांच सौ रुपए का एक नोट देकर जाने लगी.तब सब्जी वाले ने महिला को पुकारा और उसके पास जाकर उस पांच सौ रूपए के नोट के बदले ईमानदारी से अपनी सब्जी के सौ रुपए ले लिए.इस पर महिला ने अहंकार वश कहा. "आश्चर्य है!तुमने बिना लालच के मेरे रुपए वापस कर दिए.तुम चाहते तो नही लौटाते और रख लेते?" सब्जी वाले ने मासूमियत से कहा. "मैने एक बार सोचा कि,रख लेता हूं...पर आपके मोलभाव करने के तरीकों से मुझे लगा कि,मुझसे ज्यादा आपको...इन पैसों की जरूरत है." इतना कहकर सब्जी वाला वहां से लौट गया.वह महिला अब भी वहीं खड़े हो कर उस पांच सौ रुपए के नोट को देख रही थी. ©SUNIL KUMAR VERMA मोल भाव
मोल भाव #प्रेरक
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