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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी तेवर नारी के देखो घर घर मे संस्कारो का दायरा सिमट गया कामकाजी ग्रहस्थी का बोझ औरतो को नॉकरानी सा लगने लगा अपनी निजी जिंदगी जीने का भूत उन पर चढ़ गया बन्धन सारे पीछे छूते ममता का आँचल सिकुड़ गया एक डोर से बाँधने का जिम्मा था जिस पर उसका संयम आधुनिकता के सामने डोल गया बुनियाद परिवार की धूमिल होती नारी का अपनापन, बदले की भावना में बह गया प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #mothers_day नारी का अपनापन,लालच की भवनाओं में बह गया
#mothers_day नारी का अपनापन,लालच की भवनाओं में बह गया
read moreKeshav pratap Kannaujia
White अगर हमें कोई गाली देता है या भला बुरा कहता है तो कहे,लेकिन हम उसे भला बुरा ना कहें। क्योंकि हीरे को हीरे से तरासा जा सकता है किंतु कीचड़ से कीचड़ को साफ़ नहीं किया जा सकता।। ©Keshav pratap Kannaujia #Thinking हीरे को हीरे से और कीचड़ को,,,,,,,,
#Thinking हीरे को हीरे से और कीचड़ को,,,,,,,,
read moreshalini jha
White जीवन का पन्ना पन्ना घटित क्षणों का अभिलेख मन की प्रतिलिपि अभिलाषाएं करती तन का अभिषेक स्वप्न छलावे संग हृदय का घटता बढ़ता आवेग सागर से गहरा प्रेम लिए लहराता भावों का उद्वेग चित्र उकेरे कल्पनाओं के इंद्रधनुषी रंग अनुभूति की बही त्रिवेणी डूब डूब सत संग ©shalini jha #जीवन का पन्ना पन्ना घटित क्षणों का अभिलेख मन की प्रतिलिपि अभिलाषाएं करती तन का अभिषेक स्वप्न छलावे संग हृदय का घटता बढ़ता आवेग
#जीवन का पन्ना पन्ना घटित क्षणों का अभिलेख मन की प्रतिलिपि अभिलाषाएं करती तन का अभिषेक स्वप्न छलावे संग हृदय का घटता बढ़ता आवेग
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी सियासतों के साथ हुआ खूब दंगल वायदे खूब परवान चढ़े दिल दिल्ली का उसने जीता डबल इंजन की सरकार का आगाज हुआ है खूब उछली इज्जत दिल्ली की चुनावो में मतों का विभाजन खूब हुआ जीरो सीट लाकर कांगेस इतराती केजू का बंटाहार हुआ है झाड़ू की सफाई के बाद कमल खिला मगर सदमा फ्री बिजली पानी और बसों का लगा है मेहमानबाजी में दिल्ली वन है पूरे भारत का दर्शन यहाँ होता है दिल्ली का दिल जीतने के लिये पूरा दामोदार नई सरकार की नीतियों पर टिका है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake डबल इंजन की सरकार का आगाज हुआ है
#delhiearthquake डबल इंजन की सरकार का आगाज हुआ है
read moreShayraa
"इत्र, मित्र, चित्र और चरित्र" ©Shayraa "इत्र ,मित्र, चित्र और चरित्र" #life_quotes #hindi_quotes
"इत्र ,मित्र, चित्र और चरित्र" #life_quotes #hindi_quotes
read moreVinod Mishra
"ये अंधविश्वास का जाता(पीसने वाली पत्थर की चक्की)नहीं, आस्था का तांता है." ©Vinod Mishra "ये अन्धविश्वास का जाता(पीसने वाली पत्थर की चक्की) नहीं,आस्था का तांता है."
"ये अन्धविश्वास का जाता(पीसने वाली पत्थर की चक्की) नहीं,आस्था का तांता है."
read moreAnand Kumar Jha
'मृत्यु का तमाशा देखो' पंच दिवस की ज़िंदगी में, पंच रत्न बन जाता हूँ , जब जीवित रहूँ, तो कौन पूछे मृत्यु हो, तो सब पूछे । स्वार्थ यदि समाया हो सब में , तो क्रूर सभी बन जाएंगे । मैंने देखा है उस राजपाट को , जो मैं शीघ्र ही छोड़ जाऊँगा । जो क्षणभंगुर है, वही सत्य है । माया के बंधन तोड़कर ही जीवन का सार मिलेगा , और आत्मा को शांति का द्वार मिलेगा ।। ©आनन्द कुमार झा #achievement मृत्यु का तमसा, सत्य की राह 🙂
#achievement मृत्यु का तमसा, सत्य की राह 🙂
read moreJeetal Shah
White दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा। साग-सब्जियों की बहार, और गरमा-गरम सूप का आनंद, सर्दियों की रातों में भी, दिल को गरम रखने का मौसम। क्रिसमस की धूम, और सांता क्लॉज़ की कहानी, एक्समास ट्री की सजावट, और चर्च में प्रार्थना की धुन। साल के अंत में, नए साल का स्वागत, 365 नए दिन, नए विचार, नए लक्ष्य, और नए सपने। भूल जाने को पुराने दिन, और नए साल की शुरुआत, नए संकल्पों के साथ, और नए जोश के साथ। दिसंबर की सर्दियों का जादू, हमें नए साल की ओर ले जाने का एक मौसम। ©Jeetal Shah #poem दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा।
#poem दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा।
read moreAshraf Fani
Unsplash एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में, जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्या क्या लगती हो ©Ashraf Fani एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्य
एक तराशे हुए हीरे की तरह लगती हो रात अंधियारी में जुगनू की तरह लगती हो होश में हूँ या की बेहोशी में जो भी हो ये क्या कहूँ तुम मुझे की और क्य
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