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Jyoti Agrahari
एक ज्योति पुंज सी बन जाऊँ ये नाम अमर अब मेरा हो , जग में आएँ तो कुछ करना है वो काम अमर अब मेरा हो। ज्योति
jyoti gurjar
हां हूं में, ज्योति सांवली-सांवली सी ,जरा बावली बावली सी , वो रंग पर बड़ा इतराती हैं, पर हमेशा अपनी मान मर्यादा को खोकर जाती हैं। समाज का नाम बढ़ाने की जगह, वो कुल को ही बदनाम कर जाती हैं। ©jyoti gurjar #ज्योति
Akber Hussain
Hindi SMS shayari *मेरा सफ़र* page-२ माँ का ध्यान जब मुझपे पूरा केंद्रित हुआ तो उसने मुझे काफी मेहनत करके मुझे BA,LLB तक की शिक्षा दी। मैं गलतियों का पुतला बन गया हूँ , अपने जीवन में मैंने प्यार करना चाहा था और उसे अपनाना चाहा था। लेकिन प्यार में असफल रहा किन्तु मैंने कोई गलती नही किया है। अपने दृष्टिकोण से। मेरी कहानी आज से लगभग 2008 में एक सैंथिया नामक स्थान से शुरू होता है तब मैं महज केलव 10/11 साल का हुआ करता था तब पहली बार किसी लड़की को मैं पसंद आया था उसने मुझे purpose की थी पहली बार जब किसी ने इजहार किया तो मैंने भी उसे हां कर दिया तब मेरे पास फोन नही था, तो उसने मुझे एक चिट्ठी दी थी। 1 या 2दिन बाद उसकी बहन बेटी रुपाली ने कहा पऑयल ने उस खत का जवाब मांगा था तो 1 दिन बाद फिर मैंने भी है में उत्तर दे दिया।। continue in page3 #NojotoQuote मेरा सफ़र खण्ड-2
Shaunak ji
एक अजनबी अचानक मुझे देख मुस्कुराने लगी। मैने भी हल्की-सी मुस्कान अपने होठों पर प्रदर्शित की मैं थोडा सा संकोच करता हुआ आगे बढ़ा,और धीरे से उसके पास गया। मैने बड़े स्नेह से उससे कहा-हे देवी!तुम कौन हो ।ऐसा क्या प्रतीत हुआ जो मुझे देख कर यूँ मुस्कुरा रही हो। उसने बड़े प्रेम से उत्तर दिया-मैं तुम्हारी सहपाठी रह चुकी हूँ तुम मुझे भूल गये हो शायद किन्तु मुझे आज भी याद है ये घबराई हूई निगाहें,ये मुलायम खिलखिलाते केश और यूँ सहमा हुआ चेहरा तुम वही हो ना रौनक जो लडकियों से बात करते हुए शर्माता था मैं-हाँ ,मैं वही हूँ परंतु हे देवी आप भी अपना परिचय दीजिए । मैं वही हूँ जो तुम्हारा गृह लेखन कार्य करती थी ।तुम्हें गणित अध्यापक से बचाती थी। अब भी नहीं पहचाना? रौनक:-ह्ह्ह्म्म्म्ं नननही। रीया:- अरे बुद्धू! मैं हूँ रीया ।रीया रॉय । रौनक:-ओहो !रीया तुम तो बिल्कुल अप्शरा लग रही हो______ यहाँ से आरंभ होती है रीया रौनक की कहानी ।। ©Sho Sahab मित्रता खण्ड 1 #drowning
नित्यानंद गुप्ता
विषय और भोग को तुम विष्टा के समान समझों। - योग वशिष्ठ महारामायण ज्ञान ज्योति।