Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ख़त्म १२५ प्राइस Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ख़त्म १२५ प्राइस from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ख़त्म १२५ प्राइस.

SAAHIL KUMAR

ख़त्म ही सही

read more
White मैं डुबा रहा उस नशे में जहां बर्दाश्त की हदें खत्म हो गई जाना चाहा उन्हीं रास्तों पर जहां हसरतें खुद को गुमनाम करने की हो गई मैं भी शायद लुट गया इतना की सब की ज़रूरतें खत्म हो गई

©SAAHIL KUMAR ख़त्म ही सही

Lotus Mali

अल्फांजो की ज़ुबानी जहाँपे ख़त्म हो वह मकाम ही रुहोंका जगत हैं। ©Lotus Mali 🪷

read more
अल्फांजो की ज़ुबानी
जहाँपे ख़त्म हो
वह मकाम ही
रुहोंका जगत हैं।

©Lotus Mali अल्फांजो की ज़ुबानी
जहाँपे ख़त्म हो
वह मकाम ही
रुहोंका जगत हैं।
©Lotus Mali 🪷

Shiv Narayan Saxena

#Sad_Status ख़त्म शीत का खौफ . . . poetry in hindi

read more
White धूप ताप बढ़ने लगे, समय - समय की बात। 
  सब  अलावा  ठंडे पड़े, ज्यौं घमंड घट जात।। 

धूप  ताप  बढ़ने  लगे, नये सृजन के  'शौक'। 
दुर्दिन आलस के लदे, ख़त्म शीत का खौफ।।

©Shiv Narayan Saxena #Sad_Status ख़त्म शीत का खौफ . . .  poetry in hindi

tripathi

#Sad_Status के ख़त्म हो रहा है सिलसिला मेरी और उसकी बातों का आहिस्ता आहिस्ता

read more
White के ख़त्म हो रहा है सिलसिला मेरी और उसकी बातों का आहिस्ता आहिस्ता

©Rishu singh #Sad_Status के ख़त्म हो रहा है सिलसिला मेरी और उसकी बातों का आहिस्ता आहिस्ता

dilkibaatwithamit

हमारे बीच नफ़रत की कोई दीवार न करते यहीं इक काम तो बस अपने चोकीदार न करते हमारा देश होता चीन से जापान से आगे सियासी लोग जो धर्मों का

read more
हमारे बीच  नफ़रत की कोई दीवार न करते
यहीं इक काम तो बस अपने चोकीदार न करते

हमारा देश  होता  चीन  से जापान  से  आगे
सियासी लोग जो धर्मों का कारोबार न करते

गरीबी  बेशसी  बे रोजगारी  ख़त्म  हो जाती 
धर्म के  नाम  पे नेता  जो भ्रष्टाचार  न करते 

वतन में उन्नती  होती मियां हर बार से ज़्यादा 
वतन का होशला जो पस्त कुछ गद्दार न करते

सियासी  आदमी कब का इसे  बर्बाद  कर  देतें
अगर हम जान से ज़्यादा वतन से प्यार न करते

गुलामी में ही रहता देश गर हिन्दू-मुस्लिमा सब 
कभी अपनी दर्राती को अगर तलवार न करते
.... अनवर क़ुरैशी
#26January
#26January2025

©dilkibaatwithamit हमारे बीच  नफ़रत की कोई दीवार न करते
यहीं इक काम तो बस अपने चोकीदार न करते

हमारा देश  होता  चीन  से जापान  से  आगे
सियासी लोग जो धर्मों का

VEER NIRVEL

अच्छा वक़्त बहुत देर नहीं रुकता, फ़ोटोग्राफ़र के ओके कहते ही मुस्कुराहट ख़त्म हो जाती है..!! #Veer_ki_Shayari

read more
अच्छा वक़्त बहुत देर नहीं रुकता,
फ़ोटोग्राफ़र के ओके कहते ही 
मुस्कुराहट ख़त्म हो जाती है..!!
#Veer_Ki_Shayari

©VEER NIRVEL अच्छा वक़्त बहुत देर नहीं रुकता,
फ़ोटोग्राफ़र के ओके कहते ही मुस्कुराहट ख़त्म हो जाती है..!!
#Veer_Ki_Shayari

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हम कह नहीं रहे तो ये बात अलग है, तुम बिन सुने ही समझ जाओ हम उसके इंतेज़ार में हैं। हर घड़ी में तुम ही तो हो, ये दिल मानता भी नह

read more
White हम कह नहीं रहे तो ये बात अलग है,
तुम बिन सुने ही समझ जाओ हम उसके इंतेज़ार में हैं।
हर घड़ी में तुम ही तो हो, ये दिल मानता नहीं है,
तुम आए ना आए, पर उम्मीदें ख़त्म नहीं हैं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
हम कह नहीं रहे तो ये बात अलग है,
तुम बिन सुने ही समझ जाओ हम उसके इंतेज़ार में हैं।
हर घड़ी में तुम ही तो हो, ये दिल मानता भी नह

Chaurasiya4386

दिसंबर की सर्द शाम, इस साल का ख़त्म होना और तुम्हारा आना सच कहें तो जाड़ों के मौसम में धूप का आना सा लगा… मेरी शायरी में.

read more
Unsplash     दिसंबर की सर्द शाम ...
                इस साल का ख़त्म होना ...
                  
                 और 



तुम्हारा आना सच कहें तो जाड़ों के
 मौसम में धूप का आना सा लगा… 

मेरी शायरी में...
तुम थे, तुम हो, तुम ही रहोगे ...❤️💔

©Chaurasiya4386  #दिसंबर  की #सर्द  शाम, 
 इस साल का ख़त्म होना और 
#तुम्हारा  आना सच कहें तो #जाड़ों  के #मौसम  में #धूप का आना सा लगा… 

मेरी #शायरी  में.

Lotus Mali

#sad_quotes "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो

read more
White "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी
और मेरे मन का पंछी अभी भी

किसकी राह पर निघाए लिए
इंतजार कर रहा था 

मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो 
कभी उस टहन्नी पर घुमा 

शाम तो शाम ढल गई कबकी 
मगर इंतजार अभितक ख़त्म नहीं हुवा।"

-LotusMali
https://lotusshayari.blogspot.com/

©Lotus Mali #sad_quotes 
"शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी
और मेरे मन का पंछी अभी भी

किसकी राह पर निघाए लिए
इंतजार कर रहा था 

मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile