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चलो हम सब परम पद की ओर चले..... #Life #विचार

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अधम रिश्तो को त्याग  कर
भव से दूर चले 
चलो हम सब परम पद की ओर चले......
उमंग में मगन हूं 
भव की मुधा बातों को दान सील कर बैठा हूं
सब को पुलीन कर चले 
चलो हम सब परम पद की ओर चले.....
इस निहार से भव सागर को
गृहमणी नैया से पार कर चले 
चलो हम सब परम पद की ओर चले.....
इस विप्र में परमपद के पद पर हçजारों उदम होगे 
इन सब को अपनी हल्का मे रंगते चले 
चलो हम सब परम पद की ओर चले.....।
:-its_str_official चलो हम सब परम पद की ओर चले.....
#life

लेखक ओझा

परम स्वरूप है #Quotes

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Vipin Dilwarya

मृत्यु परम सत्य है । #Quote

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मृत्यु का रहस्य कोई नहीं समझ पाया है
मृत्यु क्या है इसे कौन बतलाएगा 
मृत्यु परम सत्य है
इसे कौन जुठलाएगा... 

                                               __ विपिन दिलवारिया मृत्यु परम सत्य है ।

Upendra Sharma

सेवा ही परम धर्म है #astrologynormal

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SONUANGEL143

दूसरों की गलतियों को नज़र अंदाज़ करते हुए, अपने परम पद पर अग्रसर होना है और प्रभू में विलीन होना है! #sonuthestoryteller #storytellersonu#कहानी #सोनूकीकहानियां

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Raviraaj

Ravikesh Kumar Singh

Sanjay Sharma Saras

पद #कविता

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मना किया था कि मान जाओ दो-चार बूंदों की ही कमी है,
भरा घड़ा है जो पाप करके , नियम है कि फूटकर रहेगा।

©® संजय शर्मा 'सरस' पद

SK Poetic

पद से ज्यादा प्रमुख है कर्तव्य #Butterfly #विचार

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मेरे पिताजी हमेशा मुझसे कहते हैं कि बेटा इंसान के लिए सबसे प्रमुख है उसका कर्तव्य। जीवन में पवित्रता व प्रमाणिकता से बढ़कर कुछ भी नहीं है।अगर कोई मनुष्य किसी पद को ग्रहण करता है तो उसे पद ग्रहण करने से पूर्व यह सोच लेना चाहिए कि मैं उसे सफलतापूर्वक निभा सकूंगा या नहीं या मैं जिस संस्था में पद ग्रहण कर रहा हूं उस संस्था की अनियमितताएं देखकर भी प्रतिष्ठावश या लोभवश उस पद पर जमा रहूंगा।
                       मैं जब भी इस बात पर अमल करता हूं तो मुझे भगवान बुद्ध के वह वचन याद आते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि : -
               बुद्धम शरणम गच्छामि
               धर्मं शरणं गच्छामि
                संघम शरणम गच्छामि
अर्थात भगवान बुद्ध कहते हैं कि सबसे पहले मेरी शरण में आओ,फिर धर्म की शरण में आओ,और अंत में संघ की शरण में आओ ।
बुद्ध का ये मानना था कि अगर आपने ये तीनों कार्य कर लिए तो जीवन में कभी भी आपको मेरी जरूरत नहीं पड़ेगी । मैं भी अपने मन में यही चाहता हूं कि मैं नियम की शरण में पहुंचकर धीरे-धीरे हर चीज करके उसे सौंप दूं जो मेरे बाद उसे सही ढंग से संभालने वह सवारने में सक्षम हो।
                        यह समय मेरे लिए आत्ममंथन का समय है, इसलिए हर कार्य का आत्ममंथन और अपने अनुभव की कसौटी पर खड़ा होकर रहा हूं और अपने पूर्वजों तथा परम पिता परमेश्वर से अंतरमन की गहराइयों से सोच कर कुछ दिन, माह या वर्ष में निष्ठा पूर्वक सब कुछ सौप देने की पवित्र भावना रखता हूं।
    मैं धर्म के प्रति दृढ़ रहूं,कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहूं ।
                 मुझे यह कहने में काफी गौरवान्वित होता है कि मैं अपने पिता के अनुरूप बनना चाहता हूं। परम पिता परमेश्वर से यही प्रार्थना है कि वह मुझे शक्ति प्रदान करें।

©S Talks with Shubham Kumar पद से ज्यादा प्रमुख है कर्तव्य

#Butterfly

Ashwini Mengane

पद पद लगता नारी का ही सहारा...

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  पद पद लगता नारी का ही सहारा...
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