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Hariom Shrivastava
White - कुछ दोहे - शीर्षक- "करुणा" ------------------------------------------ 1- करुणा है अवधारणा, करुणा जीवन सार। सब धर्मों का मानिए, करुणा ही आधार।। 2- जहाँ नहीं करुणा दया, प्रेम और सहयोग। खतरनाक ऐसी जगह, और वहाँ के लोग।। 3- नारी है नारायणी, इसके रूप अनेक। प्रेम क्षमा करुणा दया, जिसमें बुद्धि-विवेक।। 4- पीर परायी जानना, करुणा का अभिप्राय। करुणा प्रेरक शांति की, संतों की यह राय।। 5- करुणा से संबद्ध हैं, दया अहिंसा शांति। यह करती निर्मल हृदय, मेटे मन की भ्रांति।। - हरिओम श्रीवास्तव - भोपाल, म.प्र. ©Hariom Shrivastava #Sad_Status हिंदी कविता हिंदी कविता
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read morePinky Mishra
White जब मिलते हैं फुर्सत के कुछ पल याद आते हैं बीते लम्हों के वे कल कुछ खुशियां थी कुछ थे गम आज याद करके रोते और हंसते हैं हम समय तो बदल जाता है पर जख्म कुछ यूं रह जाते हैं जिन्हें सिसकियां भरकर हम हर गम को भुलाते हैं कुछ पुरानी दास्तान कहीं नहीं जाती जितना हमने सहा आज के जमाने में उतना सहा नहीं जाता समय बदलता है बदल लो खुद को भी समय के हिसाब से आए थे इस जहां में अकेले जाएंगे भी अकेले बस गम को जीने का जरिया बना और जितनी हो सके खुशियां लूटते रहो क्योंकि गम तो सिर्फ तुम्हारे हैं और यह तुम्हारे साथ ही जाएंगे दे सकते हो तो इस जहां को खुशियां ही दो ©Pinky Mishra #love_shayari प्रेरणादायी कविता हिंदी
#love_shayari प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreWriter L B Yadav
White काफी बातें हो चुकी प्यार औ इश्क़ इबादत की आज कर लेते हैं ना बच्चों वाली शरारत की बालदिवस के एक दिन पहले एक बच्चे का अवतरण हुआ जो बिस्तर पे पड़ा अंगूठे को मुंह पे लगाया हुआ नन्हें नन्हें पदों से चलने की चाहत करता गिरता उठने की हिम्मत नहीं तो चिल्लाकर रोने लगता मां आती, सहलाती, दूध पिलाती और सुला देती पिता आता, गाल किस करता फिर काम पे जाता चाचू आए मारके रुलाए बुआ फिर चुप कराए दादी का क्या मालिश करे और दुलार लुटाए बाबाजी से तुतलाए एक भी बात समझ न आए फिर भी हा हूं करके सिर हिलाएं हाथ पकड़ नचाए ©Writer L B Yadav #flowers प्रेम कविता हिंदी कविता
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read moreHariom Shrivastava
White - बुंदेली में कुण्डलिया- ------------------------------------------- सोकें उठ गय देव अब, होन लगे हैं ब्याव। करो बरातें ठाट सै, खूब पंगतें खाव।। खूब पंगतें खाव, लुचइँ रबड़ी रसगुल्ला। ढोल नगाड़े बैंड, और बजनें रमतुल्ला।। क्वाँरिन के अब ब्याव, सबइ के रेंहैं होकें। चौमासिन के बाद, देव उठ गय हैं सोकें।। - हरिओम श्रीवास्तव - भोपाल, म.प्र. ©Hariom Shrivastava #Ganesh_chaturthi हिंदी कविता हिंदी कविता
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read moreDr. Bhagwan Sahay Meena
White विधाता की अदालत में वकालत बड़ी न्यारी है... शांत रहिए, कर्म कीजिए, सबका मुकदमा जारी है... ©Dr. Bhagwan Sahay Meena #love_shayari प्रेरणादायी कविता हिंदी
#love_shayari प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreWriter Mamta Ambedkar
स्त्री जीवन एक पर्ची पर लिखा था "अस्तित्व" मैंने मां को लिख दिया..! दूसरी पर्ची पर लिखा था "व्यक्तित्व" मैंने पिता को लिखा दिया..! तीसरी पर्ची पर लिखा था "कीमत" मैंने घर को लिख दिया..! चौथी पर्ची कुछ द्वंद्व से भरी थी "संघर्ष" मैंने आईना लिख दिया..! आखिरी पर्ची पर लिखा था "फ़ैसला" मैंने स्त्री लिख दिया..! ©Writer Mamta Ambedkar #chaandsifarish प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता देशभक्ति कविताएँ प्यार पर कविता हिंदी कविता
#chaandsifarish प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता देशभक्ति कविताएँ प्यार पर कविता हिंदी कविता
read moreBenZil (बैंज़िल)
White जीवन का रण ©BenZil (बैंज़िल) हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता देशभक्ति कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी
हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता देशभक्ति कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreHariom Shrivastava
शुभ धनतेरस - कुण्डलिया - धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार। मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।। घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन। इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।। खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस। मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।। -हरिओमश्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava #Dhanteras हिंदी कविता हिंदी कविता
#Dhanteras हिंदी कविता हिंदी कविता
read moreHariom Shrivastava
White करवा चौथ की शुभकामनाएँ तथा एक कुण्डलिया - व्रत में करवा चौथ के, त्याग समर्पण प्रेम। माँगे जीवनसंगिनी, पति का मंगल क्षेम।। पति का मंगल क्षेम, रहे खुशहाली आए। सुंदर महँगी गिफ्ट, शाम को पति दिलवाए।। लड्डू दोनों हाथ, उँगलियाँ पाँचों घृत में। बढ़े परस्पर प्रेम, चौथ करवा के व्रत में।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava #karwachouth कविता हिंदी कविता
#karwachouth कविता हिंदी कविता
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