Find the Best काविता Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos abouthindi कविता, आई कविता, कविता लिखना, http //कविता, कविता हू,
Rakesh Kumar Das
काश, मैं कभी बड़ा न हुआ होता काश, मैं कभी बड़ा न हुआ होता, माता के आँचल में ही सोया रहता। ये जिम्मेदारियों की गठरी, ये मेरी परेशानियाँ। हर पल इधर- उधर भटकना, कुछ पाना और कुछ पाकर खो देना । एक पल का भी सुकून नहीं रह गया, समय के साथ - साथ सबकुछ बदल सा गया । काश, मैं कभी बड़ा न हुआ होता, सुबह , दोपहर, शाम और रात यही क्रम चलता रहा। अपने आप में मैं इतना खोता गया , न समय का पता चला, न उम्र का। दर्पण ने मेरी हकीकत दिखा दिया , हर पल एक नई पहेली है। कहीं कुआँ तो कहीं खाई है, कभी दुख, तो कभी सुख , ये जीवन की परछाई है। यही जीवन की सच्चाई है। काश, मैं कभी न बड़ा हुआ होता। ©Rakesh Kumar Das #हिन्दीकविता #काविता
IG @kavi_neetesh
Happy Holi 💐💐 *होली हास्य* 💐💐 गब्बर ने पूछा सांबा से अरे ओ....रे सांबा ये होली कब है रे ? सांबा ने अपने कंधे से बंदूक नीचे उतारी , गब्बर थोड़ा ड़र गया वह कुछ पीछे हट गया , सांबा तनिक मुस्कराया थोड़ा गब्बर के करीब आया, सांबा ने गब्बर की जेब से खेनी की थैली निकाली, हाथ में खेनी ले उसकी एक फांकी मारी । फिर सांबा बोला-- सरदार इस बार होली का मेला नहीं लगेगा, और ना ही मनेगा पहले जैसा इस बार होली का त्यौहार। गब्बर दहाड़ कर बोला.... क्या रामगढ वालों की आई है सामत जो बुला रहे हैं गब्बर जैसी आफत, अरे पचास पचास कोस दूर तक किसी बच्चे के रोने की आवाज आती है तो रोते हुऐ बच्चों को उनकी मां गब्बर के नाम से सुलाती है , सांबा ने गब्बर की बात को बीच में ही काट दिया, और गब्बर को यह समाचार सुना दिया , के होली पर इस बार गांव शहरों में कोरोना आया है, वह तुमसे भी ज्यादा खतरनाक और क्रूर है , पचास पचास कोस दूर तो क्या उसने सारी दुनिया में लाखों को मौत की नींद सुला दिया है । औरों को ड़राने वाला गब्बर खुद हद से ज्यादा ड़र गया ड़र के मारे गब्बर का चेहरा हल्दी सा पीला पड़ गया, सांबा निश्चिंत होकर बेबाक बोल रहा था, और गब्बर को इस बार की होली के नियम बता रहा था । कह रहा था वह गब्बर से के इस बार न तुम ठाकुर के कटे हुऐ हाथों की बेबसी पर , कोई ठहाके लगा पाओगे और ना ही गांव वालों संग खुन की होली खेल पाओगे। सरकारी कोरोना प्रोटोकोल के तहत इस बार होली खेली जाऐगी, ना होली का मेला भरेगा ना बसंती वीरू संग नाच पाऐगी, सबके मुंह पर मास्क बंधा होगा और दूर से ही गुलाल उड़ाई जाऐगी व एक दूसरे को होली की इस बार केवल शुभकामनाऐं ही दी जाऐंगी। परन्तु यह मेरा भारत देश है जहाँ पर संकटकाल में भी हम देशवासी उमंगें ढूंढ लाएंगे, कोरोना महामारी है तो क्या हुआ होली के इस पावन दिन पर हम कोरोना पर भी गीत गाएंगे । पुरूषोत्तम शाकद्वीपी उदयपुर राजस्थान ©kavi neetesh #काविता ०#हिंदी #कलम #holi2021
Nidhi Tiwari
प्रेम, एक भाव है, एहसास है, सरल, सुहृद की पहचान खास है। बुझते दिये के लिए, हाथ लगाकर बची हुई, उस लौ का परिणाम है। सहयोग है, खुशी है, उम्मीदों की ये दुनिया नहीं है। सबकुछ नहीं है जीवन के लिए, जीवन के कुछ हिस्से में ये आवश्यक है प्रेम जीवित होने की पहचान है, जिसे प्रेम नहीं, लगभग मर ही चुका वो इंसान है। .....nidhi #प्रेम #काविता #meltingdown
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited