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Nir@j
अपने सीनियर्स के साथ बहुत कुछ सहना पड़ता है। कभी कभी तो यार मुँह बंद करके रहना पड़ता है।। लेक़िन मैं सहने वाले में से नहीं हूं, हां अगर सीमा दायरे में हो तो चलता है और ये बात सिर्फ़ कॉलेज के सीनियर्स के लिए बोल रहा हूँ जो मदद कम और
JALAJ KUMAR RATHOUR
तेरी-मेरी बात हॉस्टल मे वो हमारी पहली मुलाकात, मस्ती और मजाक जो किये थे बिहारी दोस्तो के साथ, कितनी यादों से भरी होती थी वो सुबह तक जागने वाली रात, वो भाभी कहकर NST को चिढाना, सीनियर्स को आवाज़ों से चिढाना, मम्मी के हाथो का खाना, और रात भर बैठ कर पेपर आउट करना जूनियर्स को हैंडल करने की प्रैक्टिस करवाना, सुबह सुबह खेत पर तेरा ,सबको ले जाना, श्वेत नगर में सेवा को जाना, सुमन भाई को स्पेशली जगाना, एनसीसी को बीच में छोड़ना, छत पर सबको ले जाकर सुलाना, पंडितो को स****गी बनाना , सब याद आता है, भाई तेरा साथ बड़ा सताता है, शुक्रिया यार हमारी जिंदगी में आने के लिए , हॉस्टल की लाइफ को और हसीन बनने के लिए, जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ मेरे भाई वैभव श्रीवास्तव .....#जलज हॉस्टल मे वो हमारी पहली मुलाकात, मस्ती और मजाक जो किये थे बिहारी दोस्तो के साथ, कितनी यादों से भरी होती थी वो सुबह तक जागने वाली रात, वो भाभ
JALAJ KUMAR RATHOUR
आज-कल हॉस्टल मे वो हमारी पहली मुलाकात, मस्ती और मजाक जो किये थे बिहारी दोस्तो के साथ, कितनी यादों से भरी होती थी वो सुबह तक जागने वाली रात, सीनियर्स को आवाज़ों से चिढाना, और रात भर बैठ कर पेपर आउट करवाना जूनियर्स को हैंडल करने की प्रैक्टिस करना सुबह सुबह तेरा ,खेत पर जाना, भंडारों का स्कोर बड़ाना ,छत पर सबको ले जाकर सुलाना, सर्द रातों को धुएं में उड़ाना,मेरी नमकीन और मिठाई को ,चुपके से साफ कर जाना, बलिया बाली को राहुल अभी है नहीं कहकर सताना" तुझे पद्मावत देखने के लिए उकसाना, सब याद आता है,यार तेरा साथ बड़ा सताता है, शुक्रिया तेरा मेरे सेमीबिहारी भतीजे है, हमारी जिंदगी में आने के लिए , हॉस्टल की लाइफ को और हसीन बनने के लिए, जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ मेरे दोस्त राहुल राजपूत उर्फ यादव "बागी बलिया वाले" हॉस्टल मे वो हमारी पहली मुलाकात, मस्ती और मजाक जो किये थे बिहारी दोस्तो के साथ, कितनी यादों से भरी होती थी वो सुबह तक जागने वाली रात, सीनियर
Yaminee Suryaja
फेसबुक दोस्त (भाग 2) (कहानी अनुशीर्षक में पढ़ें) ©Yaminee Suryaja फेसबुक दोस्त (भाग 2) आज जब मैंने इंग्लिश डिबेट कम्पटीशन में एक्स्ट्रा डिटेल्स सर्च करने के लिए अपने फ़ोन में इंटरनेट ऑन किया तो एफ बी नोटिफि
JALAJ KUMAR RATHOUR
सास्वत सरन, ऑटोमोबाइल इंजीनियर, कैप्टन,पडोसी रूमी,NRB, वोल्वो और टाटा हिटाची वाला 🤣,मुझे वादा करने वाला😂, और हमारी सारी खबरो का साझेदार, ठेठ लाला, और छत वाली महफ़िल की शान ,और शक्ल से सीधा दिखने वाला शख़्स कितना कमीना है ये हम हॉस्टल वाले ही जानते है अपनी बातो से मोटीवेट करने वाला,ये शक्स भले ही आज हम से मीलों दूर है, मगर सच मे यार तू हमेशा हमारे करीब रहेगा,सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढ! कर, शुक्ला को एक नयी मौसी देकर, और ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा ,माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया तेरा यार हमारी जिंदगी मे आने के लिए, मेर, पेड़े,ठेकुए खिलाने के लिए और हमारे तीन सालो की इस गाड़ी को ढकेलने के लिए, शुक्रिया यार और कोरोना के बाद मिलते है 🤣फिर से भोपाल में और इस बार कालाखट्टा नहीं पार्टी चाहिए भाई😂 जन्म दिन मुबारक मेरे दोस्त सास्वत सरन ..................जलज कुमार राठौर ©JALAJ KUMAR RATHOUR सास्वत सरन, ऑटोमोबाइल इंजीनियर, कैप्टन,पडोसी रूमी,NRB, वोल्वो और टाटा हिटाची वाला 🤣,मुझे वादा करने वाला😂, और हमारी सारी खबरो का साझेदार, ठेठ
JALAJ KUMAR RATHOUR
खट्टी-मीठी ज़िंदगी प्रेम, ये वो वाला प्रेम नही है ये हमारे हॉस्टल का प्रेम है, बिहार के जहानाबाद का प्रेम है, गुड्स फ्रेन्ड का प्रेम है हमारे रूम के पड़ोस वाला प्रेम है, ये हमारे क्लास वाला प्रेम है,ये शक्ल से सीधा दिखने वाला शख़्स कितना कमीना है ये हम हॉस्टल वाले ही जानते है अपनी बातो से मोटीवेट करने वाला ये इलेक्ट्रिकल इंजीनियर भले ही आज हम से मीलों दूर है, मगर सच मे यार तू हमेशा हमारे करीब रहेगा,सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढ! कर, शुक्ला को एक नयी मौसी देकर, और ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया तेरा यार हमारी जिंदगी मे आने के लिए, पेड़े,ठेकुए खिलाने के लिए मुझे इटावा का चोर कहने के लिए, मधु जी का ख्याल रखने के लिए, हमारी बकचोदियो को झेलने के लिए, और हमारे तीन सालो की इस गाड़ी को ढकेलने के लिए शुक्रिया यार जन्म दिन मुबारक मेरे दोस्त प्रेम सत्संगी .जलज कुमार राठौर प्रेम, ये वो वाला प्रेम नही है ये हमारे हॉस्टल का प्रेम है, बिहार के जहानाबाद का प्रेम है, गुड्स फ्रेन्ड का प्रेम है हमारे रूम के पड़ोस वा
JALAJ KUMAR RATHOUR
भास्कर सैनी, ऑटोमोबाइल इंजीनियर,TVSian,एक्स -अंडर 18, हॉस्टल का सरदार, सदर बाजार की शान, हमारा ये दोस्त आज हमसे दूर है बचपन और बचपना तेरे अंदर कितना था,मुलाकातें तो बहुत हुई थी तुझे तेरा रूम न. 33 में New Year वाला dare,यूँ तेरा हॉस्टल में भंडार घर के लिए सब को बुलाना, डेयरी जाने के लिए सभी को मोटीवेट करना , हॉस्टल की छतों पर बेबाक दौड़ना , और भी बहुत जो अब सिर्फ यादे हैं सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढा कर, और ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा ,माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया यार हमारी यादों की गुल्लक में हमारी नादानियों के हसींन सिक्के डालने के लिए, शुक्रिया हमारे GPL में मजबूत दावेदार बनने के लिए, शुक्रिया यार हमारे हॉस्टल वाले दिनों को यादगार बनाने के लिए,उम्मीद है तुझे तेरी मंजिल जल्द ही मिलेगी बस तू यूँ ही हँसता और मुस्कराता रह और लोगो को हंसाता रह जन्म दिन मुबारक भास्कर सैनी भाई .... #जलज कुमार भास्कर सैनी, ऑटोमोबाइल इंजीनियर,TVSian,एक्स -अंडर 18, हॉस्टल का सरदार, सदर बाजार की शान, हमारा ये दोस्त आज हमसे दूर है बचपन और बचपना तेरे
JALAJ KUMAR RATHOUR
कॉलेज का पहला दिन था।प्रार्थना के बाद सभी लोग टाइम टेबल देखने पहुंच गए ।इंजीनियरिंग की पहली क्लास थी वो हमारी।जब सब्जेक्ट्स के नाम के आगे देख रहा था तो उनके नीचे ही टीचर्स के नाम भी लिखे हुए थे। Applied Math-MRK ,Applied Physics- AKS जूनियर्स में किसी को भी AKS का फुलफॉर्म नहीं पता था इस लिए हम सभी लोगो ने इसको अक्स पढ़ना शुरूकर दिया।मैथ की क्लास के बाद जब फिजिक्स की क्लास आई तो अक्स सर से हम सभी पहली बार रूबरू हुए थे।सीनियर्स के द्धारा बनाया गया खौफ बिलकुल सच सा लग रहा था।पहली ही क्लास में तेजतर्रार अंग्रेजी ने इतना तो समझा दिया था की शायद रिमेडियल ही बाकी इस सब्जेक्ट में।सर का मैग्नेटिजम और मैग्नेटाइज में अंतर करना हमारे लिए बहुत बड़ा टास्क हुआ करता था।संपूर्ण CA में 2-3 नंबर ही हर कोई पाता था।धीरे धीरे हम सर को समझने लगे। उनका हंसना और गुस्सा करना दोनो सीमित थे।परंतु वक्त के साथ हमारे लिए उनका प्रेम असीमित हो गया था।इसका प्रमुख उदाहरण था किसी भी बच्चे का उस विषय में रिमीडियल ना लगना।हम लोग डिप्लोमा के द्वितीय वर्ष में आ गए थे। उस दिन हमारे दोस्त आदर्श ने हमे बताया था कि सर का पूरा नाम आनंद कुमार शर्मा है और वो भी एक हॉस्टलर थे जो कमरा न. 38 में रह चुके हैं।उस समय के बाद जब भी सर को पढ़ाता हुए देखते तो खुद पर गर्व करते थे कि एक अरसे पहले हम भी इनके विद्यार्थी थे।मुझे आज भी याद है मेरी आपसे आखिरी मुलाकात फेयरवेल के दिन हुई थी।जब मैं कविता में "अक्स सर की फिजिक्स ने हमको बहुत डराया था,मैग्नेटिज्म और मैग्नेटाइज का अंतर हमे समझ न आया था" वाली पंक्ति पढ़ी थी।आपकी वो मुस्कान मेरे ह्रदय में आज भी है। आज जब आपके पंचतत्व में विलीन होने की खबर सुनी तो मन ठहर सा गया।मन में वो सब किस्से उमड़ गए जो आपसे जुड़े हुए हुए थे।कई यादें हैं जो अब सिर्फ याद ही हैं।आपका जाना हम विद्यार्थियों और सम्पूर्ण कॉलेज के लिए एक क्षति है जो शायद कभी पूर्ण ना हो पाएगी।आप सदैव याद आओगे सर ,अलविदा!आपका आज्ञाकारी भूतपूर्व शिष्य ...#जलज कुमार ©JALAJ KUMAR RATHOUR कॉलेज का पहला दिन था।प्रार्थना के बाद सभी लोग टाइम टेबल देखने पहुंच गए ।इंजीनियरिंग की पहली क्लास थी वो हमारी।जब सब्जेक्ट्स के नाम के आगे दे
Kulbhushan Arora
From 66 to 6 Hello बचपन, मुझे अच्छे से याद है बचपन में जब तुम सर्दियों को छुट्टियों में शिमला से सोनीपत नानी के घर आते थे न, अक्सर तुम्हें खो जाने की आदत