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Sanjana Hada
Autumn इश्क - इश्क सी लड़की Miss Hada..🌺🌺 ************************* इस डिजिटल युग में साहित्य से प्रेम करने वाली मैं, इंस्टाग्राम के जमाने में कविताएं लिखने वालीं मैं, वेस्टर्न के जमाने में बिल्कुल सलवार सूट जैसी मैं, New गानों से कोसों दूर भागने वालीं मैं हमेशा सदाबहार गाने सुनने वाली मैं, न कोई Message न कोई Video call मुझे पसंद है Face to Face बातें करना , मुझे आता नहीं बातें बनाना मुझे तो बस अब स्वयं को है जानना , आता नहीं मुझे कोई षड्यंत्र मैं तो चाहती हूं बस अब स्वयं पर नियंत्रण, मैं हर परिस्थिति में भी पन्नों पर प्रेम बिखेरना चाहती हूं मैं अपने व्यक्तित्व को शब्दों से निखारना चाहती हूं, हां मैं स्वयं से इश्क करना चाहती हूं...🌺 ©Sanjana Hada #autumn मैं
#autumn मैं
read moreअभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
White नौकरी बजानी होती है सहाब, झोला उठाकर निकल जाता हूं लौट आता निस्तेज मै क्या करूं, पेट बडा हो गया है मेरा सब डकार जाता है रद्दी हो या बेकार, नौकरी बजानी होती है सहाब पकने लगे है अब बाल मेरे , सब पता है फिर भी चलायमान तन मन, रूकता कहां है थमता कहां है हा ठिकाना भी जानता हूं साठ के बाद का वही पिछले का पुराना पलंग , गंदी तकिया और वो अंतिम पथ का प्रथम कोना। हास्यपद है फिर भी नौकरी बजानी पडती है सहाब। ©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज नौकरी बजानी होती है सहाब
नौकरी बजानी होती है सहाब
read moreShayrana Sunayana
दूसरों के हिसाब से चल रही होती तो मेरी किताब कोरी होती मनमर्जियां, बेबाकियाँ,उसकी चाहत अधूरी होती Su👁️
read moreBanarasi..
Unsplash गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप का आशियां होता। गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। ©Banarasi.. #lovelife गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप क
#lovelife गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप क
read moreShiv Narayan Saxena
White संकल्प यदि शुभ है संघर्ष में जोश उबाल खा जाता है। घोर घना तम चीर के जुगनू विजय का दीप जलाता है।। रोक सकीं क्या उसे ऑंधियॉं तूफ़ानों से लड़ता जो टकराकर तट से तूफ़ां का चूर घमंड हो जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #sad_qoute संकल्प यदि शुभ हैं..... poetry in hindi
#sad_qoute संकल्प यदि शुभ हैं..... poetry in hindi
read moreबेजुबान शायर shivkumar
तुम्हारी हर एक सहमति / या " असहमति " का मैं मान करना जनता हूं, तुम्हारे घर के मान का स्वाभिमान का भी सम्मान करना जनता हूं, मैं जानता हूं की तुम्हारा ये प्रेम है किसी पर ये थोपा नहीं जा सकता इसलिए मैं हर वो पक्ष -विपक्ष और मैं हर वो पहलू का ध्यान करना जनता हूं, किंतु जितना तुम्हे मैं मानता हूं उतना ही स्वयं को भी पहचानता हूं, मैं अपने भी स्वाभिमान पर मैं अभिमान करना जनता हूं , तुम्हारी स्वीकृति - अस्वीकृति का तुमको पूर्णतः का ये अधिकार है , पर यु गिड़गिड़ाकर के मेरा प्रेम पाना कभी भी मुझे यु स्वीकार नहीं है , यदि तुम्हे प्रेम हो तो , पूर्ण हो परिपूर्ण हो , सम्पूर्ण हो यदि भीख में मिले प्रेम तो प्रेम पर भी धिक्कार है ...🥀 ©बेजुबान शायर shivkumar तुम्हारी हर एक #सहमति / या " #असहमति " का मैं मान करना जनता हूं, तुम्हारे घर के मान का #स्वाभिमान का भी #सम्मान करना जनता हूं, मैं जानत
तुम्हारी हर एक #सहमति / या " #असहमति " का मैं मान करना जनता हूं, तुम्हारे घर के मान का #स्वाभिमान का भी #सम्मान करना जनता हूं, मैं जानत
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बातें सब की सुन लेता हूँ मैं ख़ामोशी से करते जाना अपने दिल की मेरी आदत है काँटों से उलझाना दामन है शौक मेरा . दिल मे दर्द पराया बसाना मेरी फ़ितरत है….!!! ©हिमांशु Kulshreshtha मैं...
मैं...
read morekevat pk
White अब ना ही करो इंतजार मेरा क्योंकि था तुम्हारा , पर अब नहीं।। ©kevat pk मैं
मैं
read moreAjay Tanwar Mehrana
ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ कोई कह तो दे कि मैं बर्बाद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं , कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने ना समाज की रिवाजों के भरम ने , झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं ! मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ©Ajay Tanwar Mehrana मैं आजाद हूं
मैं आजाद हूं
read morekevat pk
White "मैं हूँ और वह है, मिलना चाहते हैं, पर दूरी इतनी है, जैसे धरती और आसमान।" "कभी लगता है, चूर-चूर हो जाऊँ, फिर लगता है, मिलना तो तय ही है।" ©kevat pk #मैं और वो
#मैं और वो
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