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Parasram Arora
मेरी प्राचीन कविताओं का काव्यसंग्रह .जंगलगी संदूक की छत तोड़ अपने अस्तित्व की की सुरक्षा हेतु मुझसे गुफ्तगू करना चाहता है .....परन्तु मैं तो व्यस्त रहा निरन्तर नए संदर्भो और छंदो की तलाश में .....नतीजतन पुरानी पड चुकी कविताये उपेक्षित. होकर चलन से बाहर हो गई .....अबजबकि सब कुछ बदल चूका आधुनिकता के परिवेश में ..और नई कविताये गर्भ से आनेके लिए छटपटा रही है ...लेकिन अमर्यादित भाषा की आवारगी .देख खुदकशी के लिए मन बना रही है ........वे नवजात आधुनिक कविताये ...... आधुनिक कविता की खुदकशी
आधुनिक कविता की खुदकशी
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'अरे भगाओ इस बालक को, होगा यह भारी उत्पाती जुलुम मिटाएंगे धरती से इसके साथी और संघाती यह उन सबका लीडर होगा नाम छपेगा अखबारों में बड़े-बड़े मिलने आएंगे लद-लदकर मोटर-कारों में' व्याख्या - कवि कहता है कि एक निम्नवर्गीय परिवार में जिस बच्चे ने जन्म लिया है वह बड़ा होकर निम्नवर्गीयो वर्गों का नेता होगा और अपने साथियों से मिलकर व्यवस्था परिवर्तन कर देगा। ये पंक्तियाँ कवि की मार्क्सवाद के प्रति आस्था को व्यक्त करती हैं। वह इस मार्क्सवादी विचार में विश्वास रखता है कि क्रांति होगी और निम्नवर्ग में क्रांति करने की शक्ति है। मात्र उसे सही नेतृत्व की जरूरत है। ©Nikhat #आधुनिक हिंदी कविता, कवि - नागार्जुन
Shahab
आधुनिक इश्क में मैं बस इतना पुराना हूं , जिस्मों वाली मोहब्बत के दौर में बिंदी , काजल और उसके पायल का दीवाना हूं... ©Shahab #आधुनिक
कवि अर्जून सिंह बंजारा
सत्य भाष जन जन की आवाज ©कवि अर्जून सिंह बंजारा आधुनिक मिडिया
आधुनिक मिडिया #Poetry
read moreAshok Verma "Hamdard"
*न हथियार से मिलती है , न अधिकार से मिलती है।* *नोट दिखाओ तो बड़े प्यार से मिलती है* 😀❤️😀❤️😀❤️😆❤️😆❤️😆❤️😆 ©Ashok Verma "Hamdard" आधुनिक प्यार
आधुनिक प्यार #कविता
read moreAbhishek Rathor
"आदमी" वक्त की मार से डरता हुआ "आदमी" गुंडों के डर से सहमा हुआ "आदमी" पुलिस के खोफ से डरा हुआ "आदमी" नेता के झूठे अल्फाजों में बेहका हुआ "आदमी" अपने ही शहर में लापता हुआ "आदमी" खुद के घर से बेघर होता हुआ "आदमी " बेरोज़गारी के दलदल में फंसा हुआ "आदमी" ग़रीबी की आड़ में भूखा सोता हुआ "आदमी" शराब के नशे में चूर होता हुआ "आदमी" ताश को जेब में रख कर घूमता हुआ "आदमी" दिन दहाड़े मार कर भागता हुआ वो "आदमी " हर हादसे को नाटक समझ कर देखता हुआ "आदमी" किसी की तकलीफ को न समझने वाला "आदमी" अपने ही पैसों की मस्ती में झूमता हुआ "आदमी" "भूख से चिकता हुआ वो भी आदमी भूख से मरने वाला भी वही आदमी" ©Abhishek Rathor #आधुनिक "आदमी" ##
आधुनिक "आदमी" ##
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