Find the Latest Status about हूरों मलक मनाते हैं सब from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हूरों मलक मनाते हैं सब.
BHAWANI RAJPUROHIT
फ़ोन कल्पना की दुनिया छोड़ कर बस आज एक दिन के लिए यथार्थ में आते हैं चलो मोबाइल से चार्जर हटाते हैं..इतवार मनाते हैं। क्यों नहीं ऐसा करें खाली तिज़ोरी है दुआओं से भरें। आज बैठे माँ-बाप के चलो पाँव दबाते हैं..... इतवार मनाते हैं। इन्हें धन दौलत कुछ नहीं चाहिये तुम्ही तो हो जो कुछ भी हो। चलो आज बच्चों को पार्क घुमा लाते हैं..... इतवार मनाते हैं। एक और उपाय है वो जो एलबम है वो बहुत से खट्टे मीठे पल छिपाये हैं। उन्ही पलों को आओ ढूंढ लाते हैं...... इतवार मनाते हैं। आओ एक काम करें चाय पानी का इंतज़ाम करें। फ़ोन बुक खोलो। कुछ भूले बिसरों को आज फोन लगाते हैं..... इतवार मनाते हैं। कुछ पल फुरसत के इस भागम भाग भरी ज़िन्दगी से आओ चुराते हैं। आज फिर से वही पुराने वाला..... इतवार मनाते हैं। @इतवार मनाते हैं
Mannu
अरे सुनो आओ ना तुम भी A - दोस्त हम भी ना दीवाली मनाते हैं आओ ना दीवाली मनाते हैं
DR. LAVKESH GANDHI
गुलाल चेहरे पर गुलाल लगाकर चलो खुशियांँ मनाते हैं चलो दर पे खुशियांँ आई हैं चलो खुलकर मनाते हैं आज तो चारों तरफ खुशियांँ ही खुशियांँ हैं चलो इसे उत्सव के रूप में मिलकर मनाते हैं ©DR. LAVKESH GANDHI #Kundan&Zoya # # चलो उत्सव मनाते हैं #
Jaydev Kumar
चल पगली तुम्हें ले चलता हूं चांद के पार रूठे हो क्यों मुझसे ओ मेरे यार किया है तुम्हें मैंने दिलो जान से प्यार, किया था वादा जो तूने मुझसे एक पल में भूल गई जब लगी थी चोट पैरों में तो दौड़ी दौड़ी आई थी तुम और आज कहते हो जा तुम मैं नहीं जाऊंगी पछताओगे बाद में करोगे याद हमें बैठ के यूही राहे तक ना करना मेरा इंतजार चल पगली तुम्हें ले चलता हूं चांद के पार,,,,, ©Jaydev Kumar पगली रूठ गई ,,,,, पगली को मनाते हैं
मासूम
एक नये तरीके से , दीवाली मनाते हैं..... दीपोत्सव कर , पुनः , राम राज्य लाते हैं हम भी किसी , सबरी के , जूठे बेर खाते हैं धर्म जाति का भेद मिटा , मित्रता निभाते हैं मात - पिता की सेवा में , तत्पर हो जाते हैं भाई से भाई का , चलो हम , प्रेम दर्शाते है देश की मिट्टी का सम्मान करना सिखाते हैं आओ एक नए तरीके से , दीवाली मनाते हैं आओ एक नए तरीके से , दीवाली मनाते हैं प्रेम और सौहार्द , का ,दीप जलाते हैं खुशियों के सौगात का , दीप जलाते हैं सुविचार और संस्कार का , दीप जलाते हैं आदर और सत्कार का , दीप जलाते हैं एक नए उत्थान का , दीप जलाते हैं भारत के नव निर्माण का , दीप जलाते हैं आओ एक नए तरीके से , दीवाली मनाते हैं आओ एक नए तरीके से ,दीवाली मनाते हैं क्यूं ना? आज चलो, किसी निर्धन के घर जाते हैं खाली हाथ नहीं , खुशियों की मिठाई ले जाते हैं घर पर अपने दो दीये हम , कम ही जलाते है उसी दीये से झोपड़ी इनकी, रौशन कर जाते हैं चलो छोड़ो हम इस बार , पटाखे नहीं जलाते हैं संग बैठ कर , खुद भी हसतें और इन्हें हसातें हैं आओ एक नए तरीके से , दीवाली मनाते हैं आओ एक नए तरीके से , दीवाली मनाते हैं भूख से तड़पते बच्चों को , भोजन पहुंचाते हैं नए वस्त्र देकर , इन देवों से आशीष कमाते हैं उदास चेहरों पर , चलो खिलखिलाहट लाते हैं खोया जो "मासूम" का , मासूमियत ढूंढ लाते हैं दिल से दिल तक पहुंचने का , मार्ग अपनाते हैं पैसे से नहीं व्यवहार से , सबको अपना बनाते हैं आओ एक नए तरीके से , दीवाली मनाते हैं.. आओ एक नए तरीके से , दीवाली मनाते हैं... 👉✍️ अपर्णा त्रिपाठी "मासूम" ✍️👈 ✍️ महराजगंज ✍️ ©मासूम आओ एक नए तरीके से दिवाली मनाते हैं
Kavi Sukhveer Shikhar
गीत जो भी रूठे हैं उन को मनाते चलो, दोस्तो प्यार के गीत गाते चलो। प्रेम दुनिया में जीवन का आधार है, देवताओं ने भी तो किया प्यार है। प्यार के ही वशीभूत इंसान है, प्यार के आगे झुक जाता भगवान है। प्यार से सारे झगड़े मिटाते चलो, दोस्तो प्यार के गीत गाते चलो। प्यार करते हैं जो पाप करते नहीं, बेवज़ह वो किसी से झगड़ते नहीं। प्यार जिस्मों पे मरना नहीं दोस्तो, प्यार का अर्थ छूना नहीं दोस्तो। प्यार क्या है ये सब को बताते चलो, दोस्तो प्यार के गीत गाते चलो। प्यार में ही तो मीरा भी विष पी गई, प्यार में राधा तन्हाई में जी गई। हैं ज़माने में दुश्मन बहुत प्यार के, प्यार में जीत जाते हैं सब हार के। हार कर जीतना तुम सिखाते चलो, दोस्तो प्यार के गीत गाते चलो। सुखवीर चौधरी मथुरा (उत्तर प्रदेश) मो-9837219226 ©Sukhaveer Chaudhary जो भी रूठे हैं उनको मनाते चलो #Cassette