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usha
जगमगाएंगे तारें भी आज चांद भी गीत गुन गुनाएगा पंक्षियों में भी चहल पहल होगी जब कृष्णा फिर से नन्हा बालक बनकर आएगा जगमग जगमग सारा गाँव रौशन हो जाएगा अपनी माईया के लिए कृष्णा फिर से वापस आएगा, जगमगाएंगे तारें भी आज चांद भी गीत गुन गुनाएगा..! usha... ✍ # जन्माष्टमी कविता
# जन्माष्टमी कविता
read moreViddya Sagar
श्री कृष्ण जन्माष्टमी ©Viddya Sagar जन्माष्टमी महोत्सव पर #MahaKumbh2021
जन्माष्टमी महोत्सव पर #MahaKumbh2021
read moreMukesh Gadri
इस जन्माष्टमी पर, (1)मथुरा में जन्मे, गोकुल में पल्ले एसे हमारे श्री कृष्ण लल्ले-2 (2)गोपियों को तरसाए तो राधे को मनाए , लोगों को भृम से जगाकर गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठाए एसे हे_____श्री कृष्ण लल्ले-2 (3)माक्खन चुरा कर दोस्तों को खिलाए, ग्वाला बनकर गायों को चराए एसे हे____श्री कृष्ण लल्ले-2 (4)जब भरा घड़ा कंश के पापों का, तब गोकुल से मथुरा की ओर चले एसे हे___श्री कृष्ण लल्ले-2 (5)सुदामा संग मित्रता निभाई, लोगों में दोस्तों की भावना जगाई एसे हे___श्री कृष्ण लल्ले-2 (6)अर्जुन के साथ रहकर गीता सुनाएं, कौरवों को हराकर महाभारत रचाए एसे हे___श्री कृष्ण लल्ले-2 मार्गदर्शक चंद्रेश जी सर छात्र मुकेश गाडरी स्पेशल जन्माष्टमी पर स्वरचित
स्पेशल जन्माष्टमी पर स्वरचित #कविता
read moreNeeraj Saroha
इस जन्माष्टमी पर , है कन्हैया , तुम मेरे संग भी आ जाना, 56 भोग तो हैं नहीं पर, मैस का भोजन खा जाना, बैठ के इस फौजी नीरज के संग भी, थोड़ा सा भोग लगा जाना, इस जन्माष्टमी पर, है कन्हैया ,तुम मेरे संग भी आ जाना, बैठ के गप्पे मारेगे, थोड़ा सा इस फौजी की बाता का भी संवाद सा ले जाना, कुछ तुम अपनी सुनना ओर कुछ मेरी सुन के चले जाना, इस जन्माष्टमी पर, है कन्हैया , तुम मेरे संग भी आ जाना, फौजी लिखे हैं कविताएं, थोड़ी सी उनकी धुन भी सुन जाना, अच्छे भले - बुरे का ज्ञान थोड़ा सा , है प्रभु मुजको दे जाना, अपने प्यार की लीलाओं का , एक दो किस्से सुना जाना, इस जन्माष्टमी पर, है कन्हैया , तुम मेरे संग भी आ जाना।।।।। 🙏जय श्री कृष्ण कन्हैया की🙏 ##नीरज सरोहा## इस जन्माष्टमी पर , #janmashtami
इस जन्माष्टमी पर , #janmashtami #कविता #नीरज
read moreKeshav Savarn
हे माखन! चुराने वाले, दिल को चुराना क्या तुम सिखाए, अपनी मुरली के धुनों पर, जग को क्या तूने नचाए। प्रेम का जो बीज बोया, फसलें अब भी लहलहाती, इश्क की गलियों में अब भी, राधे राधे है प्रभाती। जन्माष्टमी के अवसर पर।
जन्माष्टमी के अवसर पर। #कविता
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