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Rameshkumar Mehra Mehra
White आनंद बहां नही................ जहां धन मिलता है..! आनंद बहां है...!! जहां मन मिलते है...!!! और परमानंद बहां है....!!!! जहां तन मिलते है... ©Rameshkumar Mehra Mehra # आनंद बहां नही,जहां धन मिलते है,आनंद बहां है,जहां मन मिलते है,और परमानन्द बहां है,जहां तन मिलते है....
# आनंद बहां नही,जहां धन मिलते है,आनंद बहां है,जहां मन मिलते है,और परमानन्द बहां है,जहां तन मिलते है.... #Quotes
read moreVic@tory
White जुदा होकर भी उसका इंतज़ार है तो है उस ज़ालिम से आज भी प्यार है तो है ख़बर है मुझे उसकी नज़र अंदाज़ी की मगर उसे देखने को दिल बेकरार है तो है वो करते रहे गैरो सा सलूक हम से मगर वो मेरे अपनो में शुमार है तो है नफरत की दीवार, चाहे खड़ी कर दें तो नफरत मगर फिर भी उस पे जां निसार है तो हे बेशक़ मोहब्बत आज भी उसी से है धड़कनें आज भी उसकी तलबगार है तो है… ©Vic@tory #शुमार है तो है
#शुमार है तो है
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
हमारी स्वरचित रचना tarukikalam Trending Poetry mahadev Quote nojotohindi भक्ति
read moreKesh Karan nishad
White संपूर्ण अवतार वाणी एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है ©Kesh Karan nishad ## प्रभु की रचना##
## प्रभु की रचना##
read moreKesh Karan nishad
White संपूर्ण अवतार वाणी एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है। शुद्र, वैश्य और ब्राह्मण,क्षत्रिय एक की रचना सारी है।। ©Kesh Karan nishad #प्रभु की रचना#
Kesh Karan nishad
White संपूर्ण अवतार वाणी एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है ©Kesh Karan nishad ## प्रभु की रचना##
## प्रभु की रचना##
read moreSushil
White मेरे भारत देश को विजय बनाने के लिए कयामत से कयामत लड़ जायेंगे कभी मिट्टी से मिट्टी बना होगा कभी बनकर आंसू आंखों से हम तुम्हारी बह जाएंगे कभी लहराएंगे आने वाली फसलों में क्या हुआ हम सरहदों पर नहीं देश में रहनेवाले देश द्रोहियों ओर गद्दारों को सबक़ सिखाएंगे वन्दे मातरम् ©Sushil कुछ और भी है जो कहना है
कुछ और भी है जो कहना है #Shayari
read moreRabindra Kumar Ram
" जाने किसकी अज़िय्यत में हूं आखिर क्यों उसके तमाम हसरतों का मक़बूलियत हैं क्यों " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " जाने किसकी अज़िय्यत में हूं आखिर क्यों उसके तमाम हसरतों का मक़बूलियत हैं क्यों " --- रबिन्द्र राम #अज़िय्यत -( प
starlight
White फूलों की लाशों में ताजगी चाहता है आदमी चूतिया हैं कुछ भी चाहता है जिन्दा है तो आसमान में उडने की जिद है मर जाए तो सडने को जमी चाहता है आदमी चूतिया है कुछ भी चाहता है ©starlight आदमी चूतिया है कुछ भी चाहता है
आदमी चूतिया है कुछ भी चाहता है #Quotes
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