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Stories related to सावन लोकगीत बुंदेली

theABHAYSINGH_BIPIN

#GoodNight इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्

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White इश्क़ ए ज़ज़्बात

इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं,
हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं।
कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी,
ए इश्क़ के गलियारें कभी भाया नहीं।

मैंने याद बहुत किया उन हसीं लम्हों को,
बीत गया सावन वो वापस आया नहीं।
सुख गईं आँखें मेरी अच्छे की आस में,
पर ख़्वाब हक़ीकत में कभी आया नहीं।

कितना अजीज़ शख़्स था मेरे दिल को,
जो इश्क़ ए ज़मीं पर कभी आया नहीं।
अभय, इंतेज़ार की ये घड़ियाँ गवाह हैं,
ना आने का कारण कभी बताया नहीं।

©theABHAYSINGH_BIPIN #GoodNight 

इश्क़ ए ज़ज़्बात

इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं,
हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं।
कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी,
ए इश्

theABHAYSINGH_BIPIN

#Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के

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वक्त के साथ किरदार बदलता है,
वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं।
कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर,
वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं।

वक्त के साथ मिटती हैं दूरियाँ,
वक्त के साथ अपने भी बदलते हैं।
क्यों पकड़े हो कसकर पतंग की डोर,
इशारे में थामो, उड़ान बदलती है।

क्यों बढ़ने हैं तुम्हें सब एक दिशा से,
वक्त के साथ रिश्ते भी बिखरते हैं।
क्यों आवेश में पड़े चिंतित हो,
वक्त पर ही सारी पहेलियाँ सुलझती हैं।

हर रिश्ते में वो जज़्बात रहते हैं,
हर रिश्ते में वो तड़प रहती है।
क्यों हो इतना भी बेकरार तुम,
वक्त पर ही नींद सुकून की आती है।

जिंदगी का फ़लसफ़ा किसे पता,
वक्त पर ही जिंदगी सब सिखाती है।
क्यों कार्यों के बोझ तले डूबे हो,
वक्त ही वक्त ख्वाहिशें जगाता है।

नासूर ज़ख्मों की परवाह क्यों,
वक्त पर ही दवा मिलती है।
दिल अगर टूटा है तो क्या हुआ,
वक्त पर ही अपने मिलते हैं।

क्या हुआ जो मौसम सावन चला गया,
वक्त पर ही तो सारे मौसम बदलते हैं।
क्या हुआ जो रिश्ते पतझड़ बन गए,
वक्त पर ही बसंत की बहार खिलती है।

छोड़ दो बेफिक्री में बेफिकर उसे,
वक्त पर ही दबे राज भी खुलते हैं।
वक्त पर सब कुछ अच्छा मिलता है,
वक्त पर ही सही, नक्षत्र मिलते हैं।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Hope  
वक्त के साथ किरदार बदलता है,
वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं।
कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर,
वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं।

वक्त के

Sanatan_Sanskriti_Shubhash

सावन और हरिद्वार -- एक उत्कृष्ट संयोग Sawan and Haridwar - a wonderful combination Follow for more.... #mahadev #harharmahadev #lordshiva

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Vijay Vidrohi

हरियाणवी लोकगीत #my #New #poem #ragni song #Poetry #Like #share #viral #Trending english translation in english in hindi

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White हरियाणवी लोकगीत 

एक कहवै तो दूजा सुणले, 
बेकार लड़ाई ना होवै।
इस तरियां जै सोचै सारे,
लोग हंसाई ना होवै।

दो गज खातिर भाई भाई,
कितने मरगे लड़कै न
कितन्यां के यैं ढूंड उजड़गे,
झूठी ज़िद पै अडकै न
दगा करणिया लालची माणस,
अंत मरै सै सड़कै न
भीतर भांडे भिड़ज्यां तै,
ना बाहर जाणदयो खड़कै न।
फेर राई का पहाड़ बणै ,
जै गात समाई ना होवै।
इस तरियां जै सोचै सारे,
लोग हंसाई ना होवै।

©Vijay Vidrohi हरियाणवी लोकगीत #my #new #poem #ragni #song #poetry #like #share #viral #Trending      english translation        in english    in hindi

kuldeepbabra

सावन की शुरू हुई कावड़ हरिद्वार से उज्जैन तक wbhakti bhajan

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धर्मेश राजपूत

इजाजत हो तो फिर से तेरी सूनी मांग भर दूँ क्या जो बाकी है मेरी जिंदगी सारि तेरे नाम कर दूं क्या तेरे पतझड़ से जीवन को सावन की मल्हार दे दूं

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