Find the Latest Status about राममूर्ति पहलवान की जीवनी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, राममूर्ति पहलवान की जीवनी.
govind bundelkhandi
लौन्डई हम काल पहलवान दूध वाले की दुकान मां गयेन पहिले हम 15 रुपया के पेढा खावा फिर 15 रुपया के पेढा खावा हमरी जेब पैसा एको न रहय्ं अब बताओ पहलवान हमरे साथ का करी पहलवान दूध की दुकान
पहलवान दूध की दुकान
read moreManmohan Dheer
रियासते इश्क़ में बादशाह दिल का यूं एलान हुआ दिल ही गिरफ़्तार हुआ और दिल ही कुर्बान हुआ बयान दिमाग ने घुमाया गधा क्यूँ पहलवान हुआ कमसिन जवाब आया अल्ला जो मेहरबान हुआ . पहलवान
पहलवान
read moreV Gurjar
ये जीवन बड़ा रंगीन बताया । न जाने कहाँ गए वो रंग जो देखे ही नही।। अपनी जन्दगी के कुछ रंग उड़ गए । तो कुछ देखे ही नही ।। कैसा बेरंग है जीवन, फिर भी जिंदगी बड़ी रंगीन है ।। ©V Gurjar जीवनी की कलम ।। #standAlone
जीवनी की कलम ।। #standAlone
read moreNirankar Trivedi
मेरे संघर्ष की कहानी मेरे जीवन की भी संघर्ष कहानी भिन्न रही, जैसे पाषाणो पर पेड़ उगाना उससे भी कुछ भिन्न रही | मैं जल हूँ और बहना मेरा काम रहा, कुछ दूरी चलने पर ही जीवन में एक मोड़ रहा | इतना भटका इतना भूला चलना कितना भूल गया, सीधे पथ पर भी मैं सीधा चलना भूल गया | मंजिल भी मिल जाती थी पर रुकना उस पर भूल गया, मिला हमेशा पथ पर चलकर ये भी कहना छूट गया | जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ संघर्ष भी उतना बड़ा हुआ, जिद थी मेरी लड़ने की संघर्षों से मैं बड़ा हुआ | #मेरे संघर्ष की कहानी मेरी जीवनी
#मेरे संघर्ष की कहानी मेरी जीवनी
read morekhushboo subraj tiwari
सफर-ए-जिंदगी के भी राह सुहाने होते हैं, यहाँ के भी रंग अंजाने होते हैं, खुशियों की हरियाली, दुखों की भी छठा निराली होती है, गिरने वाले लाल और गीर कर उठने वाले रौशनी के रंगों से रौशन उनकी जीवनी होती है ।। #NojotoQuote जीवनी
जीवनी
read moreDeepak Kurai
गौतम बुद्ध यह एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। इनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थीं, जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। 29 वर्ष की आयुु में सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग एवं सत्य दिव्य ज्ञान की खोज में रात्रि में राजपाठ का मोह त्यागकर वन की ओर चले गए । वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए। कई ग्रंथों में यह मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है. ©Deepak Kurai #BuddhaPurnima2021 गौतम बुद्ध की जीवनी #जीवन
#BuddhaPurnima2021 गौतम बुद्ध की जीवनी #जीवन #विचार
read moreranjan
सोच रहा हूँ कि अपनी जीवनी लिखूँ ज़िससे आपको भी पता चले कि एक साधारण इंसान इतना महान आदमी कैसे बना . जीवनी
जीवनी #शायरी
read more