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Amit Singhal "Aseemit"
हे ईश्वर, मेरी डूबती नैया के तुम बन जाओ खेवनहार, समस्याओं की लहरों से बचाकर इसको लगा दो पार। अब तो मेरी डूबती नैया की तुम्हीं संभाल लो पतवार, जीवन के तूफ़ानों से लड़ते लड़ते अब मैं तो गया हार। ©Amit Singhal "Aseemit" #मेरी #डूबती #नैया
Shubham Bhardwaj
White डूब रही है नैया मेरी, कैसे पार लगाऊँगा। नजर आता नही किनारा, कैसे द्वार पाऊँगा।। तन्हा तन्हा बीत रहा है,जीवन का हर पल । नही मिला कोई खिवैया, तो जीवन हार जाऊँगा।। ©Shubham Bhardwaj #Free #जीवन #नैया #किनारा #पार #लगा
Mahadev
good morning ©sonam Satish Kaushal Muna Uncle Ranjit Kumar Dp Singh ADV.काव्या मझधार
Mahadev
Mahadev
AD Grk
White मेरा बैठना उठना भी अगर बुरा लगे तो मैं क्या करूँ.. मैं वो तो नही जो वो हैं आख़िर मैं क्यो.. औरतों वाले काम करूँ. 😜😜😜😜😜😜😜😜😜 don't mind ©AD Grk #Emotional #nojotoADGrk MRS SHARMA ADV.काव्या मझधार Vaishnavi Pardakhe astro sana komal Tanwar
Jashvant
White मिरे रब की मुझ पर इनायत हुई कहूँ भी तो कैसे इबादत हुई हक़ीक़त हुई जैसे मुझ पर अयाँ क़लम बन गया है ख़ुदा की ज़बाँ मुख़ातिब है बंदे से परवरदिगार तू हुस्न-ए-चमन तू ही रंग-ए-बहार तू मेराज-ए-फ़न तू ही फ़न का सिंघार मुसव्विर हूँ मैं तू मिरा शाहकार ये सुब्हें ये शामें ये दिन और रात ये रंगीन दिलकश हसीं काएनात कि हूर-ओ-मलाइक वो जिन्नात में किया है तुझे अशरफ़-उल-मख़्लुक़ात मिरी अज़्मतों का हवाला है तू, तू ही रौशनी है उजाला है तू , फ़रिश्तों से सज्दा भी करवा दिया, कि तेरे लिए मैं ने क्या न किया ये दुनिया जहाँ बज़्म-आराईयाँ, ये महफ़िल ये मेले ये तन्हाइयाँ फ़लक का तुझे शामियाना दिया, ज़मीं पर तुझे आब-ओ-दाना दिया मिले आबशारों से भी हौसले, पहाड़ों में तुझ को दिए रास्ते ये पानी हवा और ये शम्स-ओ-क़मर, ये मौज-ए-रवाँ ये किनारा भँवर ये शाख़ों पे ग़ुंचे चटख़्ते हुए, फ़लक पे सितारे चमकते हुए ये सब्ज़े ये फूलों-भरी क्यारियाँ, ये पंछी ये उड़ती हुई तितलियाँ ये शो'ला ये शबनम ये मिट्टी ये संग, ये झरनों के बजते हुए जल-तरंग ये झीलों में हँसते हुए से कँवल, ये धरती पे मौसम की लिक्खी ग़ज़ल ये सर्दी ये गर्मी ये बारिश ये धूप, ये चेहरा ये क़द और ये रंग-रूप दरिंदों चरिन्दों पे क़ाबू दिया, तुझे भाई दे कर के बाज़ू दिया बहन दी तुझे और शरीक-ए-सफ़र, ये रिश्ते ये नाते घराना ये घर कि औलाद भी दी दिए वालदैन, अलिफ़ लाम मीम काफ़ और ऐन ग़ैन ये अक़्ल-ओ-ज़हानत शुऊ'र-ओ-नज़र, ये बस्ती ये सहरा ये ख़ुश्की ये तर और इस पर किताब-ए-हिदायत भी दी, नबी भी उतारे शरीअ'त भी दी ग़रज़ कि सभी कुछ है तेरे लिए, बता क्या किया तू ने मेरे लिए ©Jashvant इबादत मेरे रब की ADV.काव्या मझधार Chanda Yogita Agarwal Diksha Singh Neema
#शून्य राणा
लोग पूछते है तेरे बारे में , क्या बताऊं?? तेरा प्यार बताऊं,,या फिर बेवफाई । प्यार वो जो रगो में दौड़ता है आज भी ,,सीने में धड़कता है अब भी ,, या फिर बेवफाई,,जो तूने कभी की ही नही ।। # तेरा भोलापन बताऊं,,या फिर तेरी चालाकी,,,भोलापन वो जो ,,बरकरार है आज भी मेरी तलाश में ,,,या फिर चालाकी ,,जो तुझे कभी करनी आई,,ही नही ।। # लम्हा लम्हा तेरा जिक्र बताऊं,,या तुम्हे वो मेरी फिक्र बताऊं,, जिक्र तो तेरा तारों से करता हूं अब भी ,,नही करता तो खुद की फिक्र बताऊं ,,लोग पूछते है तेरे बारे में क्या बताऊं।। # तेरा वो मुझपर हंसना बताऊं,,या बच्चो जैसा तेरा रूठ जाना बताऊं ,,गूंजती है कानो में आज भी वो तेरी बेवाक हसी ,, झझोर देता है मन को ,,वो तेरा आखिरी बार जाने से पहले का रोना बताऊं।। # लोग पूछते है तेरे बारे में क्या बताऊं,,,या बस ये कह दूं,,तेरी शिकायते मुझसे खतम हुई ..अब तुम वापस नही आओगी ,,अब तुम वापस नही आओगी ।। लोग पूछते हैं,,तेरे बारे में क्या बताऊं?? 💔 💔 happy holi dear 💔 ©****#शुन्य***** # stil I realy miss u chummu 💔#alone #tanha Kaur Sardarni......,, neelu ADV.काव्या मझधार NIKHAT (दर्द मेरे अपने है ) धुंधले शब्द
Jashvant
White लरज़ने वाले लरज़ रहे हैं लरज़ते झोंके गुज़रते बल खाते रेंगते सरसराते झोंके निसाई मल्बूस की तरह सरसराने वाले कड़कने वाली की चाबुकों से अगरचे दौर-ए-रवाँ के आँसू टपक रहे हैं मगर नज़र जिस तरफ़ भी उठती है देखती है गुज़र रहे हैं गुज़रने वाले ये कौन दुबका हुआ इस आवारा रास्ते में खड़ा हुआ है कि जैसे साबुन का कोई रंगीन बुलबुला हो ज़मीं के बचपन में जो भी शय थी वो ना-शनासा-ए-आरज़ू थी शबाब आया तो रेंगने वाली रेंग उठी और आज ये हाल है कि हर शय ये चाहती है कि एक तूफ़ान बन के गिराए रास्तों में ये कौन दुबका हुआ उस आवारा रास्ते में खड़ा हुआ है कि जिस तरह बहते बहते आवाज़ रुक के ये सोचने लगी हो कि जू-ए-सहरा बहेगी कब तक ये ज़िंदगी एक जू-ए-सहरा है बह रही है लरज़ने वाले लरज़ रहे हैं मगर नज़र जिस तरफ़ भी उठती है देखती है गुज़र रहे हैं गुज़रने वाले ©Jashvant एक नज्म Geet Sangeet ADV.काव्या मझधार Andy Mann Ek Alfaaz Shayri Lalit Saxena