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'Bharat' Sachin
# दर्पण # "झूठे वादे, लालच, साम्प्रदायिक दंगे, लोकतंत्र में कुर्सी कितनी सस्ती है!!" - 'भारत' सचिन. . . ✍🏻 #NojotoQuote #दर्पण #दर्पण #हिंदी_हैं_हम_हिंदी_से_हम
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read morevijay chawla
चेहरा "दर्पण" होता है.. यह "सच".."झूठा" नहीं हो सकता.. किंतु बाजार में मिलने वाले "दर्पण" के पीछे लगा, पारे और सिंदूर का मिश्रण झूठा हो गया है.. _✍️ विजय चावला ©vijay chawla #udaasi #चेहरा #दर्पण #कविता #poem #शायरी #status #viral
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read moreParasram Arora
हर दर्पण तेरा दर्पण हैँ हर चितवन तेरी चितवन हैँ मै किसी नयन का नीर बनू तुझको ही अर्घ्य चढ़ाता हूं हर क्रीड़ा तेरी क्रीड़ा हैँ हर पीड़ा तेरी पीड़ा हैँ मै कोई खेलू खेल दांव तेरे साथ लगाता हूं हर वाणी तेरी वाणी हैँ हर वीणा तेरी वीणा हैँ मै कोई छेड़ू तान तुझे ही आवाज़ लगाता हूं हर दर्पण तेरा दर्पण हैँ.......
हर दर्पण तेरा दर्पण हैँ.......
read moreस्मृति.... Monika
तेरी साँस मेरी साँस में घुली ऐसी मुझे साँस तेरी साँस सुनाई दे अब अंतर तुझमें मुझमें क्या ❓️ दर्पण में भी तू ही दिखाई दे || @स्मृति.... मोनिका ✍️ #leaf #शायरी #दर्पण में भी तू ही दिखाई दे
Mere Shabdo Ki Duniya
#DearZindagi "चहरे"तो बहुत है पर उसका चेहरा "दर्पण" हैं दर्पण उसका चेहरा.... #कविता #कहानी #शायरी #संगीत #विचार#कला
Babli Gurjar
दर्पण का दर्द पिघलते हुए देखा है मैंने कहने लगा गुमनाम से हो गए असली चेहरे आजकल लोग मुझे झूठा कहने की फिराक में रहते हैं खुद के कारनामों के इल्ज़ाम भी दूसरे के माथे मढ़ते है भूल जाते हैं दुनिया को भरम में रख सकते हैं बेशक असल कर्मो के फैसले से तो हरगिज़ नहीं पाएंगे वे बच बबली गुर्जर ©Babli Gurjar दर्पण
दर्पण #शायरी
read moreBabli Gurjar
नयी पौध में अदब की अदायगी का शौक चुलबुली सी ख़्वाहिशें दिखाएं परवरिश की सोच दर्पण में दमकती है उसकी साफ सुथरी छवि रोज़ मां के कंधों का अधिकतर उठाए रखती है बोझ बबली गुर्जर ©Babli Gurjar दर्पण
दर्पण #शायरी
read moreAerials 255
मैं अपने भीतर डर नही रखता, जेब मे दर्पण रखता हूँ। जब जरूरत होती है देख लेता हूँ। जब जरूरत होती है दिखा देता हूँ। #दर्पण
Dimple Kumar
तुम्हारी मोहब्बत का जुनून, हम पर कुछ इस कदर छाता है l देखता हूं जब कभी मैं दर्पण, चेहरा तेरा नज़र आता है l पिछले कुछ दिनों से, सब कुछ बेतरतीब सा लगता है l हर मिलने वाला शख्स मुझे, अजीब सा लगता है l साँस मैं लेता हूं, खुशबू तेरी बिखर जाती है l आंखें बन्द करता हूं तो, तेरी तस्वीर उभर आती है l ख़्वाब भी गर आते है, तो वो भी तुम्हारे, ख़्वाब में कोई हसीना आती है, तो वो भी सिर्फ तुम हो, इश्क़ होता है गर किसी से, ख़्वाब में, वो भी तुम हो, और वो भी सिर्फ तुम हो, ख़्वाब टूटने पर, सबसे पहले, जिसका ख्याल मुझे आता है l देखता हूं जब कभी मैं दर्पण, तो तेरा चेहरा नज़र आता है ll ______ 7 जून 1996 ©Dimple Kumar #दर्पण
Parasram Arora
अब तक नहीं मिला मुझे वो स्फटिक निर्मल स्वच्छ सा दर्पण जो मेरे चेहरे क़े पीछे छिपे मुखोटों का पर्दाफाश कर सकता हो जो मेरे आचरण मे छिपे अपराध क़े साथ साथ मेरी करुणा को भी स्पष्ट दिखा सकता हो #दर्पण......
#दर्पण......
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