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KP EDUCATION HD
जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा जय जय आरती वेंकटरमणा वेंकटरमणा संकटहरणा सीता राम राधे श्याम जय जय आरती गौरी मनोहर गौरी मनोहर भवानी शंकर साम्ब सदाशिव उमा महेश्वर जय जय आरती राज राजेश्वरि राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि महा सरस्वती महा लक्ष्मी महा काली महा लक्ष्मी जय जय आरती आन्जनेय आन्जनेय हनुमन्ता जय जय आरति दत्तात्रेय दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार जय जय आरती सिद्धि विनायक सिद्धि विनायक श्री गणेश जय जय आरती सुब्रह्मण्य सुब्रह्मण्य कार्तिकेय। ©KP TAILOR HD जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा जय जय आरती वेंकटरमणा
Mahinder SINGH DUDI
आरती की जय हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की जाके बल से गिरिवर कांपे रोग दोष जाके निकट न झांके अंजनी पुत्र महाबल दाई संतन के प्रभु सदा स
Poetry with Avdhesh Kanojia
दोहा- श्यामल छबि तन पीत पट, मोर मुकुट प्रभु माथ। युगल चरन में शत नमन, करूँ जगत के नाथ।। चौपाई- जय गिरिधर जय -जय व्रजनंदन। जोरि पानि हम करते वंदन।। तव पद पंकज नावहुँ शीशा आरति हरहु मोर जगदीशा।। परम शक्ति तव राधे रानी। वंदहि देवर्षि: अरु ध्यानी।। देवराज कर मान नसाई। अरु बिरंचि अभिमान हटाई।। पंच शत्रु मोहि घेरे ठाढ़े। अवगुन दोष सकल हैं बाढ़े।। त्राहिमाम प्रभु!शरण तिहारी। हौं प्रसन्न अब पातकहारी।। दोहा- जय माधव रणबाँकुरे!, नमन प्रेम अवतार। कण कण में छवि आपकी, महिमा अमित अपार।। #जन्माष्टमी #श्रीकृष्ण #कृष्णमेरे #krishna #poem #poetry #lovequote दोहा- श्यामल छबि तन पीत पट, मोर मुकुट प्रभु माथ। युगल चरन
dev sharma
राधे राधे ...जरा समझें और महसूस करें ©dev sharma #जिंदगी का सार वो #सुकून वाले दिनों की यादों के साथ ...आइए महसूस करते हुए आनद लेते है अपने उन पलों का जो कभी वापस नहीं आयेंगे ... #सुकून क
अज्ञात
पेज-74 बन्ना गीत जो अपने बन्ना अर्थात दूल्हे को रिझाने की, मनाने की, सजाने संवारने की और उसकी बिरदावली बखान करने की एक बड़ी ही सुहावनी गीत शैली है.. जिनके बिना विवाह आनंद ही नहीं आता.. और सच मानिये तो विवाह में फ़िल्मी गीतों का वो प्रभुत्व आज तक नहीं बन पाया जो बन्ना बन्नी गीतों का सदियों से चला आ रहा है फिर बन्ना गीत की बात हो और हमारी दिव्या बहन पीछे रह जाए ऐसा तो हो नहीं सकता.. बस फिर क्या... ज्यों ही मातृकापूजन को सभी चले.. दिव्या ने शुरु किया अपना बन्ना गीत आगे कैप्शन में.. 🙏 ©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी पेज-74 हल्दी मुलाई थारे तेल चढ़ावा, हल्दी रो मोल चुकावां ला, उगतेड़ो सूरज रो रंग लागे सुरंगो,
अज्ञात
पेज -5 रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अलग दुनिया..! बड़ी अनोखी, बड़ी सुहानी दुनिया.. जहाँ भोर में सूरज की पहली किरण आते ही कालोनी के मंदिर में मन को शीतल करने वाली आरति और मस्जिद में अजान से साँझ का प्रारम्भ होता था..ईश्वर की कृपा ऐसी हुई कि वहाँ सभी रचनाकारों का व्यवसाय व्यापार और जॉब सेटल हो गया... इस कालोनी में आकर सबने अपने जीवन का एक ही लक्ष्य बना लिया... " एक दूजे के लिये जीना है " कालोनी पूरी तरह से ईर्ष्या द्वेष, घृणा मनमुटाव से मुक्त केवल भाईचारे के भावों से ओतप्रोत हो गई... ऊंच नीच जात पांत छोटा बड़ा.. इन शब्दों का कोई स्थान ही नहीं था.. मनुष्य जीवन कैसा होना चाहिए इसके लिये लोगों की जुबां पर रत्नाकरवासियों का नाम आने लगा और देखते ही देखते इस कालोनी के प्रेम और भाईचारे ने आस पास के शहरों में भी अपनी खासी पहचान बना ली.... मानो इस कालोनी को ईश्वर ने अपनी निगरानी में रख लिया हो.. और क्यूँ ना रखे ईश्वर का वास भी तो वहीं होगा जहां छल कपट ईर्ष्या द्वेष नहीं होगा... हर दिन सुखमय.. हर घड़ी आनंदमयी..! कथाकार आये दिन अपनी कालोनी में सुबह शाम भ्रमण करके सबसे उनकी कोई भी परेशानियों के बारे में पूछता चलता था..इस कालोनी ने सारे संसार की दिव्यता को अपने में समेट रख्खा था, परिणाम ये हुआ कि नोजोटो के जिन रचनाकारों को अब तक इस. कालोनी की ख़बर नहीं थी उन्हें भी जब यह पता चला तो वो भी इस कालोनी का हिस्सा बनने को आतुर हो गये.. उन रचनाकारों में A.K.शर्मा जी..जिनकी रचनाएँ बोलती हैं संस्कृति सभ्यता से जोड़ती हैं, सुमित जी..कुशाग्र लेखक...जिनकी रचनाओं की सराहना नोजोटो के मेधावी रचनाकार भी करते हैं, मनीषा जी.. जिनके आडिओ,विडिओ,राइट-अप्स, अपने आप में अद्भुत हैं, जिनकी लेखिनी बेहद प्रभावशाली है अब इस कालोनी में शामिल हो गये, सभी कालोनीवासियों ने तहे दिल से इनका स्वागत किया,, मगर अभी रचनाकारों के आने का क्रम समाप्त नहीं हुआ बल्कि नये नये रचनाकार इस अमरावती से भी उत्तम कालोनी में अपना आशियाना बनाने को उत्सुक हैं,और हों भी क्यूँ नहीं, हम सभी एक ही परिवार तो हैं,, सबका अभिनन्दन है, सबका स्वागत है.. रत्नाकर कालोनी आपका अपना वैकुण्ठधाम है.. कथाकार इनके आने से और भी प्रफुल्लित हुआ.. आइये अब चलते हैं रत्नाकर कालोनी में रोजाना घटित होने वाले कुछ आनंददायी दृश्यों की ओर... अब आगे पेज-6 ©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी पेज -5 रत्नाकर कालोनी.. ! इस स्वार्थपरक जहां से अलग दुनिया..! बड़ी अनोखी, बड़ी सुहानी दुनिया.. जहाँ भोर में सूरज की पहली कि
अज्ञात
पेज-22 इन्हें क्या हो गया अचानक से.. !कहिये ना क्या बात है.. !,, अर्रे अर्रे आप भी भावुक हो गये.. देखिये अगर मैंने कहीं कुछ अनुचित कहा हो तो क्षमाप्रार्थी हूं.. प्लीज.. 🙏🙏🙏 जे एल जी- अरे नहीं राकेश जी, आपने कुछ भी गलत नहीं कहा है, बिटिया थोड़ी भावुक हो गई.. बस और उसे देखकर हमें भी रोना आ गया.. ! राकेश- जी सम्भवतः, पर क्या मैं कारण जान सकता हूं... ! जे एल जी - जब ये छोटी थी तब से बस एक ही बात कहती " पापा मुझे कोई भाई मिलेगा क्या..!" और हम इसे एक भाई नहीं दे पाये..!एक बार भगवान ने गोद तो भरी थी पर गर्भ में ही हमने उसे खो दिया..उसके बाद फिर मेरी धर्मपत्नी कभी माँ नहीं बन सकी..! गर्भ में ही बिटिया ने अपने भैया को खो दिया... तब से हमने इसे ही अपना सब कुछ मान लिया बिटिया ही हमारा बेटा है..! मनीषा-क्या आपसे कुछ कह सकती हूं मैं 🙏🙏 राकेश-आप हाथ मत जोड़िये प्लीज और बेहिचक कहिये..!🥺🙏 मनीषा-क्या आप मेरे भैया बनोगे प्लीज..! राकेश- ओह्ह.. आपने तो मुझे भावुक कर दिया.. मनीषा.. मैं तो लड़के वाले की तरफ से था.. पर अब मैं मेरी बहन मनीषा का भाई हो गया..! मनीषा-भैया मैं अभी आई... 🙏🙏🙏 राकेश-हाँ मनीषा.. ! जे एल जी- हमने आपसे कहा नहीं पर कल से बिटिया कह रही थी आपके बारे में.. क्या मैं इन्हें अपना भैया बना लूँ पापा.. ! तब मैं निःशब्द हो गया और आज आपने बहन कह दिया मेरे मन का बोझ उतर गया.. आपका कैसे धन्यवाद करूँ मैं आपने मेरी बिटिया को एक भाई दे दिया.. राकेश- ये तो मेरा सौभाग्य है जी, मैं भाई ले लिये तरसती किसी बहना का भाई बन पाया..! इतने में मनीषा ने एक थाल में राखी और मिठाई ले कर आई और अपने भैया से कहा- आज से आप मेरे बड़े भैया हैं अपनी कलाई आगे करिये भैया...(राकेश ने कलाई आगे की, बहन ने रक्षासूत्र बांधकर अपने भैया की आरति उतारी और मुँह मीठा कराया ) इसका प्रमाण बने उस बहन की आँखों से झरते मोती.. ! मनीषा-माँ.. पापा.. देखो मुझे मेरे भैया मिल गये..! मुझे मेरे भैया मिल गये आज. अब आप कोई फिक्र मत करना अब से मेरे वीरा मेरी डोली उठाएंगे.. मेरे भैया..🥺🥺 मेरे भैया मिल गये माँ....! माँ-हाँ बेटा.. ! हाँ मेरी बच्ची... वारी जाऊं तुझ पर... तुझे भैया मिला और हमें बेटा..! राकेश ने अपनी बहन के सर पर हाथ रखा और कहा-"तुम्हारी खुशी पहले बाकी सब कुछ बाद में.." इतना कहकर राकेश माता पिता के चरणों में झुक गया.. जे एल जी-बेटा, अब तुम्हारी बहन तुम्हारे हवाले जहाँ जो करना है करो.. मेरी तिजोरी मेरा सब कुछ तुम्हारे सुपुर्द है.. अपनी बहन का घर बसा दो बेटा..! राकेश-आप फिक्र ना करें हम कल ही चलते हैं मानक के घर बात करने के लिये...! पेज-23 ©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी पेज-22 इन्हें क्या हो गया अचानक से.. !कहिये ना क्या बात है.. !,, अर्रे अर्रे आप भी भावुक हो गये.. देखिये अगर मैंने कहीं क